शिमला: विधानसभा चुनावों में बागियों को मनाने में कांग्रेस जुटी है. कांग्रेस में 11 बड़े नेताओं ने निर्दलीय नामंकन भरा है. इनको मनाने का जिम्मा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के अलावा सह प्रभारी ने मोर्चा सम्भाला है. शुक्रवार को बागी हुए नेताओं नेताओं से फोन पर बात हुई. इस दौरान पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार (Former Minister Kuldeep Kumar) को मनाने में कांग्रेस कामयाब हो गई है. (himachal assembly election 2022)
प्रदेश के सह प्रभारी गुरमीत कोटली कुलदीप कुमार के घर पहुंचे और उनसे बात की. हालांकि, बताया जा रहा है कि उन्हें नामंकन वापिस लेने के लिए मना लिया गया है और राजीव शुक्ला ने कुलदीप कुमार को प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति (Congress election campaign committee Himachal) का सह अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके अलावा अन्य नेताओं से भी कांग्रेस के नेता सम्पर्क कर रहे हैं और शनिवार को सभी नेताओं को मनाने का दावा भी कांग्रेस कर रही है. शनिवार को नाम वापिसी का भी आखिरी दिन है.
चौपाल में मंगलेट उठा चुके हैं सर्वे पर सवाल: शिमला जिला के चौपाल विधानसभा सीट से कांग्रेस के दो बार के विधायक डॉ सुभाष मंगलेट भी बागी हो गए हैं. उन्होंने निर्दलीय ही नामांकन दाखिल लिया है. उनका कहना है कि उनको जनता का समर्थन मिल रहा है. ऐसे में उनके मानने की भी कम ही संभावनाएं हैं.
सुलह में जगजीवन पाल की सिपहिया को चुनौती: कांगड़ा जिला के सुलह विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक जगजीवन पाल पार्टी से बागी हो गए हैं. इन्होंने भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी जगदीश सिपहिया के खिलाफ नामांकन भरकर चुनावी ताल ठोक दी है.
पढ़ें- 30 अक्टूबर को 68 विधानसभाओं में एकसाथ लेंगे रिवाज बदलने का संकल्प: जयराम ठाकुर
ठियोग में कांग्रेस के दो-दो बागी: प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनी ठियोग में भी बगावत कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है. यहां विजय पाल खाची और इंदू वर्मा दोनों नेताओं ने निर्दलीय नॉमिनेशन फाइल किए हैं. हालांकि, इंदू वर्मा दो माह पहले ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं लेकिन विजय पाल खाची का बागी होना कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप राठौर के लिए ज्यादा मुश्किलें पैदा कर सकता है. (Rebel leader from Congress )
अर्की में वीरभद्र के करीबी राजेंद्र बढ़ा रहे मुश्किल: अर्की सीट पर राजेंद्र ठाकुर ने निर्दलीय नामांकन भरा है. राजेंद्र ठाकुर हालांकि अब कांग्रेस के सदस्य नहीं रहे लेकिन पूर्व में वह वीरभद्र सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. उपचुनाव में उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे, जिसके बाद उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया था. राजेंद्र के चुनाव लड़ने से ब्लॉक कांग्रेस का वोट भी बंट सकता है. पच्छाद में कांग्रेस ने दयाल प्यारी को टिकट दिया है. पूर्व विधायक गंगू राम मुसाफिर का टिकट कटने के बाद अब बागी हो गए हैं. मुसाफिर नहीं माने तो पार्टी को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा.
बिलासपुर में पूर्व विधायक, झंडुता में बीरू राम से चुनौती: बिलासपुर सदर से पूर्व विधायक तिलकराज ने भी निर्दलीय नामांकन पत्र भरा है. झंडुता में कांग्रेस ने युवा चेहरे विवेक कुमार को टिकट दिया है. यहां भी टिकट नहीं मिलने पर बीरू राम पार्टी से बागी हो गए हैं. कुल्लू जिला की आनी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने होली लॉज के करीबी बंसी लाल को टिकट दिया है. इससे नाराज परसराम ने निर्दलीय नामांकन भरकर चुनौती दे डाली है. अंत समय तक बंसी लाल का टिकट बदलने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि परसराम जमीन से जुड़े और धरातल से उठे हुए नेता हैं. (Rebel leader from Congress in Himachal )