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Rohru Assembly Seat: क्या इस बार भी रोहड़ू सीट फतह करने में BJP के सामने कांग्रेस बनेगी रोड़ा?

रामपुर के बाद रोहड़ू सीट (SC) पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. खुद वीरभद्र सिंह यहां से पांच बार चुनाव जीते. 2017 में कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा ने भाजपा की शशिबाला को हराकर सीट पर कब्जा किया था. बीजेपी का आजतक यहां खाता नहीं खुला है. पढ़ें. ( Himachal Election 2022)

Rohru Assembly Seat
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Published : Nov 21, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 5:12 PM IST

शिमला: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की कर्म भूमि रही रोहड़ू को फतह करना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है. रोहड़ू सीट हिमाचल के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत का हिस्सा रहा है और यह कांग्रेस का गढ़ रहा है. वीरभद्र सिंह के नाम पर यहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे हैं.हालांकि अबकी बार परिस्थितियां अलग हैं, लेकिन बगावत से घिरी हुई भाजपा के लिए इस सीट को जीतने की बड़ी चुनौती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या इस बार भाजपा की शशिबाला दो बार के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा को हरा पाएंगी. (Rohru Assembly Seat) (Mohan Lal Brakta vs Shashi Bala )

वीरभद्र सिंह पांच बार रोहड़ू से जीतकर बने सीएम: रोहड़ू कांग्रेस का गढ़ रहा है. रोहड़ू क्षेत्र वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत का हिस्सा रहा है. खुद वीरभद्र सिंह यहां से पांच बार चुनाव जीते और मुख्यमंत्री बने. 1990 से 2007 तक वीरभद्र सिंह लगातार यहां से चुनाव जीते. इसके बाद भी हुए 2012 और 2017 के दो चुनावों में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1971 में हिमाचल के पूर्ण राज्य बनने पर अब तक हुए 11 बार हुए विधानसभा चुनावों को देखें तो यहां पर 10 बार कांग्रेस ही जीती है. एक बार जेएनपी की जीत हुई है. इस तरह यह कांग्रेस का गढ़ रहा है.

Rohru Assembly Seat
रोहड़ू में कब कौन जीता?

पढ़ें- सुरेश भारद्वाज के जवाब से निर्वाचन आयोग संतुष्ट नहीं, चुनावी खर्च में जुड़ेगा प्रीति भोज का खर्च

अबकी बार 72.10 फीसदी रहा मतदान: रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र में इस बार 72.10 फीसदी मतदान रहा. यहां कुल 74952 मतदाताओं में से 54037 मतदाओं ने मतदान में हिस्सा लिया, जिसमें 28269 पुरुष मतदाता और 25768 महिला मतदाता शामिल हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां 72.48 फीसदी मतदान रहा और यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा विजयी रहे. मोहन लाल ब्राक्टा को 72.48 फीसदी मत पड़े जबकि उनकी प्रतिद्वंदि शशिबाला को 39.35 फीसदी ही मत मिले थे. इन चुनाव में दो अन्यों को एक फीसदी से भी कम मत मिले जबकि नोटा का 1.07 फीसदी ने इस्तेमाल किया.

छह प्रत्याशी मैदान में: रोहड़ू विधानसभा चुनाव में अबकी बार छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा यहां से दो बार विधायक चुने गए हैं. भाजपा की शशिबाला भी दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा प्रकाश यहां से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो अश्वनी कुमार आम आदमी पार्टी, नरेंद्र सिंह आरडीपी से चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा एक निर्दलीय राजेंद्र सिंह भी चुनावी मैदान में हैं.

हैट्रिक लगाने के लिए तैयार हैं मोहन लाल ब्राक्टा: रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार भी कांग्रेस ने मोहन लाल ब्राक्टा को टिकट दिया है. मोहन लाल ब्राक्टा पेशे से वकील हैं. साल 2012 में कांग्रेस ने उनको यहां से टिकट दिया था और वह 77.04 फीसदी वोट लेकर विजयी भी रहे. इसके बाद 2017 में भी 58.12 फीसदी वोट लेकर जीत दर्ज की. अब तीसरी बार यहां से मोहन लाल ब्राक्टा चुनावी मैदान में हैं और हैट्रिक लगाने को तैयार हैं.

दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं शशिबाला: रोहड़ू सीट से भाजपा ने अबकी बार भी पुराने चेहरे पर ही दांव लगा रखा है. भाजपा की ओर से शशिबाला को इस बार भी यहां से टिकट दिया गया है. इससे पहले 2017 का भी वह विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. शशिबाला जिला परिषद की भी सदस्य रही हैं. हालांकि मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में शशिबाला ने यहां पर कई कार्य करवाए हैं. ऐसे में उनको इसका फायदा मिल सकता है, मगर कितना मिलता है यह तो बाद में ही पता चल पाएगा.

रोहड़ू में बगावत भाजपा के लिए परेशानी: रोहड़ू भाजपा में बगावत भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. यहां से पार्टी के नेता राजेंद्र सिंह ने बगावत कर रखी है. वह अबकी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. राजेंद्र सिंह इससे पहले भाजपा जिला महासू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे. इस तरह राजेंद्र सिंह भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे यह तय है, लेकिन कितना पहुंचाएंगे. यह तो समय ही बताएगा.

घट सकता है कांग्रेस का वोट मार्जिन!: हालांकि क्षेत्र के हिसाब से देखें तो कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा रोहड़ू क्षेत्र से अकेले उम्मीदवार हैं. बाकी के उम्मीदवार छौहारा क्षेत्र से संबंधित है. लेकिन बसपा, आप और आरडीपी के उम्मीदवार कांग्रेस के वोट में ही सेध लगाएंगे. इनका प्रदर्शन अगर बेहतर रहता है तो इससे कांग्रेस का मत प्रतिशत ही घटेगा. हालांकि दूसरी ओर अगर राजेंद्र सिंह ज्यादा मत ले पाए तो उससे भाजपा की शशिबाला को नुकसान पहुंच सकता है.

अबकी बार ये रहे हैं चुनावी मुद्दे: रोहड़ू में दो बार के कांग्रेस विधायक के खिलाफ भाजपा ने एंटी इनकंबेंसी को भुनाने की कोशिश की है. भाजपा ने यह मुद्दा उठाया कि मोहल लाल ब्राक्टा क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों को उठाने में नाकाम रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने भी जयराम सरकार पर इलाके की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. कुल मिलाकर क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं, सड़कें आदि के अलावा स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी जैसे मुद्दे इस चुनाव में हावी रहे.

जेपी नड्डा, धनसिंह रावत ने की चुनावी रैलियां: रोहड़ू में अबकी बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी रैली की. उतराखंड के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने चिड़गांव में भाजपा की विजय संकल्प रैली में हिस्सा लिया. उतराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने भाजपा के लिए वर्चुअली प्रचार किया. वहीं मोहन लाल ब्राक्टा के लिए कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने चुनावी प्रचार किया. देखना है कि इस प्रचार का मत पर कितना असर पड़ता है.

शिमला: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की कर्म भूमि रही रोहड़ू को फतह करना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है. रोहड़ू सीट हिमाचल के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत का हिस्सा रहा है और यह कांग्रेस का गढ़ रहा है. वीरभद्र सिंह के नाम पर यहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे हैं.हालांकि अबकी बार परिस्थितियां अलग हैं, लेकिन बगावत से घिरी हुई भाजपा के लिए इस सीट को जीतने की बड़ी चुनौती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या इस बार भाजपा की शशिबाला दो बार के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा को हरा पाएंगी. (Rohru Assembly Seat) (Mohan Lal Brakta vs Shashi Bala )

वीरभद्र सिंह पांच बार रोहड़ू से जीतकर बने सीएम: रोहड़ू कांग्रेस का गढ़ रहा है. रोहड़ू क्षेत्र वीरभद्र सिंह के राजपरिवार की रियासत का हिस्सा रहा है. खुद वीरभद्र सिंह यहां से पांच बार चुनाव जीते और मुख्यमंत्री बने. 1990 से 2007 तक वीरभद्र सिंह लगातार यहां से चुनाव जीते. इसके बाद भी हुए 2012 और 2017 के दो चुनावों में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1971 में हिमाचल के पूर्ण राज्य बनने पर अब तक हुए 11 बार हुए विधानसभा चुनावों को देखें तो यहां पर 10 बार कांग्रेस ही जीती है. एक बार जेएनपी की जीत हुई है. इस तरह यह कांग्रेस का गढ़ रहा है.

Rohru Assembly Seat
रोहड़ू में कब कौन जीता?

पढ़ें- सुरेश भारद्वाज के जवाब से निर्वाचन आयोग संतुष्ट नहीं, चुनावी खर्च में जुड़ेगा प्रीति भोज का खर्च

अबकी बार 72.10 फीसदी रहा मतदान: रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र में इस बार 72.10 फीसदी मतदान रहा. यहां कुल 74952 मतदाताओं में से 54037 मतदाओं ने मतदान में हिस्सा लिया, जिसमें 28269 पुरुष मतदाता और 25768 महिला मतदाता शामिल हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां 72.48 फीसदी मतदान रहा और यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा विजयी रहे. मोहन लाल ब्राक्टा को 72.48 फीसदी मत पड़े जबकि उनकी प्रतिद्वंदि शशिबाला को 39.35 फीसदी ही मत मिले थे. इन चुनाव में दो अन्यों को एक फीसदी से भी कम मत मिले जबकि नोटा का 1.07 फीसदी ने इस्तेमाल किया.

छह प्रत्याशी मैदान में: रोहड़ू विधानसभा चुनाव में अबकी बार छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा यहां से दो बार विधायक चुने गए हैं. भाजपा की शशिबाला भी दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा प्रकाश यहां से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो अश्वनी कुमार आम आदमी पार्टी, नरेंद्र सिंह आरडीपी से चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा एक निर्दलीय राजेंद्र सिंह भी चुनावी मैदान में हैं.

हैट्रिक लगाने के लिए तैयार हैं मोहन लाल ब्राक्टा: रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार भी कांग्रेस ने मोहन लाल ब्राक्टा को टिकट दिया है. मोहन लाल ब्राक्टा पेशे से वकील हैं. साल 2012 में कांग्रेस ने उनको यहां से टिकट दिया था और वह 77.04 फीसदी वोट लेकर विजयी भी रहे. इसके बाद 2017 में भी 58.12 फीसदी वोट लेकर जीत दर्ज की. अब तीसरी बार यहां से मोहन लाल ब्राक्टा चुनावी मैदान में हैं और हैट्रिक लगाने को तैयार हैं.

दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं शशिबाला: रोहड़ू सीट से भाजपा ने अबकी बार भी पुराने चेहरे पर ही दांव लगा रखा है. भाजपा की ओर से शशिबाला को इस बार भी यहां से टिकट दिया गया है. इससे पहले 2017 का भी वह विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. शशिबाला जिला परिषद की भी सदस्य रही हैं. हालांकि मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में शशिबाला ने यहां पर कई कार्य करवाए हैं. ऐसे में उनको इसका फायदा मिल सकता है, मगर कितना मिलता है यह तो बाद में ही पता चल पाएगा.

रोहड़ू में बगावत भाजपा के लिए परेशानी: रोहड़ू भाजपा में बगावत भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. यहां से पार्टी के नेता राजेंद्र सिंह ने बगावत कर रखी है. वह अबकी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. राजेंद्र सिंह इससे पहले भाजपा जिला महासू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे. इस तरह राजेंद्र सिंह भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे यह तय है, लेकिन कितना पहुंचाएंगे. यह तो समय ही बताएगा.

घट सकता है कांग्रेस का वोट मार्जिन!: हालांकि क्षेत्र के हिसाब से देखें तो कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा रोहड़ू क्षेत्र से अकेले उम्मीदवार हैं. बाकी के उम्मीदवार छौहारा क्षेत्र से संबंधित है. लेकिन बसपा, आप और आरडीपी के उम्मीदवार कांग्रेस के वोट में ही सेध लगाएंगे. इनका प्रदर्शन अगर बेहतर रहता है तो इससे कांग्रेस का मत प्रतिशत ही घटेगा. हालांकि दूसरी ओर अगर राजेंद्र सिंह ज्यादा मत ले पाए तो उससे भाजपा की शशिबाला को नुकसान पहुंच सकता है.

अबकी बार ये रहे हैं चुनावी मुद्दे: रोहड़ू में दो बार के कांग्रेस विधायक के खिलाफ भाजपा ने एंटी इनकंबेंसी को भुनाने की कोशिश की है. भाजपा ने यह मुद्दा उठाया कि मोहल लाल ब्राक्टा क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों को उठाने में नाकाम रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने भी जयराम सरकार पर इलाके की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. कुल मिलाकर क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं, सड़कें आदि के अलावा स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी जैसे मुद्दे इस चुनाव में हावी रहे.

जेपी नड्डा, धनसिंह रावत ने की चुनावी रैलियां: रोहड़ू में अबकी बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी रैली की. उतराखंड के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने चिड़गांव में भाजपा की विजय संकल्प रैली में हिस्सा लिया. उतराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने भाजपा के लिए वर्चुअली प्रचार किया. वहीं मोहन लाल ब्राक्टा के लिए कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने चुनावी प्रचार किया. देखना है कि इस प्रचार का मत पर कितना असर पड़ता है.

Last Updated : Nov 21, 2022, 5:12 PM IST
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