शिमला: प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए अब स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं ली जाएगी. एनएचएम के एमडी निपुण जिंदल ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश भर में विभिन्न स्तरों पर हेल्प डेस्क और अन्य गतिविधियों के प्रबंधन के लिए स्वयंसेवी समूहों और गैर सरकारी सगठनों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया है, ताकि इनके माध्यम से विभिन्न सेवाएं जमीनी स्तर तक प्रदान की जा सके.
विभिन्न स्तरों पर ली जाएगी सेवाएं
निपुण जिंदल ने कहा कि स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं सैंपलिंग से लेकर विभिन्न स्तरों पर ली जा सकती हैं. स्वयंसेवक और गैर सरकारी संगठन कोविड मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी ऐप का उपयोग करके डॉक्टर से परामर्श की सुविधा प्रदान करने, उन्हें होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल, पोस्ट कोविड प्रोटाकॉल और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं.
पीएचसी में उपलब्ध होगी सभी सुविधाएं
कोविड पॉजिटिव मरीज की मृत्यु होने पर गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की सेवाओं का उपयोग वाहनों की व्यवस्था करने, अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल के बारे में परिवार को संवेदनशील बनाने और बायो मेडिकल कचरे के निपटान की व्यवस्था करने के लिए किया जा सकता है. होम आइसोलेशन में कोविड-19 मृतकों के दाह-संस्कार के लिए पीपीई किट, बॉडी बैग, मास्क और अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक सामग्री निकटतम पीएचसी में उपलब्ध होगी और इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.
ई-संजीवनी परामर्श की मिलेगी सुविधा
जिंदल ने कहा कि यदि किसी परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव और आइसोलेशन में हैं तो स्वयंसेवक और गैर सरकारी संगठन इन परिवारों के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था करने में मदद कर सकते हैं. आवश्यक हो तो ई-संजीवनी परामर्श की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने सभी गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों से यह सेवा प्रदान करने के लिए आग्रह किया है.
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