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राजीव बिंदल ने विक्रमादित्य पर किया है मानहानि का दावा, हाईकोर्ट में चार सप्ताह के लिए टली सुनवाई

नाहन से पूर्व विधायक राजीव बिंदल की ओर से शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के साथ दो अन्य लोगों पर किए गए मानहानि के दावे पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई चार सप्ताह के लिए टल गई है. राजीव बिंदल के अनुसार कुछ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके चरित्र पर अंगुलियां उठाने की कोशिश की थी. (Himachal Pradesh High Court) (Rajeev Bindal filed a defamation claim on Vikramaditya singh)

defamation claim on Vikramaditya singh
राजीव बिंदल ने विक्रमादित्य पर किया मानहानि का दावा
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Published : Dec 15, 2022, 9:00 PM IST

शिमला: हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और नाहन से पूर्व विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह व दो अन्य लोगों पर किए गए मानहानि के दावे पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए टल गई है. डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह सहित नाहन विधानसभा क्षेत्र के दो अन्य कांग्रेस नेताओं पर मानहानि का दावा किया है. विक्रमादित्य सिंह सहित नाहन के दो कांग्रेसी नेताओं देशराज लबाना व सोमदत्त पर हाईकोर्ट में ये मामला दायर किया है. (Rajeev Bindal filed a defamation claim) (Shimla Rural Congress MLA Vikmaditya Singh)

प्रार्थी डॉ. राजीव बिंदल के अनुसार कुछ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके चरित्र पर अंगुलियां उठाने की कोशिश की. हाईकोर्ट ने प्रार्थी राजीव बिंदल के आवेदन पर उनके खिलाफ सोशल मीडिया सहित अन्य मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार व गलत टिप्पणियां करने पर प्रतिबंध व रोक लगाई है. प्रार्थी ने हाईकोर्ट में कहा था कि वह छात्र जीवन से लेकर अब तक सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहा है. वे तीन बार सोलन और नाहन से विधायक भी चुने गए थे और एक बार स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. इतना ही नहीं वह पूरे देश की विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं. (Former MLA from Nahan Dr Rajeev Bindal)

राजीव बिंदल ने कहा है कि समाज में उनका अ'छा खासा नाम है. सामाजिक रुतबा होने के कारण उन्हें एक बार विधानसभा अध्यक्ष भी बनाया गया था. इस सबकी जानकारी प्रतिवादियों को होने के बावजूद उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. ऐसा प्रतिवादी फेसबुक अकाउंट, व्हाट्सएप संदेश और ट्विटर जैसे अन्य सोशल मीडिया का सहारा लेकर कर रहे हैं. ये लोग उसकी ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, विश्वसनीयता, नैतिकता और काम करने की क्षमता पर संदेह पैदा करने के लिए दुष्प्रचार का प्रयास कर रहे हैं.

प्रार्थी ने प्रतिवादियों पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए उन्हें ऐसा दुष्प्रचार करने से रोकने की गुहार भी लगाई है. हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को सोशल मीडिया के माध्यम से गैर सत्यापित आरोप लगाने पर रोक लगाई है. मामले पर सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

ये भी पढ़ें: सीएम सुखविंदर सिंह का बड़ा बयान- हिमाचल कैबिनेट में शामिल होंगे विक्रमादित्य सिंह

शिमला: हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और नाहन से पूर्व विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह व दो अन्य लोगों पर किए गए मानहानि के दावे पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए टल गई है. डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह सहित नाहन विधानसभा क्षेत्र के दो अन्य कांग्रेस नेताओं पर मानहानि का दावा किया है. विक्रमादित्य सिंह सहित नाहन के दो कांग्रेसी नेताओं देशराज लबाना व सोमदत्त पर हाईकोर्ट में ये मामला दायर किया है. (Rajeev Bindal filed a defamation claim) (Shimla Rural Congress MLA Vikmaditya Singh)

प्रार्थी डॉ. राजीव बिंदल के अनुसार कुछ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके चरित्र पर अंगुलियां उठाने की कोशिश की. हाईकोर्ट ने प्रार्थी राजीव बिंदल के आवेदन पर उनके खिलाफ सोशल मीडिया सहित अन्य मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार व गलत टिप्पणियां करने पर प्रतिबंध व रोक लगाई है. प्रार्थी ने हाईकोर्ट में कहा था कि वह छात्र जीवन से लेकर अब तक सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहा है. वे तीन बार सोलन और नाहन से विधायक भी चुने गए थे और एक बार स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. इतना ही नहीं वह पूरे देश की विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं. (Former MLA from Nahan Dr Rajeev Bindal)

राजीव बिंदल ने कहा है कि समाज में उनका अ'छा खासा नाम है. सामाजिक रुतबा होने के कारण उन्हें एक बार विधानसभा अध्यक्ष भी बनाया गया था. इस सबकी जानकारी प्रतिवादियों को होने के बावजूद उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. ऐसा प्रतिवादी फेसबुक अकाउंट, व्हाट्सएप संदेश और ट्विटर जैसे अन्य सोशल मीडिया का सहारा लेकर कर रहे हैं. ये लोग उसकी ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, विश्वसनीयता, नैतिकता और काम करने की क्षमता पर संदेह पैदा करने के लिए दुष्प्रचार का प्रयास कर रहे हैं.

प्रार्थी ने प्रतिवादियों पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए उन्हें ऐसा दुष्प्रचार करने से रोकने की गुहार भी लगाई है. हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को सोशल मीडिया के माध्यम से गैर सत्यापित आरोप लगाने पर रोक लगाई है. मामले पर सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

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