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शिक्षा निदेशालय के बाहर छात्र अभिभावक मंच का विरोध प्रदर्शन, सौंपा मांग पत्र

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Published : Apr 6, 2021, 5:59 PM IST

निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. छात्र अभिभावक मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूलों ने इस वर्ष ट्यूशन फीस में अभिभावकों के साथ बिना किसी बैठक के टयूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. निजी स्कूलों ने कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की वृद्धि की है. मेहरा ने कहा कि जो अभिभावक निजी स्कूलों की लूट का विरोध कर रहे हैं, उन्हें व उनके बच्चों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.

Student Parent Forum shimla news, छात्र अभिभावक मंच शिमला न्यूज
फोटो.

शिमला: निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2021 की टयूशन फीस में पन्द्रह से पैंसठ प्रतिशत बढ़ोतरी व कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का अभिभावकों ने विरोध किया है. निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के बाद मंच के प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा से मिला व उन्हें मांग पत्र सौंपा. अतिरिक्त निदेशक ने आश्वासन दिया है कि दो दिन के भीतर वर्ष 2021 में निजी स्कूलों द्वारा की गई पन्द्रह से पैंसठ प्रतिशत फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

Student Parent Forum shimla news, छात्र अभिभावक मंच शिमला न्यूज
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'बिना किसी बैठक के टयूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि'

छात्र अभिभावक मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूलों ने इस वर्ष ट्यूशन फीस में अभिभावकों के साथ बिना किसी बैठक के टयूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. निजी स्कूलों ने कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की वृद्धि की है. मेहरा ने कहा कि जो अभिभावक निजी स्कूलों की लूट का विरोध कर रहे हैं, उन्हें व उनके बच्चों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.

'मुनाफाखोरी की जा रही है'

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि निजी स्कूल सीबीएसई व हि.प्र.स्कूल शिक्षा बोर्ड के दिशानिर्देशनुसार एनसीईआरटी व एससीईआरटी की सस्ती व गुणवत्तापूर्वक किताबों को लगाने के बजाए प्राइवेट पब्लिशजरस की चार गुणा महंगी किताबों को बेचकर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ लाद कर मुनाफाखोरी की जा रही है.

'फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया'

छात्र अभिभावक मंच ने कहा है कि कोरोना काल में जब प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों को पन्द्रह अप्रैल तक बन्द कर दिया है तब ऐसे समय में निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज भेज कर तुरन्त फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं. कुछ स्कूलों ने फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों में फीस, पाठयक्रम व प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तुरन्त कानूनन बनाए व रेगुलेटरी कमीशन का गठन करे.

अतिरिक्त निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बिना जनरल हाउस की मंजूरी के फीस बढ़ोतरी को अमान्य किया जाएगा व निजी स्कूलों को अभिभावकों की आम सभा करके पीटीए के गठन के आदेश दिए जाएंगे. उन्होंने अध्यापक को व कर्मचारियों के कोरोना काल के वेतन का भुगतान करने का भी आश्वासन दिया.

ये भी पढ़ें- निगम का संग्राम: बीजेपी के मिशन रिपीट को मिलेगा बल या कांग्रेस को कमबैक का मिलेगा मौका

शिमला: निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2021 की टयूशन फीस में पन्द्रह से पैंसठ प्रतिशत बढ़ोतरी व कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का अभिभावकों ने विरोध किया है. निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के बाद मंच के प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा से मिला व उन्हें मांग पत्र सौंपा. अतिरिक्त निदेशक ने आश्वासन दिया है कि दो दिन के भीतर वर्ष 2021 में निजी स्कूलों द्वारा की गई पन्द्रह से पैंसठ प्रतिशत फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

Student Parent Forum shimla news, छात्र अभिभावक मंच शिमला न्यूज
फोटो.

'बिना किसी बैठक के टयूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि'

छात्र अभिभावक मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूलों ने इस वर्ष ट्यूशन फीस में अभिभावकों के साथ बिना किसी बैठक के टयूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. निजी स्कूलों ने कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की वृद्धि की है. मेहरा ने कहा कि जो अभिभावक निजी स्कूलों की लूट का विरोध कर रहे हैं, उन्हें व उनके बच्चों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है.

'मुनाफाखोरी की जा रही है'

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि निजी स्कूल सीबीएसई व हि.प्र.स्कूल शिक्षा बोर्ड के दिशानिर्देशनुसार एनसीईआरटी व एससीईआरटी की सस्ती व गुणवत्तापूर्वक किताबों को लगाने के बजाए प्राइवेट पब्लिशजरस की चार गुणा महंगी किताबों को बेचकर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ लाद कर मुनाफाखोरी की जा रही है.

'फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया'

छात्र अभिभावक मंच ने कहा है कि कोरोना काल में जब प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों को पन्द्रह अप्रैल तक बन्द कर दिया है तब ऐसे समय में निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज भेज कर तुरन्त फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं. कुछ स्कूलों ने फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों में फीस, पाठयक्रम व प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तुरन्त कानूनन बनाए व रेगुलेटरी कमीशन का गठन करे.

अतिरिक्त निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बिना जनरल हाउस की मंजूरी के फीस बढ़ोतरी को अमान्य किया जाएगा व निजी स्कूलों को अभिभावकों की आम सभा करके पीटीए के गठन के आदेश दिए जाएंगे. उन्होंने अध्यापक को व कर्मचारियों के कोरोना काल के वेतन का भुगतान करने का भी आश्वासन दिया.

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