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फिर टला SMC शिक्षकों का सेवा विस्तार, सरकार ने विभाग से मांगा जवाब

सरकार ने शिक्षा विभाग से एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव पर जवाब मांगा है. सरकार ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि किस आधार पर एसएमसी शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है. सरकार ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का कारण भी पूछा है.

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फिर टला एसएमसी शिक्षकों का सेवाविस्तार मामला.
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Published : Feb 8, 2020, 6:39 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का मामला एक बार फिर से अधर में लटक गया है. शिक्षा विभाग की ओर से एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की तैयारी की जा रही थी. इसके लिए सरकार को प्रपोजल भी भेजा गया था, लेकिन सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रपोजल वापस भेजते हुए फटकार लगाई है.

सरकार ने शिक्षा विभाग से एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव पर जवाब मांगा है. सरकार ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि किस आधार पर एसएमसी शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है. सरकार ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का कारण भी पूछा है.

शिक्षा विभाग का जवाब मिलने के बाद ही एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार मिल पाएगा. 12 फरवरी को प्रदेश में शीतकालीन स्कूल फिर से खुलेंगे. 31 दिसंबर को 1800 शिक्षकों की एक्सटेंशन समाप्त हो चुकी है. प्रदेश के स्कूलों में 1304 टीजीटी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया ना होने के कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि हाईकोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग को एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां ना कर नियमित आधार पर नियुक्तियां करने के आदेश जारी किए थे. बीते साल दिसंबर में हुई कैबिनेट बैठक में 1541 एसएमसी शिक्षकों के पदों को पहली बार रिक्त मानते हुए इनकी जगह नई भर्तियां आरएंडपी नियमों के तहत करने का फैसला लिया गया था. प्रधान सचिव शिक्षा ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी थी, लेकिन रूसा के गलत सब्जेक्ट कॉन्बिनेशन के चलते टीजीटी और जेबीटी के लिए बीएड को भी पात्र बनाने के चलते फंसी नई भर्तियों में हो रही देरी का हवाला देते हुए निदेशालय ने सेवा विस्तार की मांग की थी.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का मामला एक बार फिर से अधर में लटक गया है. शिक्षा विभाग की ओर से एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की तैयारी की जा रही थी. इसके लिए सरकार को प्रपोजल भी भेजा गया था, लेकिन सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रपोजल वापस भेजते हुए फटकार लगाई है.

सरकार ने शिक्षा विभाग से एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव पर जवाब मांगा है. सरकार ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि किस आधार पर एसएमसी शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है. सरकार ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का कारण भी पूछा है.

शिक्षा विभाग का जवाब मिलने के बाद ही एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार मिल पाएगा. 12 फरवरी को प्रदेश में शीतकालीन स्कूल फिर से खुलेंगे. 31 दिसंबर को 1800 शिक्षकों की एक्सटेंशन समाप्त हो चुकी है. प्रदेश के स्कूलों में 1304 टीजीटी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया ना होने के कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि हाईकोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग को एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां ना कर नियमित आधार पर नियुक्तियां करने के आदेश जारी किए थे. बीते साल दिसंबर में हुई कैबिनेट बैठक में 1541 एसएमसी शिक्षकों के पदों को पहली बार रिक्त मानते हुए इनकी जगह नई भर्तियां आरएंडपी नियमों के तहत करने का फैसला लिया गया था. प्रधान सचिव शिक्षा ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी थी, लेकिन रूसा के गलत सब्जेक्ट कॉन्बिनेशन के चलते टीजीटी और जेबीटी के लिए बीएड को भी पात्र बनाने के चलते फंसी नई भर्तियों में हो रही देरी का हवाला देते हुए निदेशालय ने सेवा विस्तार की मांग की थी.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का मामला एक बार फिर से लटक गया है .शिक्षा विभाग की ओर से जहां एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की तैयारी की जा रही थी और इसे लेकर प्रपोजल भी सरकार को भेजा गया था तो वहीं अब सरकार ने यह प्रपोजल वापस शिक्षा विभाग को भेजते हुए इस प्रपोजल पर विभाग को फटकार भी लगाई है. विभाग को फटकार लगाने के साथ ही सरकार की ओर से हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव किस आधार पर सरकार की मंजूरी के लिए विभाग की ओर से भेजा गया है इस पर भी जवाब मांगा गया है.




Body:सरकार ने विभाग की ओर से भेजे गए प्रपोजल पर विभाग से जवाब मांगा है कि विभाग की ओर से हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी एसएमसी से शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव क्यों भेजा गया है. सरकार की ओर से यह भी पूछा हैं कि इन शिक्षकों को क्यों एक्सटेंशन दी जानी चाहिए. हालांकि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के स्कूलों में 1304 टीजीटी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया ना हो पाने की वजह से स्कूलों में शिक्षकों की कमी ना हो इसके लिए एसएमसी शिक्षकों को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया था. अभी प्रदेश में शीतकालीन स्कूल 12 फरवरी से खुलने हैं ऐसे में जिन 1800 शिक्षकों की एक्सटेंशन 31 दिसंबर को समाप्त हो चुकी है उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार देने को लेकर शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेजा था. लेकिन इससे पहले हाईकोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग को एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां ना कर नियमित आधार पर शिक्षकों की नियुक्तियां स्कूलों में करने के आदेश जारी किए हैं




Conclusion:यही वजह है कि एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का प्रस्ताव जो सरकार के पास पहुंचा तो सरकार ने इस पर फटकार शिक्षा विभाग को लगाई है और वहीं जवाब भी मामले पर मांगा है. बता देंगे प्रदेश के स्कूलों में 18 सौ शिक्षकों जो एस एम सी के तहत सेवाएं दे रहे हैं जिनका सेवा विस्तार 31 दिसंबर को समाप्त हो चुका है जबकि अन्य 600 शिक्षकों का सेवा विस्तार 31 मार्च को समाप्त होगा ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से इन सभी शिक्षकों को 1 साल का सेवा विस्तार देने को लेकर प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, लेकिन अब शिक्षा विभाग अपने इस प्रस्ताव को लेकर घिर गया . अब विभाग को सरकार को अपने इस प्रस्ताव को लेकर स्पष्टीकरण देना होगा क्यों और किस आधार पर यह प्रस्ताव उन्होंने राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा है .जब तक सरकार इस पर फैसला नहीं देती है तब तक एसएमसी शिक्षकों को भी सेवा विस्तार नहीं मिल पाएगा.
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