शिमला: हिमाचल में वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों के लिए 22 जगहों पर और प्राधिकरणों (आरटीओ ) में संशोधित ई-ऑक्शन सिस्टम शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक इन जगहों की कामयाबी के बाद 5 जून से सभी प्राधिकरणों में शुरू किया जाएगा. कुछ महीनों पहले फर्जी बोलीकर्ता वीआईपी नंबर को लेकर सामने आए थे, उसके बाद अब हिमाचल में संशोधित ई-ऑक्शन सिस्टम शुरू किया गया है.
रविवार को होगा बोली का परिणाम घोषित: परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि संशोधित ई-ऑक्शन प्रणाली के अनुसार आवेदनकर्ता सोमवार से लेकर शनिवार तक विभागीय पोर्टल पर वाहनों के स्पेशल या वीआईपी नंबर के लिए बोली में भाग लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रविवार के दिन इन नंबरों की बोली का परिणाम 5 बजे के बाद ऑनलाइन स्वतः ही घोषित हो जाएगा.
इन 22 जगहों पर किया गया शुरू: परिवहन विभाग ने पांवटा साहिब, नाहन, नालागढ़, कसौली, धर्मशाला, नूरपुर, ऊना, अंब, चंबा, डलहौजी, बिलासपुर, घुमारवीं, हमीरपुर, बड़सर, मंडी, बल्ह, कुल्लू, मनाली, केलांग, कल्पा, कुपवीं व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शिमला में इसको शुरू किया.
वीआईपी नंबर के लिए 30 फीसदी राशि एडवांस: अनुपम कश्यप ने बताया कि बोली के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले आवेदनकर्ता को वीआईपी नंबर के लिए निर्धारित आधार मूल्य का 30 प्रतिशत एडवांस में जमा करवाना अनिवार्य होगा. बोली में प्रथम स्थान पर रहने वाला किसी कारण वश अगर नंबर को लेने में असमर्थ रहता है तो उसके द्वारा जमा करवाई गई 30 प्रतिशत अग्रिम राशि वापस नहीं होगी. यह राशि सरकारी कोष में जमा होगी. इस वीआईपी नंबर के लिए विभाग फिर दोबारा से बोली की प्रक्रिया शुरू करेगा.
16 मई को बैजनाथ और शिमला में किया गया ट्रायल: अनुपम कश्यप ने कहा कि परिवहन विभाग ने वाहनों के विशेष रजिस्ट्रेशन नंबर यानी वीआईपी जारी करने के लिए अपनाई गई ई-ऑक्शन प्रणाली को सस्पेंड करने के बाद इसे संशोधित करके पहले चरण में 16 मई को बैजनाथ व शिमला प्राधिकरणों में ट्रायल के आधार पर फिर से शुरू किया था.अब 22 जगहों यानी प्राधिकरणों में इसको शुरू किया गया है.
फर्जी बोली लगाने के बाद संशोधित ऑक्शन सिस्टम शुरू: इस साल फरवरी माह में शिमला जिला के कोटखाई में एक वीआईपी नंबर 99-9999 के लिए किसी ने एक करोड़ की बोली लगाई गई थी. यह बोली ऑनलाइन लगाई गई, जो कि पूरे देश में चर्चा की विषय बन गई, लेकिन बाद में जिस व्यक्ति ने बोली लगाई थी उसने यह नंबर नहीं लिया. परिवहन विभाग पहले इस तरह की नंबरों की बोली के लिए कोई एडवांस नहीं लेता था.
पहले नहीं लिया जाता था एडवांस: इस फर्जीवाड़े के बाद विभाग ने ऑनलाइन बोली प्रक्रिया को स्थगित कर दिया और अब संशोधित ई-ऑक्शन सिस्टम शुरू किया गया है, इसके तहत अब किसी भी नंबर के लिए बोली लगाने से पहले उसके लिए निर्धारित राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा जमा कराना जरूरी किया गया है. इसके बाद बोली में नंबर अलाट करने के बावजूद वह व्यक्ति उसको नहीं लेता है तो उसकी एडवांस जमा राशि को विभाग वापस नहीं लौटाएगा. यह राशि सरकारी कोष में जमा की जाएगी.
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