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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, सीधे छात्रों के बैंक खाते में जाएगी छात्रवृत्ति राशि

केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि को लेकर बड़ा बदलाव किया है. छात्रवृत्ति की जो राशि पहले राज्यों को दी जाती थी अब वो सीधा छात्रों के बैंक खाते में जाया करेगी. 256 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले के बाद केंद्र सरकार की ओर से ये फैसला लिया गया है.

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छात्रवृत्ति राशि
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Published : Feb 11, 2021, 10:18 AM IST

शिमला: प्रदेश में 256 करोड़ के छात्रवृतत्ति घोटाले के बाद केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति को लेकर बड़ा फैसले लेते हुए एक अहम बदलाव किया है. पहले छात्रों की छात्रवृत्ति राशि राज्यों को दी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब से छात्रवृत्ति राशि सीधा छात्रों के बैंक खातों में जाया करेगी.

छात्रवृत्ति राशि पर सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में बदलाव किया है. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि अब सीधा उनके बैंक खाते में ही आएगी. इतना ही नहीं छात्रवृत्ति के लिए शिक्षण संस्थानों को केंद्र की ओर से नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन और नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल से ग्रेडिंग लेना भी अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 2024 तक यह दोनों ग्रेडिंग लेने का समय दिया है.

बायोमेट्रिक हाजिरी वाले संस्थानों को ही मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि जारी करने के लिए छात्रों की हाजिरी को भी बायोमेट्रिक से अनिवार्य किया है, जो आधार से लिंक होगी. जिन शिक्षण संस्थानों में बायोमेट्रिक मशीन से छात्रों की हाजिरी लगती है उन्हीं शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा और इसमें यह शर्त भी लागू की गई है कि छात्रवृत्ति लेने के लिए विद्यार्थी को अपनी 75 फीसदी उपस्थिति भी पूरी करनी होगी.

256 करोड़ के घोटाले के बाद किया गया बदलाव

केंद्र सरकार की ओर से किए इस बदलाव का कारण प्रदेश में हुआ 256 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला है. इस घोटाले के ही चलते सरकार ने फैसला किया है कि केंद्र की ओर से दी जाने वाली 60 फीसदी राशि सीधा छात्रों के बैंक खातों में जाएगी. जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाती है.

पहले राज्यों के जरिए दी जाती थी छात्रवृत्ति की राशि

करोड़ों के छात्रवृति घोटाले से पहले केंद्र सरकार छात्रवृति की राशि पहले राज्यों की दी जाती थी. फिर राज्य उस राशि को छात्रों के खाते में डालते थे लेकिन अब राज्य सरकार को बीच से हटा दिया गया है. अब केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि बांटने की जिम्मेदारी खुद पर ले ली है.

हर साल होगा जारी की गई छात्रवृत्ति राशि का ऑडिट

सरकार की ओर से अब हर साल छात्रवृत्ति में जो राशि जारी की गई है उसका ऑडिट भी करवाया जाएगा. योजना का लाभ लेने वाले 10 फीसदी छात्रों का रेंडम सत्यापन भी हर साल किया जाएगा जिससे यह पता किया जाएगा कि पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति मिल भी रही है या नहीं या किसी तरह का फर्जीवाड़ा छात्रवृत्ति को लेकर तो नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में क्या रहेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम, जानिए यहां

शिमला: प्रदेश में 256 करोड़ के छात्रवृतत्ति घोटाले के बाद केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति को लेकर बड़ा फैसले लेते हुए एक अहम बदलाव किया है. पहले छात्रों की छात्रवृत्ति राशि राज्यों को दी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब से छात्रवृत्ति राशि सीधा छात्रों के बैंक खातों में जाया करेगी.

छात्रवृत्ति राशि पर सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में बदलाव किया है. छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि अब सीधा उनके बैंक खाते में ही आएगी. इतना ही नहीं छात्रवृत्ति के लिए शिक्षण संस्थानों को केंद्र की ओर से नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन और नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल से ग्रेडिंग लेना भी अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 2024 तक यह दोनों ग्रेडिंग लेने का समय दिया है.

बायोमेट्रिक हाजिरी वाले संस्थानों को ही मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि जारी करने के लिए छात्रों की हाजिरी को भी बायोमेट्रिक से अनिवार्य किया है, जो आधार से लिंक होगी. जिन शिक्षण संस्थानों में बायोमेट्रिक मशीन से छात्रों की हाजिरी लगती है उन्हीं शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा और इसमें यह शर्त भी लागू की गई है कि छात्रवृत्ति लेने के लिए विद्यार्थी को अपनी 75 फीसदी उपस्थिति भी पूरी करनी होगी.

256 करोड़ के घोटाले के बाद किया गया बदलाव

केंद्र सरकार की ओर से किए इस बदलाव का कारण प्रदेश में हुआ 256 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला है. इस घोटाले के ही चलते सरकार ने फैसला किया है कि केंद्र की ओर से दी जाने वाली 60 फीसदी राशि सीधा छात्रों के बैंक खातों में जाएगी. जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाती है.

पहले राज्यों के जरिए दी जाती थी छात्रवृत्ति की राशि

करोड़ों के छात्रवृति घोटाले से पहले केंद्र सरकार छात्रवृति की राशि पहले राज्यों की दी जाती थी. फिर राज्य उस राशि को छात्रों के खाते में डालते थे लेकिन अब राज्य सरकार को बीच से हटा दिया गया है. अब केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि बांटने की जिम्मेदारी खुद पर ले ली है.

हर साल होगा जारी की गई छात्रवृत्ति राशि का ऑडिट

सरकार की ओर से अब हर साल छात्रवृत्ति में जो राशि जारी की गई है उसका ऑडिट भी करवाया जाएगा. योजना का लाभ लेने वाले 10 फीसदी छात्रों का रेंडम सत्यापन भी हर साल किया जाएगा जिससे यह पता किया जाएगा कि पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति मिल भी रही है या नहीं या किसी तरह का फर्जीवाड़ा छात्रवृत्ति को लेकर तो नहीं किया जा रहा है.

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