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SPECIAL: सक्षम गुड़िया बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा से खास बातचीत, सरकार पर जड़े कई गंभीर आरोप

प्रदेश सरकार की ओर से गठित सक्षम गुड़िया बोर्ड डेढ़ साल बीतने के बाद भी अपना काम शुरू नहीं कर पाई है. जिसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सक्षम गुड़िया बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा से खास बातचीत की.

saksham gudiya board vice president rupa sharma interview by etvbharat
सक्षम गुड़िया बोर्ड की सुध लेना भूली सरकार
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Published : Feb 19, 2020, 1:57 PM IST

शिमला: प्रदेश में युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा और उन पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर सरकार कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित सक्षम गुड़िया बोर्ड डेढ़ साल बीतने के बाद भी अपना काम शुरू नहीं कर पाया हैं.

शिमला कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर विधानसभा चुनावों में काफी हो हल्ला हुआ. बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद गुड़िया के नाम पर हेल्पलाइन और सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन किया. बोर्ड का गठन तो सरकार की ओर से प्रदेश की महिलाओं को इतना सक्षम बनाने के लिए किया गया था कि वह अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा सके, लेकिन सरकार अभी तक इस बोर्ड को ही इतना सक्षम नहीं कर पाई है कि यह महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सके.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन किए डेढ़ साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक केवल उपाध्यक्ष ही इस बोर्ड में अकेले काम कर रही है. अभी तक ना तो बोर्ड के नियम बने है और ना ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन हो पाया है. गुड़िया हेल्पलाइन और सक्षम बोर्ड को लेकर ईटीवी से बातचीत में बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि बोर्ड का गठन तो हुआ है, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली अभी तक शुरू नहीं हो पाई है.

रूपा शर्मा ने कहा कि अभी तक ना तो बोर्ड के नियम, कानून तय हो पाए हैं और ना ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन हो पाया है. हालांकि उन्होंने इस बात को माना की जो गुड़िया हेल्पलाइन सरकार की ओर से शुरू की गई है वह कारगर साबित हो रही है और बीते दो सालों में गुड़िया हेल्पलाइन से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दुर्व्यवहार, छेड़खानी के 3376 शिकायतें दर्ज की गई है. जिसमें से 3326 का निपटारा किया गया है और 50 मामले विचाराधीन हैं.

रूपा शर्मा ने कहा कि अभी तक गुड़िया हेल्पलाइन को भी सक्षम गुड़िया बोर्ड से जोड़ा नहीं गया है, जो आवश्यक है. अभी शिकायतें इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से सीधा पुलिस स्टेशन में जा रही है, लेकिन अगर इसे बोर्ड से जोड़ा जाता है तो इस पर आने वाली शिकायतों का आंकड़ा भी बढ़ेगा और बोर्ड सीधे इस तरह मामलों पर एक्शन पुलिस की मदद से ले सकेगा.

रूपा शर्मा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न को लेकर कारगर कदम उठा रही है, लेकिन अभी भी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है. जिससे महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो सके. इस मामले को वह मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाएंगी.

अपने स्तर पर करती है महिलाओं की मदद

सक्षम गुड़िया बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि अभी प्रदेश से महिलाओं और युवतियों के साथ घरेलू हिंसा के मामलों की शिकायतें ज्यादा आती है. कुछ एक मामलों में तो सीधे उनके मोबाइल नंबर पर भी शिकायतें आती है. जिसके बाद वह उस क्षेत्र के संबंधित थाना के एसएचओ और एसपी से मामलों में कार्रवाई के लिए कहती भी हैं, लेकिन अगर बोर्ड को पावर दी जाए और नियम बना दिए जाए तो वह मामलों में खुद भी संज्ञान ले सकेंगी.

ये भी पढ़ें: नशे के मकड़जाल में फंसी यवा पीढ़ी, 2 सालों में 1,403 युवक उपचार के लिए पहुंचे अस्पताल

शिमला: प्रदेश में युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा और उन पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर सरकार कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित सक्षम गुड़िया बोर्ड डेढ़ साल बीतने के बाद भी अपना काम शुरू नहीं कर पाया हैं.

शिमला कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर विधानसभा चुनावों में काफी हो हल्ला हुआ. बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद गुड़िया के नाम पर हेल्पलाइन और सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन किया. बोर्ड का गठन तो सरकार की ओर से प्रदेश की महिलाओं को इतना सक्षम बनाने के लिए किया गया था कि वह अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा सके, लेकिन सरकार अभी तक इस बोर्ड को ही इतना सक्षम नहीं कर पाई है कि यह महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सके.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन किए डेढ़ साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक केवल उपाध्यक्ष ही इस बोर्ड में अकेले काम कर रही है. अभी तक ना तो बोर्ड के नियम बने है और ना ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन हो पाया है. गुड़िया हेल्पलाइन और सक्षम बोर्ड को लेकर ईटीवी से बातचीत में बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि बोर्ड का गठन तो हुआ है, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली अभी तक शुरू नहीं हो पाई है.

रूपा शर्मा ने कहा कि अभी तक ना तो बोर्ड के नियम, कानून तय हो पाए हैं और ना ही बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन हो पाया है. हालांकि उन्होंने इस बात को माना की जो गुड़िया हेल्पलाइन सरकार की ओर से शुरू की गई है वह कारगर साबित हो रही है और बीते दो सालों में गुड़िया हेल्पलाइन से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दुर्व्यवहार, छेड़खानी के 3376 शिकायतें दर्ज की गई है. जिसमें से 3326 का निपटारा किया गया है और 50 मामले विचाराधीन हैं.

रूपा शर्मा ने कहा कि अभी तक गुड़िया हेल्पलाइन को भी सक्षम गुड़िया बोर्ड से जोड़ा नहीं गया है, जो आवश्यक है. अभी शिकायतें इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से सीधा पुलिस स्टेशन में जा रही है, लेकिन अगर इसे बोर्ड से जोड़ा जाता है तो इस पर आने वाली शिकायतों का आंकड़ा भी बढ़ेगा और बोर्ड सीधे इस तरह मामलों पर एक्शन पुलिस की मदद से ले सकेगा.

रूपा शर्मा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न को लेकर कारगर कदम उठा रही है, लेकिन अभी भी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है. जिससे महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो सके. इस मामले को वह मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाएंगी.

अपने स्तर पर करती है महिलाओं की मदद

सक्षम गुड़िया बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि अभी प्रदेश से महिलाओं और युवतियों के साथ घरेलू हिंसा के मामलों की शिकायतें ज्यादा आती है. कुछ एक मामलों में तो सीधे उनके मोबाइल नंबर पर भी शिकायतें आती है. जिसके बाद वह उस क्षेत्र के संबंधित थाना के एसएचओ और एसपी से मामलों में कार्रवाई के लिए कहती भी हैं, लेकिन अगर बोर्ड को पावर दी जाए और नियम बना दिए जाए तो वह मामलों में खुद भी संज्ञान ले सकेंगी.

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