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एडवांस स्टडी के कर्मचारियों को ना तो वेतन मिल रहा ना ही पेंशन, संस्थान के निदेशक पर मनमर्जी के आरोप

शिमला के एडवांस स्टडी में कई दिनों से कर्मचारी वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज भी कर्मचारियों ने संस्थान के बाहर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी संस्थान के निदेशक के खिलाफ की. संस्थान के कर्मचारियों का आरोप है कि संस्थान में जो अध्येता, कर्मचारी और पेंशनर हैं उन्हें वेतन और पेंशन नहीं दिया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इससे पहले कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे या समस्याएं संस्थान के निदेशक और अधिकारियों के सामने नहीं रखी हैं.

Protest of employees at Indian Institute of Higher Studies in shimla
फोटो.
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Published : Nov 4, 2020, 4:47 PM IST

शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में कर्मचारियों का विरोध संस्थान के निदेशक के खिलाफ लगातार बढ़ता जा रहा है. कई दिनों से कर्मचारी वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज भी कर्मचारियों ने संस्थान के बाहर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी संस्थान के निदेशक के खिलाफ की.

संस्थान के कर्मचारियों का आरोप है कि संस्थान में जो अध्येता, कर्मचारी और पेंशनर हैं उन्हें वेतन और पेंशन नहीं दिया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इससे पहले कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे या समस्याएं संस्थान के निदेशक और अधिकारियों के सामने नहीं रखी है.

वीडियो.

इस पूरे मामले में संस्थान के सचिव और निदेशक के साथ हैं. बीते कल भी कर्मचारियों ने बातचीत की थी और अधिकारियों से यह आग्रह किया था कि सभी कर्मचारियों, अधेयताओं, पेंशन भोगियों को मासिक वेतन और पेंशन तुरंत जारी की जाए, लेकिन अभी तक यह जारी नहीं किया गया है.

कर्मचारी संघ का यह भी आरोप है कि संस्थान के निदेशक की मनमानी के चलते यह सब कार्य हो रहा है और उनके पेंशन और वेतन रुके पड़े हैं. संस्थान की जो कर्मचारी है उनका आरोप है कि पिछले जुलाई माह से ही संस्थान के अधिकारियों की आपस में तनातनी चल रही है और इसका खामियाजा कर्मचारियों भुगतना पड़ रहा है.

संस्थान के कर्मचारियों के इस आंदोलन को कॉर्डिनेशन कमेटी केंद्रीय सरकार कर्मचारी का भी समर्थन मिला है. कॉर्डिनेशन कमेटी सेंटर गर्वमेंट एम्प्लॉयज महासचिव हरीश जुलगा ने कहा कि कोई कुछ समय पहले ही यह जानकारी मिली है कि यहां पर कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है और उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. तीन चार महिनों से यह कार्रवाई चल रही है.

Protest of employees at Indian Institute of Higher Studies in shimla
फोटो.

सचिव से बातचीत हुई तो उससे यह जानकारी मिली की निदेशक सचिव और चेयरमैन के बीच आपस में विचार नहीं मिलते हैं. दो सचिव हैं जिनके हस्ताक्षर के बाद यह वेतन मिलना है उन दो सचिवों के विचार नहीं मिल रहे हैं. सचिव को कुछ भत्ता मिलना है जो निदेशक नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल रहा है.

प्रतिनिधियों ने एक बार फिर से आश्वासन दिया था, लेकिन अभी भी वेतन उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने मांग की है कि अगर वेतन नहीं दिया जाता है तो हम कोर्ट जाएंगे और सभी सेंटर गवर्मेट के कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे और कार्यलयों में काम ना करने से जो नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी उच्च अध्ययन संस्थान के अधिकारियों की होगी.

उन्होंने संस्थान के अधिकारियों के इस रवैये की निंदा की और कहा कि सेंटर गवर्मेट को भी इसकी जानकारी दे सकते हैं कि संस्थान के अधिकारियों की तरफ से इस तरह का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने सपष्ट किया है कि आने वाले समय मे हिमाचल प्रदेश की जो सेंटर कॉर्डिनेशन कमेटियां यहां आ कर संस्थान के कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन करेगी.

वहीं, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के कर्मचारी संघ में संस्थान के निदेशक पर भी कई तरह के आरोप लगाए हैं और उनका कहना है कि संस्थान के निदेशक की मनमानी का ही नतीजा है कि उन्हें वेतन नहीं जारी किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संस्थान का रवैया कर्मचारियों के प्रति बेहद ही नकारात्मक है और त्योहारी सीजन में भी कर्मचारियों को वेतन और पेंशन ना देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित भी जा रही है जिसे कर्मचारी वर्ग किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेगा और संस्थान के खिलाफ एक निर्णायक आंदोलन लड़ने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा.

शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में कर्मचारियों का विरोध संस्थान के निदेशक के खिलाफ लगातार बढ़ता जा रहा है. कई दिनों से कर्मचारी वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज भी कर्मचारियों ने संस्थान के बाहर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी संस्थान के निदेशक के खिलाफ की.

संस्थान के कर्मचारियों का आरोप है कि संस्थान में जो अध्येता, कर्मचारी और पेंशनर हैं उन्हें वेतन और पेंशन नहीं दिया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इससे पहले कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे या समस्याएं संस्थान के निदेशक और अधिकारियों के सामने नहीं रखी है.

वीडियो.

इस पूरे मामले में संस्थान के सचिव और निदेशक के साथ हैं. बीते कल भी कर्मचारियों ने बातचीत की थी और अधिकारियों से यह आग्रह किया था कि सभी कर्मचारियों, अधेयताओं, पेंशन भोगियों को मासिक वेतन और पेंशन तुरंत जारी की जाए, लेकिन अभी तक यह जारी नहीं किया गया है.

कर्मचारी संघ का यह भी आरोप है कि संस्थान के निदेशक की मनमानी के चलते यह सब कार्य हो रहा है और उनके पेंशन और वेतन रुके पड़े हैं. संस्थान की जो कर्मचारी है उनका आरोप है कि पिछले जुलाई माह से ही संस्थान के अधिकारियों की आपस में तनातनी चल रही है और इसका खामियाजा कर्मचारियों भुगतना पड़ रहा है.

संस्थान के कर्मचारियों के इस आंदोलन को कॉर्डिनेशन कमेटी केंद्रीय सरकार कर्मचारी का भी समर्थन मिला है. कॉर्डिनेशन कमेटी सेंटर गर्वमेंट एम्प्लॉयज महासचिव हरीश जुलगा ने कहा कि कोई कुछ समय पहले ही यह जानकारी मिली है कि यहां पर कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है और उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. तीन चार महिनों से यह कार्रवाई चल रही है.

Protest of employees at Indian Institute of Higher Studies in shimla
फोटो.

सचिव से बातचीत हुई तो उससे यह जानकारी मिली की निदेशक सचिव और चेयरमैन के बीच आपस में विचार नहीं मिलते हैं. दो सचिव हैं जिनके हस्ताक्षर के बाद यह वेतन मिलना है उन दो सचिवों के विचार नहीं मिल रहे हैं. सचिव को कुछ भत्ता मिलना है जो निदेशक नहीं दे रहे हैं जिसकी वजह से कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल रहा है.

प्रतिनिधियों ने एक बार फिर से आश्वासन दिया था, लेकिन अभी भी वेतन उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने मांग की है कि अगर वेतन नहीं दिया जाता है तो हम कोर्ट जाएंगे और सभी सेंटर गवर्मेट के कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे और कार्यलयों में काम ना करने से जो नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी उच्च अध्ययन संस्थान के अधिकारियों की होगी.

उन्होंने संस्थान के अधिकारियों के इस रवैये की निंदा की और कहा कि सेंटर गवर्मेट को भी इसकी जानकारी दे सकते हैं कि संस्थान के अधिकारियों की तरफ से इस तरह का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने सपष्ट किया है कि आने वाले समय मे हिमाचल प्रदेश की जो सेंटर कॉर्डिनेशन कमेटियां यहां आ कर संस्थान के कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन करेगी.

वहीं, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के कर्मचारी संघ में संस्थान के निदेशक पर भी कई तरह के आरोप लगाए हैं और उनका कहना है कि संस्थान के निदेशक की मनमानी का ही नतीजा है कि उन्हें वेतन नहीं जारी किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संस्थान का रवैया कर्मचारियों के प्रति बेहद ही नकारात्मक है और त्योहारी सीजन में भी कर्मचारियों को वेतन और पेंशन ना देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित भी जा रही है जिसे कर्मचारी वर्ग किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेगा और संस्थान के खिलाफ एक निर्णायक आंदोलन लड़ने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा.

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