रामपुर: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों की मुख्य फसल सेब मानी जाती है. सेब की अच्छी पैदावार के लिए बागवान आए दिन अपने सेब के बगीचों में पेड़ो की कांट-छांट कर रहे हैं.
बता दें कि जिला शिमला, किन्नौर, कुल्लू, चंबा कई जिलों के लोगों की आर्थिकी सेब पर निर्भर करती है. इस कारण बागवानों को सर्दी के मौसम में सेब की अच्छी पैदावार के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिसको लेकर आए दिन बागवान अपने सेब के बगीचों में कांट-छांट व अन्य कार्य में लगे हुए हैं.
बागवानों का कहना है कि सेब के बगीचों में काट-छांट करना अच्छी पैदावार के लिए बहुत जरूरी है. पेड़ों की काट-छांट करने से सेब के पेड़ों में किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं लगती. इसके साथ ही सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग भी अच्छी होती है. इसके बाद सेब के पेड़ में फल भी अच्छे लगते हैं.
पेड़ों की काट-छांट करने से पेड़ों का आकार सही बन जाता है और फल भी पेड़ में अच्छे लगते हैं. वहीं फल, सब्जी, पुष्प उत्पादक संघ रामपुर मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष केडी कश्मीरी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सेब राज्य की और बनने के लिए बड़ी तीव्र गति से अग्रसर हो रहा है. प्रदेश में अधिकांश किसान व बागवान बागवानी की ओर अपना रूझान बनाए हुए हैं.
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