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आज से खुलेंगे स्कूल व कॉलेज, नौंवी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की लगेगी नियमित कक्षाएं

हिमाचल में सोमवार से सभी शैक्षणिक संस्थान खुलने जा रहे हैं. शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के स्कूल और कॉलेजों को कोरोना की गाइडलाइन्स फॉलों करने के निर्देश दिए हैं. संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सेनिटाइजेशन का भी खास ध्यान रखना होगा.

Schools and colleges will open for students from Monday
सोमवार से छात्रों के लिए खुलेंगे स्कूल और कॉलेज
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Published : Nov 1, 2020, 8:38 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 7:48 AM IST

शिमला: प्रदेश में आज यानी सोमवार से स्कूल और कॉलेजों को छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने के लिए खोला जा रहा है. शिक्षण संस्थानों के खुलने के बाद किस तरह की व्यवस्था छात्रों और स्टाफ के लिए तय एसओपी के तहत रहेगी. संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सेनिटाइजेशन का भी खास ध्यान रखना होगा.

शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश सभी स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों को जारी किए गए हैं कि प्रशासन को अपने स्तर पर पूरी एहतियात बरतनी होगी. कोई भी छात्र जब स्कूल और कॉलेज में प्रवेश करेगा तो सबसे पहले उसकी थर्मल स्कैंनिग की जाएगी. अभी भी छात्रों को स्कूल आने के लिए अपने अभिभावकों का सहमति पत्र साथ में लाना होगा. यानी अभिभावकों से सहमति मिलने के बाद ही छात्र नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल आ सकेंगे. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों के कक्षाएं स्कूल कॉलेजों में लगाएंगे.

हाथ सेनिटाइज करने के साथ ही हाथ धोने को लेकर भी शैक्षणिक संस्थानों में उचित प्रबंध करना आवश्यक होगा. अगर किसी छात्र, स्टाफ और शिक्षक में सर्दी, जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण होंगे तो तुरंत उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिए भेजा जाएगा और अवकाश दे कर उन्हें स्वस्थ होने के बाद ही संस्थान में बुलाया जाएगा. शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की कक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लगाई जाएंगी.

छात्रों को स्कूल की ओर से तैयार किए गए माइक्रो प्लान के तहत इस तरह से बैठाया जाएगा, जिससे कि उनके बीच दूरी बनी रहे. कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है इसकी संस्थान के मुखिया की तरफ से जांच की जाएगी. स्कूल और कॉलेजों में आने वाले शिक्षकों को गैर शिक्षकों के साथ ही छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग करनी होगी और वहीं पर हैंड सेनिटाइजेशन का भी प्रावधान करना आवश्यक होगा.

स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल की निगरानी में पूरे कैंपस और क्लासरूम की सेनिटाइजेशन की जाएगी. छात्रों की संख्या के हिसाब से सीटिंग प्लान को तैयार करना होगा और सीटिंग प्लान इस तरह का होना चाहिए कि एक रो में एक सीट को छोड़कर दूसरे छात्र को बैठाया जाये चाहिए. अगर किसी कक्षा में छात्रों की संख्या ज्यादा है तो अलग-अलग कक्षाओं में उन्हें बैठाया जाएगा. इस दौरान स्कूल में ना तो प्रार्थना सभा होगी और ना ही खेलकूद गतिविधियां आयोजित की जाएगी. जो छात्र स्कूल आएंगे उनकी हाजरी स्कूलों में लगाई जाएंगी.

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर नहीं बरती जाएगी. स्कूल और कॉलेजों के कैंपस में शिक्षकों, गैर शिक्षकों और छात्रों को मास्क पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा. वहीं शिक्षकों, स्टाफ को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा. छात्रों के लिए भी स्कूल कैंपस में और कॉलेज कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. अगर किसी भी शिक्षक, गैर शिक्षक और छात्र में फ्लू के लक्षण होते हैं तो उन्हें शिक्षण संस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया है स्कूल, कॉलेजों में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से समय-समय पर जारी की गई एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजेशन का खास ध्यान रखना होगा. परिसर के साथ ही क्लास रूम भी सेनिटाइज हो रहे हैं, इस पर संस्थान के हेड को ध्यान रखना होगा ताकि छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और स्टाफ को संस्थान में सुरक्षित महसूस हो और उनका आत्मविश्वास बना रहे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के 5 जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

शिमला: प्रदेश में आज यानी सोमवार से स्कूल और कॉलेजों को छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने के लिए खोला जा रहा है. शिक्षण संस्थानों के खुलने के बाद किस तरह की व्यवस्था छात्रों और स्टाफ के लिए तय एसओपी के तहत रहेगी. संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सेनिटाइजेशन का भी खास ध्यान रखना होगा.

शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश सभी स्कूल और कॉलेज प्रबंधकों को जारी किए गए हैं कि प्रशासन को अपने स्तर पर पूरी एहतियात बरतनी होगी. कोई भी छात्र जब स्कूल और कॉलेज में प्रवेश करेगा तो सबसे पहले उसकी थर्मल स्कैंनिग की जाएगी. अभी भी छात्रों को स्कूल आने के लिए अपने अभिभावकों का सहमति पत्र साथ में लाना होगा. यानी अभिभावकों से सहमति मिलने के बाद ही छात्र नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल आ सकेंगे. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों के कक्षाएं स्कूल कॉलेजों में लगाएंगे.

हाथ सेनिटाइज करने के साथ ही हाथ धोने को लेकर भी शैक्षणिक संस्थानों में उचित प्रबंध करना आवश्यक होगा. अगर किसी छात्र, स्टाफ और शिक्षक में सर्दी, जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण होंगे तो तुरंत उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिए भेजा जाएगा और अवकाश दे कर उन्हें स्वस्थ होने के बाद ही संस्थान में बुलाया जाएगा. शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की कक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लगाई जाएंगी.

छात्रों को स्कूल की ओर से तैयार किए गए माइक्रो प्लान के तहत इस तरह से बैठाया जाएगा, जिससे कि उनके बीच दूरी बनी रहे. कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है इसकी संस्थान के मुखिया की तरफ से जांच की जाएगी. स्कूल और कॉलेजों में आने वाले शिक्षकों को गैर शिक्षकों के साथ ही छात्रों की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग करनी होगी और वहीं पर हैंड सेनिटाइजेशन का भी प्रावधान करना आवश्यक होगा.

स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल की निगरानी में पूरे कैंपस और क्लासरूम की सेनिटाइजेशन की जाएगी. छात्रों की संख्या के हिसाब से सीटिंग प्लान को तैयार करना होगा और सीटिंग प्लान इस तरह का होना चाहिए कि एक रो में एक सीट को छोड़कर दूसरे छात्र को बैठाया जाये चाहिए. अगर किसी कक्षा में छात्रों की संख्या ज्यादा है तो अलग-अलग कक्षाओं में उन्हें बैठाया जाएगा. इस दौरान स्कूल में ना तो प्रार्थना सभा होगी और ना ही खेलकूद गतिविधियां आयोजित की जाएगी. जो छात्र स्कूल आएंगे उनकी हाजरी स्कूलों में लगाई जाएंगी.

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर नहीं बरती जाएगी. स्कूल और कॉलेजों के कैंपस में शिक्षकों, गैर शिक्षकों और छात्रों को मास्क पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा. वहीं शिक्षकों, स्टाफ को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा. छात्रों के लिए भी स्कूल कैंपस में और कॉलेज कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. अगर किसी भी शिक्षक, गैर शिक्षक और छात्र में फ्लू के लक्षण होते हैं तो उन्हें शिक्षण संस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने एडवाइजरी जारी कर यह स्पष्ट किया है स्कूल, कॉलेजों में भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से समय-समय पर जारी की गई एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा. शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजेशन का खास ध्यान रखना होगा. परिसर के साथ ही क्लास रूम भी सेनिटाइज हो रहे हैं, इस पर संस्थान के हेड को ध्यान रखना होगा ताकि छात्रों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और स्टाफ को संस्थान में सुरक्षित महसूस हो और उनका आत्मविश्वास बना रहे.

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Last Updated : Nov 2, 2020, 7:48 AM IST
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