रामपुर: हिमाचल की भूमि के कण कण में देवी देवताओं का वास है इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है. कोई भी शुभ काम हो तो हिमाचल के लोग सबसे पहले अपने देवी-देवताओं का नाम लेते हैं फिर काम की शुरुआत करते हैं.
लोगों की देवी देवताओं में अटूट आस्था है. शायद यही कारण है कि देवी देवताओं का यहां के लोगों पर पूरा आशीर्वाद है. देवी देवताओं के आशीर्वाद से हर साल शिमला जिला के रामपुर में फाग मेले का आयोजन किया जाता है.
फाग मेला प्राचीन मेला है. यह मेला बुशहर रियासत के राजा रह चुके पदम सिंह के समय से चलता आ रहा है. इस मेले में रामपुर बुशहर के ग्रामीण क्षेत्रों के देवी देवता भाग लेते हैं. यह मेला चार दिन तक चलता है. होली के दुसरे दिन से मेला शुरू होता है.
रामपुर बुशहर में आए देवता वाद्य यंत्रों की धुनों पर खुब नाचते झूमते हैं. फाग मेले में आए लोगों को देवी देवता आशीर्वाद देते हैं और एक साथ नाटी लगाते हैं. फाग मेले के अंतिम दिन सभी देवी देवता शहर की परिक्रमा लगाकर लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
सभी देवता ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते बाजार से निकलते हैं. जिस समय देवता परिक्रमा लगाते हैं उस समय पूरा वातावरण ढोल नगाड़ों की थाप से गूंज उठता है. देवता के देवलु इस फेर में नतमस्तक होकर नाचते हैं.
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