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Punjab Taxi Union Dispute: CM सुक्खू ने पंजाब टैक्सी ऑपरेटरों के साथ की बैठक, ऑल इंडिया परमिट गाड़ियों पर टैक्स कम करने का दिया आश्वासन

हिमाचल प्रदेश में ऑल इंडिया परमिट वाहनों पर लगाए स्टेट रोड टैक्स को कम करने को लेकर प्रदेश सरकार जल्द फैसला लेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी आपरेटरों के साथ बैठक की और उन्हें आश्वासन दिलाया कि सरकार जल्द ही इस दिशा में फैसला सुनाएगी. (CM Sukhvinder Meets Punjab Taxi Operators) (Punjab Taxi Union Dispute)

CM Sukhvinder Meets Punjab Taxi Operators
CM सुखविंदर ने पंजाब के टैक्सी ऑपरेटरों से मुलाकात की
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 11:56 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ऑल इंडिया परमिट वाहनों पर लगाए स्टेट रोड टैक्स (SRT) को कम करेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पड़ोसी राज्य पंजाब, चंडीगढ़ के टैक्सी आपरेटरों के साथ बैठक में कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है, जल्द इस बारे में फैसला लिया जाएगा. इस बैठक में आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के पदाधिकारी शामिल हुए. उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर लगाए टैक्स को गैरकानूनी बताया और कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए.

परमिट टैक्स पर टैक्सी ऑपरेटरों की आपत्ति: आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के अध्यक्ष शरणजीत सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर लगाया गया परमिट गैर कानूनी है. सरकार ने 12 सीटों से ज्यादा वाले बाहरी राज्यों को वाहनों पर एसआरटी लगाया है. इसके बाद टेंपो ट्रैवलरों को 5200 रुपए रोजना टैक्स हिमाचल को देना पड़ रहा है, जबकि वह पहले ही केंद्र सरकार को नेशनल परमिट के लिए 80 हजार रुपए सालाना टैक्स दे रहे हैं. इसी तरह पंजाब सरकार को 10 हजार का टैक्स अलग से दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रूल के मुताबिक ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर इस तरह का टैक्स नहीं लगाया जा सकता है. इससे पहले तमिलनाडु ने भी इसी तरह का टैक्स लगाया था, जिसको पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया. अब हिमाचल ने भी इसी तरह गैर कानूनी तरीके से टैक्स लगाया है, जिससे वे हिमाचल में अपने वाहनों को नहीं ला रहे हैं.

टूरिस्टों को लेकर आती हैं बाहरी राज्यों की गाड़ियां: पंजाब, चंडीगढ़ से टेंपो ट्रैवलर अन्य राज्यों के टूरिस्टों को लेकर आते हैं. ये वाहन शिमला, मनाली आदि पर्यटन स्थलों के अलावा हिमाचल के धार्मिक स्थलों में भी श्रद्धालुओं को लाते हैं, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा लगाए गए इस टैक्स की वजह से अब इन टैक्सी आपरेटरों ने न केवल टैंपो ट्रैवलर की सेवाएं बंद कर दी हैं, बल्कि टैक्स के विरोध में अपनी छोटी गाडियां भी यहां नहीं भेज रहे हैं. जिसके चलते हिमाचल में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

ये ट्रेवल एजेंसियां भी कर रही हिमाचल का बहिष्कार: पंजाब और चंडीगढ़ के टैक्सी, टैंपो व बस ऑपरेटर से पहले गुजरात और महाराष्ट्र की ट्रेवल एजेंसियां भी हिमाचल का बहिष्कार कर रही हैं. प्रदेश सरकार द्वारा भारी भरकम टेक्स लेने के विरोध में आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब ने 15 अक्टूबर से बॉर्डर पर हिमाचल की गाड़ियां रोकने की भी चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार की ओर से 23 अक्टूबर तक इनकी मांग पूरी करने का भरोसा दिया गया. इसके बाद इन्होंने बॉर्डर पर गाड़ियां रोकने के निर्णय को स्थगित कर दिया है, लेकिन हिमाचल में अपनी गाड़ियों को लेकर नहीं आ रहे हैं.

होटल कारोबारियों की टैक्स कम करने की अपील: इससे पहले वीरवार को शिमला के होटल और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर टैक्स हटाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने इनको टैक्स कम करने का भरोसा दिया था और इसके बाद चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटरों को शिमला बुलाया था. आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के अध्यक्ष शरणजीत सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के साथ उनकी बैठक हुई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने टैक्स को कम करने का भरोसा दिया है. टैक्सी ऑपरेटर अब यह देख रहे हैं कि सरकार क्या फैसला लेती है.

ये भी पढ़ें: Shimla Punjab Taxi Union: टेम्पो ट्रैवलर पर टैक्स लगाने पर भड़की पंजाब टैक्सी यूनियन, कहा- सरकार वापस ले फैसला

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ऑल इंडिया परमिट वाहनों पर लगाए स्टेट रोड टैक्स (SRT) को कम करेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पड़ोसी राज्य पंजाब, चंडीगढ़ के टैक्सी आपरेटरों के साथ बैठक में कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है, जल्द इस बारे में फैसला लिया जाएगा. इस बैठक में आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के पदाधिकारी शामिल हुए. उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर लगाए टैक्स को गैरकानूनी बताया और कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए.

परमिट टैक्स पर टैक्सी ऑपरेटरों की आपत्ति: आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के अध्यक्ष शरणजीत सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर लगाया गया परमिट गैर कानूनी है. सरकार ने 12 सीटों से ज्यादा वाले बाहरी राज्यों को वाहनों पर एसआरटी लगाया है. इसके बाद टेंपो ट्रैवलरों को 5200 रुपए रोजना टैक्स हिमाचल को देना पड़ रहा है, जबकि वह पहले ही केंद्र सरकार को नेशनल परमिट के लिए 80 हजार रुपए सालाना टैक्स दे रहे हैं. इसी तरह पंजाब सरकार को 10 हजार का टैक्स अलग से दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रूल के मुताबिक ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों पर इस तरह का टैक्स नहीं लगाया जा सकता है. इससे पहले तमिलनाडु ने भी इसी तरह का टैक्स लगाया था, जिसको पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया. अब हिमाचल ने भी इसी तरह गैर कानूनी तरीके से टैक्स लगाया है, जिससे वे हिमाचल में अपने वाहनों को नहीं ला रहे हैं.

टूरिस्टों को लेकर आती हैं बाहरी राज्यों की गाड़ियां: पंजाब, चंडीगढ़ से टेंपो ट्रैवलर अन्य राज्यों के टूरिस्टों को लेकर आते हैं. ये वाहन शिमला, मनाली आदि पर्यटन स्थलों के अलावा हिमाचल के धार्मिक स्थलों में भी श्रद्धालुओं को लाते हैं, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा लगाए गए इस टैक्स की वजह से अब इन टैक्सी आपरेटरों ने न केवल टैंपो ट्रैवलर की सेवाएं बंद कर दी हैं, बल्कि टैक्स के विरोध में अपनी छोटी गाडियां भी यहां नहीं भेज रहे हैं. जिसके चलते हिमाचल में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

ये ट्रेवल एजेंसियां भी कर रही हिमाचल का बहिष्कार: पंजाब और चंडीगढ़ के टैक्सी, टैंपो व बस ऑपरेटर से पहले गुजरात और महाराष्ट्र की ट्रेवल एजेंसियां भी हिमाचल का बहिष्कार कर रही हैं. प्रदेश सरकार द्वारा भारी भरकम टेक्स लेने के विरोध में आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब ने 15 अक्टूबर से बॉर्डर पर हिमाचल की गाड़ियां रोकने की भी चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार की ओर से 23 अक्टूबर तक इनकी मांग पूरी करने का भरोसा दिया गया. इसके बाद इन्होंने बॉर्डर पर गाड़ियां रोकने के निर्णय को स्थगित कर दिया है, लेकिन हिमाचल में अपनी गाड़ियों को लेकर नहीं आ रहे हैं.

होटल कारोबारियों की टैक्स कम करने की अपील: इससे पहले वीरवार को शिमला के होटल और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर टैक्स हटाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने इनको टैक्स कम करने का भरोसा दिया था और इसके बाद चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटरों को शिमला बुलाया था. आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के अध्यक्ष शरणजीत सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के साथ उनकी बैठक हुई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने टैक्स को कम करने का भरोसा दिया है. टैक्सी ऑपरेटर अब यह देख रहे हैं कि सरकार क्या फैसला लेती है.

ये भी पढ़ें: Shimla Punjab Taxi Union: टेम्पो ट्रैवलर पर टैक्स लगाने पर भड़की पंजाब टैक्सी यूनियन, कहा- सरकार वापस ले फैसला

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