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रेरा का चाबुक: डवलपर को ब्याज सहित वापस करने होंगे 2 करोड़ रुपये, 31 लाख रुपये का लगा जुर्माना

आवासीय सुविधा समय पर प्रदान करने का दावा करने के बावजूद आवंटियों के हितों से खिलवाड़ करने वालों पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का चाबुक चला है. रेरा ने एक डवलपर पर 31 लाख का जुर्माना लगाया है और उसे दो करोड़ रुपए की राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया.

RERA
रेरा
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Published : Jan 21, 2021, 10:36 PM IST

शिमला: आवासीय सुविधा समय पर प्रदान करने का दावा करने के बावजूद आवंटियों के हितों से खिलवाड़ करने वालों पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का चाबुक चला है. रेरा ने एक डवलपर पर 31 लाख का जुर्माना लगाया है और उसे दो करोड़ रुपए की राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया.

प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि अलग-अलग शिकायतकर्ताओं से एक डवलपर राजदीप एंड कम्पनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड व अन्य के खिलाफ 12 शिकायतें मिली थीं. इस प्रोमोटर के खिलाफ मिली 12 शिकायतों में से 11 का फैसला आवंटियों के पक्ष में किया गया है. साथ ही भराड़ी स्थित हिमालय रेजीडेंसी से जुड़ा एक अन्य मामला सुनवाई के लिए लंबित है. प्राधिकरण ने 11 मामलों का निर्णय मैरिट के आधार पर किया.

डवलपर पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

रेरा ने आवंटियों द्वारा प्रोमोटर डवलपर को अदा किए गए लगभग दो करोड़ रुपए 9.3 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अधिनियम के तहत दायित्व का निर्वहन नहीं करने के लिए यह राशि रेरा के खाते में जमा करवानी होगी और जुर्माना भरने में असफल रहने पर दोगुनी राशि देनी पड़ेगी.

विवाद का निपटारा करने पर दें प्राथमिकता

राजदीप समूह और अन्य के खिलाफ कांता जॉन निवासी ऑकलैंड हाउस स्कूल की तरफ से 8 लाख 71 हजार 680 रुपये रिफंड करने के लिए दायर शिकायत के मामले की सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की गई थी. इस दिन शिकायतकर्ता और परियोजना के ब्लॉक-डी में आवंटी कांता जॉन के वकील ने प्राधिकरण को अवगत करवाया कि प्रोमोटर ने शिकायतकर्ता को तय राशि ब्याज सहित दे दी और समाझौता कर लिया. प्राधिकरण ने सभी पक्षों से अपील की है कि समझौते से विवाद का निपटारा करने को प्राथमिकता देनी चाहिए.

पढ़ें: कांग्रेस पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने पर कुलदीप राठौर भड़के, बीजेपी पर लगाए ये आरोप

शिमला: आवासीय सुविधा समय पर प्रदान करने का दावा करने के बावजूद आवंटियों के हितों से खिलवाड़ करने वालों पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का चाबुक चला है. रेरा ने एक डवलपर पर 31 लाख का जुर्माना लगाया है और उसे दो करोड़ रुपए की राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया.

प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि अलग-अलग शिकायतकर्ताओं से एक डवलपर राजदीप एंड कम्पनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड व अन्य के खिलाफ 12 शिकायतें मिली थीं. इस प्रोमोटर के खिलाफ मिली 12 शिकायतों में से 11 का फैसला आवंटियों के पक्ष में किया गया है. साथ ही भराड़ी स्थित हिमालय रेजीडेंसी से जुड़ा एक अन्य मामला सुनवाई के लिए लंबित है. प्राधिकरण ने 11 मामलों का निर्णय मैरिट के आधार पर किया.

डवलपर पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

रेरा ने आवंटियों द्वारा प्रोमोटर डवलपर को अदा किए गए लगभग दो करोड़ रुपए 9.3 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अधिनियम के तहत दायित्व का निर्वहन नहीं करने के लिए यह राशि रेरा के खाते में जमा करवानी होगी और जुर्माना भरने में असफल रहने पर दोगुनी राशि देनी पड़ेगी.

विवाद का निपटारा करने पर दें प्राथमिकता

राजदीप समूह और अन्य के खिलाफ कांता जॉन निवासी ऑकलैंड हाउस स्कूल की तरफ से 8 लाख 71 हजार 680 रुपये रिफंड करने के लिए दायर शिकायत के मामले की सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की गई थी. इस दिन शिकायतकर्ता और परियोजना के ब्लॉक-डी में आवंटी कांता जॉन के वकील ने प्राधिकरण को अवगत करवाया कि प्रोमोटर ने शिकायतकर्ता को तय राशि ब्याज सहित दे दी और समाझौता कर लिया. प्राधिकरण ने सभी पक्षों से अपील की है कि समझौते से विवाद का निपटारा करने को प्राथमिकता देनी चाहिए.

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