शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी की और वीसी कार्यालय के बाहर वीसी का घेराव किया.
एबीवीपी ने यहा प्रदर्शन छात्र ही हितों की मांगों को लेकर किया. प्रदर्शन के दौरान छात्रों का आक्रोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने कुलपति की गाड़ी रोक दी और कुलपति से गाड़ी से बाहर निकल कर उनकी मांगों को सुनने की मांग करने लगे. जब कुलपति अपनी गाड़ी से बाहर नहीं आए तो ऐसे में छात्र कुलपति की गाड़ी के आगे ही बैठकर ही विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
छात्रों के प्रदर्शन को उग्र होता देख प्रदर्शनकारी छात्रों को कुलपति की गाड़ी के आगे से हटाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने जबरन छात्रों को कुलपति की गाड़ी के आगे से हटाया. इस पर छात्र और भी ज्यादा उग्र हो गए और पुलिस के साथ भी उलझ गए. पुलिस ने जब छात्रों को उठाने के लिए कार्रवाई की तो इस कार्रवाई में जहां कुछ छात्रों को छात्रों को चोटें भी आई तो कुछ छात्रों के कपड़े फट गए, लेकिन छात्र फिर भी अपनी मांग पर अड़े रहे.
यहां तक कि जब कुलपति अपने कार्यालय के अंदर चले गए तब भी छात्रों ने कुलपति कार्यालय के भीतर जाने के लिए जोर आजमाइश की और इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई. इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि कोरोना की आड़ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपनी जिम्मेवारी से भागता हुआ नजर आ रहा हैं.
विशाल वर्मा ने कहा कि यूजीसी निर्देशों की आड़ में प्रदेश भर के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू है. हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर पीजी कक्षाओं में दाखिले की बात कही गयी है जिसका विद्यार्थी परिषद विरोध करती है. विद्यार्थी परिषद ने पहले भी ज्ञापन के माध्यम से वीसी के समक्ष इन मांगों को रखा था साथ ही साथ परिसर में मूक प्रदर्शन कर और धरना प्रदर्शन कर विरोध व्यक्त किया था.
विशाल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का मानना है कि प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर दाखिले अनेकों छात्रों के साथ धोखा है पहले तो विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा कराने की बात करता रहा लेकिन अब एकदम से मेरिट आधारित दाखिलों की बात कर रहा है, छात्रों से पहले तो एंट्रेंस के नाम पर फीस वसूली जाती है और बाद में यूजीसी निर्देशों के बहाने से प्रवेश परीक्षा नहीं करवाना हजारों छात्रों के साथ धोखा हैं.
विशाल ने कहा कि आज सुबह जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर वीसी मिलना उचित समझा, लेकिन उस समय वीसी ने छात्रों को नज़र अंदाज करते हुए लगभग 2 घंटे तक गाड़ी से बाहर नहीं उतरे. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता वीसी की गाड़ी के आगे खड़े होकर और गाड़ी के आगे लेटकर नारेबाजी करते रहे.
इसके पश्चात भी वीसी ने छात्रों की मांगों को सुनना सही नहीं समझा. एबीवीपी का आरोप है कि कुलपति ने क्यू आरटी की टीम को बुलाकर छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज करवाते हुए जबरन छात्रों को गाड़ी के सामने से हटाते हुए अपने कार्यालय में प्रवेश किया.
इसके बाद भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने लगातार विरोध प्रदर्शन कार्यालय के बाहर जारी रखा, लेकिन जब कार्यकर्ताओं ने फिर से वीसी से मिलने का प्रयास किया तो पुलिस और क्यूआरटी को आगे करते हुए छात्रों के साथ धक्का मुक्की कर कार्यकर्ताओं के कपड़े फाड़े और दर्जनों कार्यकर्ताओं के शरीर पर काफी चोटें भी आई हैं. इतना कुछ होने के बाद भी जब शाम के 4 बज गए, लेकिन इस समय भी वीसी ने न उनकी मांग सुनने में इच्छा जताई और न ही उनके स्वास्थ्य की चिंता की.