शिमला: कांग्रेस ने प्रदेश में एचपीएमसी द्वारा अब तक सेब खरीद के लिए कलेक्शन सेंटर न खोलने पर हैरानी जताते हुए कहा है कि जुलाई माह खत्म होने पर भी सरकार कलेक्शन सेंटर नहीं खोल पाई है, जबकि पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय यह सेंटर 10 जुलाई से पूर्व अपना कार्य शुरू कर देते थे. इस बार जुलाई खत्म होने पर भी इनका न खुलना भाजपा सरकार की व्यवस्था की पूरी पोल खोल दी है. इससे जयराम सरकार का किसान और बागवान विरोधी चेहरा साफ दिखता है.
कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि प्रदेश में सेब की रिकॉर्ड तोड़ फसल हुई है. सरकार की लापरवाही से बागवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस समय लो और मिडल हाइट का सेब भारी मात्रा में तैयार हो गया है. सड़कों की खस्ता हालत से बागवान कड़ी मशक्कत से इन्हें मुख्य सड़कों पर ला रहे हैं. संपर्क सड़कों की खस्ता हालत पर सेब की ट्रांसपोर्टेशन न होने की वजह से इस कि ढुलाई मजबूरी में लेबर से ही करवानी पड़ रही है. प्रदेश सरकार का सड़कों की ओर कोई ध्यान नहीं है.
लोक निर्माण विभाग कहता है कि यह सड़कें उन के अधिकार क्षेत्र की नहीं है. दूसरी ओर बीडीओ कहते हैं कि उन के पास ऐसा कोई फंड नहीं है, जिससे वह उन की मरम्मत करवा सके. संपर्क सड़कों के रख रखाव की बड़ी विचित्र स्थिति है.
किमटा ने कहा है कि बागवानी मंत्री को बागवानी के बारे या तो कोई जानकारी नही है या फिर वह जानबूझ कर ऐसा कर रहे हैं. इससे साफ है कि सरकार बागवानों के प्रति संवेदनहीन है. किमटा ने मुख्यमंत्री से कहा है कि उन्हें जिला उपायुक्त और संबंधित ब्लॉक के बीडीओ को स्पेशल फंड उपलब्ध करवा कर सड़कों की दशा सुधारने के लिए सख्त निर्देश जारी करने चाहिए. सेब ढुलाई के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारू करने के लिए अतिरिक्त कर्मी तैनात किए जाने चाहिए जिस से सेब समय पर मंडियों में पहुंचे.
किमटा ने इस समय भारी बारिश के चलते सेब के पौधों में माइट रोग के फैलने पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि बागवानों को इससे रोकथाम के लिए शीघ्र दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए.
ये भी पढ़ें- CM जयराम ने लोक सेवा आयोग के ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का किया शुभारंभ, कैंडिडेट्स को मिलेगा ये फायदा