शिमलाः हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री मामले को कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने दबाने के आरोप लगाए हैं. साथ ही मानव भारती यूनिवर्सिटी में बीजेपी के बच्चों की फर्जी डिग्री बना कर विदेश भेजने के आरोप लगाए और इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है.
पत्रकार वार्ता के दौरान राजेंद्र राणा ने सरकार को घेरा
शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान राजेंद्र राणा ने सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सोलन जिला के बहुचर्चित विश्वविद्यालय मानव भारती में हुए फर्जी डिग्री मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा फर्जी डिग्री मामला सामने आया है जो प्रदेश सहित देश के 17 राज्यों और विदेशों तक में फैला हुआ है. इस विश्वविद्यालय से बीजेपी के कईं नेताओं के बच्चों की भी फर्जी डिग्री बनाई गई है और उन डिग्रियों के दम पर ही वह विदेशों में नौकरियां कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि डिग्रियां बेचने का फर्जीवाड़ा विदेशों तक हुआ है. इसलिए इसकी जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी को जमानत मिल जाती है और सरकार चुपचाप बैठी है. सरकार जान बूझकर इस मामले की लीपापोती कर रही है. जिससे भाजपा इसमें शामिल अपने आकाओं को बचा सके.
नियमों के विपरीत जाकर दी गई विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति
राणा ने कहा कि भाजपा ने 2008 में प्रदेश में अपने शासनकाल के दौरान जिस प्रकार निजी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी. उससे इनकी मंशा साफ हो गई थी कि वह शिक्षा का व्यापारीकरण कर रहे हैं. मानव भारती को नियमों के विपरीत जाकर विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी गई. यह विश्वविद्यालय शर्तें ही पूरी नहीं करता था तो इसे कैसे अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने विधानसभा के अंदर और बाहर की जांच की उसके बाद एसआईटी ने इसका फर्जीवाड़े को उजागर किया तो भी सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने अभी तक इसके बैंक खातों की जांच तक नही की. इनके खाते में कब किस से कितना पैसा आया किसे दिया गया और कहां गया इसकी जांच सरकार को करनी चाहिए.
फर्जीवाड़े को भाजपा सरकार का पूरा संरक्षणः राणा
राणा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में निजी शिक्षा के फर्जीवाड़े को भाजपा सरकार का पूरा संरक्षण है. इसकी जांच सीबीआई से करवाई जाती है तो इसमें भाजपा के कई बड़े नेताओं की संलिप्तता पाई जाएगी. साथ ही उन्होंने यह आशंका जताई कि विजय माल्या की तरह विश्वविद्यालय का मालिक भी विदेश भागने की फिराक में है.
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