शिमला: प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए खुल चुके हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को अभी तक भी छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए नहीं खोला गया है. विश्वविद्यालय को खोलने की मांग अब छात्र भी कर रहें हैं, इसी वजह से छात्रों की इस मांग को लेकर एसएफआई ने एचपीयू के कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा.
विवि न खुलने से अब छात्रों को सताने लगी है पढ़ाई की चिंता
एसएफआई ने राज्यपाल के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को तुरंत प्रभाव से छात्रों के लिए खोला जाए ताकि छात्र अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी कर सकें. कोविड-19 की वजह से पहले ही छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और अभी तक प्रशासन ने विश्वविद्यालय को खोलने का कोई फैसला नहीं लिया है जिससे छात्रों को अब अपनी पढ़ाई की चिंता सता रही है.
हॉस्टल आवंटन को लेकर कोताही बरत रहा प्रशासन: एसएफआई
एसएफआई ने अपने मांग पत्र में यह भी मांग राज्यपाल के समक्ष रखी है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगले महीने से विश्वविद्यालय के अंदर स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं आयोजित करवाने जा रही है लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय के हॉस्टल ना तो छात्रों के लिए खोले गए हैं और ना ही नए छात्रों को हॉस्टल आवंटित किए हैं. एसएफआई के परिसर अध्यक्ष रविंदर चंदेल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टल आवंटन को लेकर कोताही बरत रहा है.
हॉस्टल कंटिन्यूएशन फीस समेत एसएएफआई ने उठाए कई और मुद्दे
एसएफआई ने अपने ज्ञापन में हॉस्टल कंटिन्यूएशन फीस का मुद्दा भी राज्यपाल केे समक्ष उठाया और यह मांग उठाई कि इस सत्र की हॉस्टल निरंतरता फीस को माफ किया जाए. एसएफआई ने विश्वविद्यालय के अंदर प्रोफेसर भर्ती ओर मेरिट आधारित प्रवेश में बरती गई अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग भी राज्यपाल से की. एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रोफेसर भर्ती के अंदर योग्य लोगों को दरकिनार कर सरकार के चहेतों की भर्ती करने के आरोप लगाए हैं और यह मांग उठाई है कि इसमें दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
विश्वविद्यालय में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल करने की उठाई मांग
एसएफआई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और प्रदेश के संबंधित महाविद्यालय के अंदर प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल करने, एचपीयू से निष्कासित छात्र नेताओं को बहाल करने और विश्वविद्यालय के अंदर गैर शिक्षक वर्ग के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने, यह भर्तियां नियमित आधार पर करने की मांग भी राज्यपाल के समक्ष रखी. एसएफआई ने चेताया है कि अगर इन तमाम मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार गंभीरता से चर्चा नहीं करती है तो आने वाले समय में आंदोलन किया जाएगा.
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