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सुखविंदर सरकार में ठाकुर राज, सीएम के अलावा चार कैबिनेट मंत्री, एक सीपीएस राजपूत

रविवार को करीब एक महीने बाद हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ है. जिसमें जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों का ख्याल रखा गया है. इसके अलावा छह मुख्य संसदीय सचिव भी बनाए गए हैं. (Rajput in Sukhvinder govt)

Rajput in Sukhvinder govt.
सुखविंदर सरकार में ठाकुर राज.
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Published : Jan 8, 2023, 5:35 PM IST

शिमला: जातीय व क्षेत्रीय संतुलन भारतीय राजनीति की सच्चाई है. हिमाचल की सियासत में हमेशा से राजपूतों का दबदबा रहा है. मौजूदा सरकार में भी इसी वर्ग का अधिक प्रतिनिधित्व है. रविवार को लंबे इंतजार के बाद हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में कैबिनेट का विस्तार हुआ. कैबिनेट विस्तार में जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों का ख्याल रखा गया है. कुल सात कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है. इसके अलावा छह मुख्य संसदीय सचिव भी बनाए गए हैं. इसके बाद कैबिनेट का स्वरूप देखें तो इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा चार मंत्री राजपूत वर्ग से हैं. (Rajput in Sukhvinder govt) (Himachal cabinet expansion) (Chief Parliamentary Secretary in Himachal)

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के अतिरिक्त हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह व विक्रमादित्य सिंह कैबिनेट में राजपूत वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम हैं. वे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं. कैबिनेट में अन्य मंत्रियों में कर्नल धनीराम शांडिल दलित वर्ग से और चौधरी चंद्र कुमार ओबीसी का प्रतिनिधित्व करते हैं. सीपीएस में सुंदर सिंह ठाकुर राजपूत हैं. संजय अवस्थी ब्राह्मण हैं. इसके अलावा किशोरी लाल, मोहनलाल ब्राक्टा दलित वर्ग से हैं.

Himachal cabinet expansion.
सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री.

सीपीएस बनाए गए अन्य नेताओं में चौधरी रामकुमार ओबीसी, आशीष बुटेल कारोबारी समुदाय यानी बनिया वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस प्रकार कैबिनेट में व सीपीएस के पद देने में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन कायम किया गया है. यदि पिछली सरकार की बात की जाए तो उसमें भी सीएम राजपूत वर्ग से थे. जयराम ठाकुर के अलावा कैबिनेट में महेंद्र ठाकुर, गोविंद ठाकुर, बिक्रम ठाकुर, वीरेंद्र कंवर, विपिन सिंह परमार (पहले हैल्थ मिनिस्टर फिर स्पीकर) व राकेश पठानिया राजपूत वर्ग से थे.

शिमला संसदीय सीट के नेताओं की बल्ले-बल्ले- कैबिनेट विस्तार में शिमला संसदीय सीट को अहमियत मिली है. इस समय शिमला संसदीय सीट से रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, हर्षवर्धन चौहान, धनीराम शांडिल कैबिनेट में शामिल हुए हैं. मोहनलाल ब्राक्टा, संजय अवस्थी, रामकुमार चौधरी शिमला संसदीय सीट से हैं.

Chief Parliamentary Secretary in Himachal.
सुक्खू सरकार के 6 मुख्य संसदीय सचिव.

कांगड़ा के हिस्से में मायूसी- जिला कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है. कांगड़ा जिले को केवल एक कैबिनेट मंत्री मिला है. वहीं, दो सीपीएस भी इस जिले से हैं. आशीष बुटेल और किशोरी लाल को सीपीएस बनाया गया है. कांगड़ा से सुधीर शर्मा के कैबिनेट में आने के भरपूर आसार थे, लेकिन इस बार उनका नंबर नहीं आया है. रघुवीर सिंह बाली का भी दिल्ली में काफी प्रभाव है, लेकिन उन्हें भी जगह नहीं मिली है. यादवेंद्र सिंह गोमा भी लाइन में हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal Cabinet: हिमाचल मंत्रिमंडल का हुआ गठन, इन सात विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

राजेश धर्माणी का नाम न आने से चौंके सभी- कैबिनेट में बिलासपुर जिले की घुमारवीं सीट से राजेश धर्माणी का स्थान पक्का माना जा रहा था. वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं. उनके सत्ता संभालते ही सीएम ने कई अहम काम सौंपे थे. फिलहाल, धर्माणी के समर्थक अब दूसरी पारी में यानी कैबिनेट के बाकी पद भरने के समय उनके नंबर का इंतजार करेंगे.

वहीं, हमीरपुर से राजेंद्र राणा व आईडी लखनपाल के समर्थक भी अपने नेता को कैबिनेट में देखना चाहते हैं. वहीं, मंडी से केवल एक ही सीट कांग्रेस को मिली है. ऐसे में मंडी को भी प्रतिनिधित्व दिए जाने की बात उठ रही है. अब तीन सीटें कैबिनेट मंत्रियों की बाकी रहती हैं. देखना है कि सीएम सुखविंदर सिंह इस चुनौती से कैसे निपटेंगे. (Himachal cabinet ministers 2023) (Himachal cabinet formed) (7 MLA took oath as ministers in Himachal) (Himachal cabinet ministers 2023) (Himachal cabinet minister list) (sukhu cabinet expansion) (CPS in Himachal) (Rajput in Himachal politics)

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बने 6 मुख्य संसदीय सचिव, जानिए इनका राजनीतिक सफर

शिमला: जातीय व क्षेत्रीय संतुलन भारतीय राजनीति की सच्चाई है. हिमाचल की सियासत में हमेशा से राजपूतों का दबदबा रहा है. मौजूदा सरकार में भी इसी वर्ग का अधिक प्रतिनिधित्व है. रविवार को लंबे इंतजार के बाद हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में कैबिनेट का विस्तार हुआ. कैबिनेट विस्तार में जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों का ख्याल रखा गया है. कुल सात कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है. इसके अलावा छह मुख्य संसदीय सचिव भी बनाए गए हैं. इसके बाद कैबिनेट का स्वरूप देखें तो इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा चार मंत्री राजपूत वर्ग से हैं. (Rajput in Sukhvinder govt) (Himachal cabinet expansion) (Chief Parliamentary Secretary in Himachal)

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के अतिरिक्त हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह व विक्रमादित्य सिंह कैबिनेट में राजपूत वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम हैं. वे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं. कैबिनेट में अन्य मंत्रियों में कर्नल धनीराम शांडिल दलित वर्ग से और चौधरी चंद्र कुमार ओबीसी का प्रतिनिधित्व करते हैं. सीपीएस में सुंदर सिंह ठाकुर राजपूत हैं. संजय अवस्थी ब्राह्मण हैं. इसके अलावा किशोरी लाल, मोहनलाल ब्राक्टा दलित वर्ग से हैं.

Himachal cabinet expansion.
सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री.

सीपीएस बनाए गए अन्य नेताओं में चौधरी रामकुमार ओबीसी, आशीष बुटेल कारोबारी समुदाय यानी बनिया वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस प्रकार कैबिनेट में व सीपीएस के पद देने में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन कायम किया गया है. यदि पिछली सरकार की बात की जाए तो उसमें भी सीएम राजपूत वर्ग से थे. जयराम ठाकुर के अलावा कैबिनेट में महेंद्र ठाकुर, गोविंद ठाकुर, बिक्रम ठाकुर, वीरेंद्र कंवर, विपिन सिंह परमार (पहले हैल्थ मिनिस्टर फिर स्पीकर) व राकेश पठानिया राजपूत वर्ग से थे.

शिमला संसदीय सीट के नेताओं की बल्ले-बल्ले- कैबिनेट विस्तार में शिमला संसदीय सीट को अहमियत मिली है. इस समय शिमला संसदीय सीट से रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, हर्षवर्धन चौहान, धनीराम शांडिल कैबिनेट में शामिल हुए हैं. मोहनलाल ब्राक्टा, संजय अवस्थी, रामकुमार चौधरी शिमला संसदीय सीट से हैं.

Chief Parliamentary Secretary in Himachal.
सुक्खू सरकार के 6 मुख्य संसदीय सचिव.

कांगड़ा के हिस्से में मायूसी- जिला कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है. कांगड़ा जिले को केवल एक कैबिनेट मंत्री मिला है. वहीं, दो सीपीएस भी इस जिले से हैं. आशीष बुटेल और किशोरी लाल को सीपीएस बनाया गया है. कांगड़ा से सुधीर शर्मा के कैबिनेट में आने के भरपूर आसार थे, लेकिन इस बार उनका नंबर नहीं आया है. रघुवीर सिंह बाली का भी दिल्ली में काफी प्रभाव है, लेकिन उन्हें भी जगह नहीं मिली है. यादवेंद्र सिंह गोमा भी लाइन में हैं.

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राजेश धर्माणी का नाम न आने से चौंके सभी- कैबिनेट में बिलासपुर जिले की घुमारवीं सीट से राजेश धर्माणी का स्थान पक्का माना जा रहा था. वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं. उनके सत्ता संभालते ही सीएम ने कई अहम काम सौंपे थे. फिलहाल, धर्माणी के समर्थक अब दूसरी पारी में यानी कैबिनेट के बाकी पद भरने के समय उनके नंबर का इंतजार करेंगे.

वहीं, हमीरपुर से राजेंद्र राणा व आईडी लखनपाल के समर्थक भी अपने नेता को कैबिनेट में देखना चाहते हैं. वहीं, मंडी से केवल एक ही सीट कांग्रेस को मिली है. ऐसे में मंडी को भी प्रतिनिधित्व दिए जाने की बात उठ रही है. अब तीन सीटें कैबिनेट मंत्रियों की बाकी रहती हैं. देखना है कि सीएम सुखविंदर सिंह इस चुनौती से कैसे निपटेंगे. (Himachal cabinet ministers 2023) (Himachal cabinet formed) (7 MLA took oath as ministers in Himachal) (Himachal cabinet ministers 2023) (Himachal cabinet minister list) (sukhu cabinet expansion) (CPS in Himachal) (Rajput in Himachal politics)

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