शिमला: वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'एकीकृत विकास परियोजना' (आईडीपी) के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन स्थापित कर कृषि के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ-साथ पंचायत स्तर पर लोगों को आजीविका और रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है.
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत वन, कृषि, बागवानी, पशुपालन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग परस्पर जुड़े हुए हैं. एकीकृत विकास परियोजना के अन्तर्गत इस वित्त वर्ष 3181 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 23 लाख पौधे रोपने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 30 करोड़ 75 लाख रुपये आबंटित किए गए हैं.
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सभी पंचायतों में शीघ्र ही समितियों को गठित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों तक इस परियोजना का लाभ पहुंचाया जा सकें. ठाकुर ने कहा कि सीडीएम (क्लीन डवेल्पमेंट मैकेनिज्म) के अन्तर्गत समूह पौधरोपण अभियान के माध्यम से कार्बन राजस्व से प्रदेश की लोगों की आय बढ़ाई जा सकती है. पौधरोपण द्वारा अभी तक लगभग दो करोड़ रुपये से अधिक के कार्बन राजस्व से लोगों को लाभान्वित किया गया है.
बता दें कि वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईडीपी के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए ये जानकारी दे रहे थे.