शिमला: प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का मामला एक बार फिर से अधर में लटक गया है. शिक्षा विभाग की ओर से एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की तैयारी की जा रही थी. इसके लिए सरकार को प्रपोजल भी भेजा गया था, लेकिन सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रपोजल वापस भेजते हुए फटकार लगाई है.
सरकार ने शिक्षा विभाग से एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव पर जवाब मांगा है. सरकार ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि किस आधार पर एसएमसी शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है. सरकार ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का कारण भी पूछा है.
शिक्षा विभाग का जवाब मिलने के बाद ही एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार मिल पाएगा. 12 फरवरी को प्रदेश में शीतकालीन स्कूल फिर से खुलेंगे. 31 दिसंबर को 1800 शिक्षकों की एक्सटेंशन समाप्त हो चुकी है. प्रदेश के स्कूलों में 1304 टीजीटी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया ना होने के कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था.
बता दें कि हाईकोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग को एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां ना कर नियमित आधार पर नियुक्तियां करने के आदेश जारी किए थे. बीते साल दिसंबर में हुई कैबिनेट बैठक में 1541 एसएमसी शिक्षकों के पदों को पहली बार रिक्त मानते हुए इनकी जगह नई भर्तियां आरएंडपी नियमों के तहत करने का फैसला लिया गया था. प्रधान सचिव शिक्षा ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी थी, लेकिन रूसा के गलत सब्जेक्ट कॉन्बिनेशन के चलते टीजीटी और जेबीटी के लिए बीएड को भी पात्र बनाने के चलते फंसी नई भर्तियों में हो रही देरी का हवाला देते हुए निदेशालय ने सेवा विस्तार की मांग की थी.