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सरकार ने बरसात को देखते हुए नदी नालों के आसपास अवैध खनन करने पर सख्ती करने के दिए निर्देश

प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं. ओंकार शर्मा ने कहा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ‘सचेत’ ऐप विकसित किया गया है, जिसे मौसम विभाग के साथ जोड़ा गया है. यह भारी बारिश के बारे में किसी भी किसी स्थान विशेष में आपदा आने से पहले संबंधित व्यक्ति को अलर्ट कर देता है.

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ओंकार शर्मा ने दिए अवैध खनन को लेकर निर्देश
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Published : Jun 24, 2023, 10:19 PM IST

ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान अवैध खनन करने वालों पर प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दरअसल, राज्य आपदा प्रबंधन की हाल ही में हुई बैठक में प्रदेश में मानसून की स्थिति का जायजा लिया गया था. वही ओंकार शर्मा ने कहा कि नदी नालों के तटों पर किसी मेजर स्ट्रक्चर के आसपास माइनिंग करने से सड़कों को नुकसान पहुंचाता है और भूस्खलन आदि की घटनाएं सामने आती हैं. इस तरह के अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को नदी-नालों और बांधों आदि पर भी नजर रखने को कहा गया है. इसके साथ ही सभी पानी की स्कीमों और पुलों का निरीक्षण करने करने के लिए कहा गया ताकि वहां कोई बड़ी नुकसान होने से पहले उनको लिए कदम उठाया जा सके.

'आपदाओं की समय पर सूचना के लिए उठाए गए कदम': ओंकार शर्मा ने कहा कि संबंधित विभागों को नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव, भूस्खलन और बांधों से पानी छोड़ने संबंधी सूचना के आदान-प्रदान के निर्देश भी दिए ताकि प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए रिस्पोंस फोर्स को समय पर कार्रवाई के लिए अलर्ट किया जा सके. ओंकार शर्मा ने कहा कि बांधों एवं जलाशयों में जलस्तर, भूकंप, बादल फटने, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की समय पर सूचना उपलब्ध करवाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं ताकि बहुमूल्य मानव जीवन सहित अमूल्य संपदा को समय पर बचाया जा सके.

संबंधित विभागों को समय पर कार्रवाई करने का निर्देश: ओंकार शर्मा ने कहा कि बरसात के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुलों एवं सड़कों के टूटने, पेयजल योजनाओं क्षतिग्रस्त होने, बिजली की तारों व खंभों के टूटने पर समय रहते कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. संबंधित विभागों को इस तरह के संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए समय पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके. उन्होंने संबंधित विभागों को खतरे की संभावने वाले क्षेत्रों में मशीनों, आधुनिक उपकरणों की समुचित तैनाती के भी निर्देश दिए गए.

ओंकार शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक 'सचेत’' ऐप विकसित किया है. इसको मौसम विभाग के साथ जोड़ा गया है. इस ऐप के माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी एवं वार्निंग समय पर उपलब्ध होती हैं. यह भारी बारिश के बारे में किसी भी किसी स्थान विशेष में आपदा आने से पहले संबंधित व्यक्ति को अलर्ट कर देता है. इसको सभी को डाउनलोड करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ने बनाया 'सचेत’ ऐप, Disaster की समय रहते देगा सटीक सूचना‍‍!

ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान अवैध खनन करने वालों पर प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दरअसल, राज्य आपदा प्रबंधन की हाल ही में हुई बैठक में प्रदेश में मानसून की स्थिति का जायजा लिया गया था. वही ओंकार शर्मा ने कहा कि नदी नालों के तटों पर किसी मेजर स्ट्रक्चर के आसपास माइनिंग करने से सड़कों को नुकसान पहुंचाता है और भूस्खलन आदि की घटनाएं सामने आती हैं. इस तरह के अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को नदी-नालों और बांधों आदि पर भी नजर रखने को कहा गया है. इसके साथ ही सभी पानी की स्कीमों और पुलों का निरीक्षण करने करने के लिए कहा गया ताकि वहां कोई बड़ी नुकसान होने से पहले उनको लिए कदम उठाया जा सके.

'आपदाओं की समय पर सूचना के लिए उठाए गए कदम': ओंकार शर्मा ने कहा कि संबंधित विभागों को नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव, भूस्खलन और बांधों से पानी छोड़ने संबंधी सूचना के आदान-प्रदान के निर्देश भी दिए ताकि प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए रिस्पोंस फोर्स को समय पर कार्रवाई के लिए अलर्ट किया जा सके. ओंकार शर्मा ने कहा कि बांधों एवं जलाशयों में जलस्तर, भूकंप, बादल फटने, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की समय पर सूचना उपलब्ध करवाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं ताकि बहुमूल्य मानव जीवन सहित अमूल्य संपदा को समय पर बचाया जा सके.

संबंधित विभागों को समय पर कार्रवाई करने का निर्देश: ओंकार शर्मा ने कहा कि बरसात के दौरान विभिन्न स्थानों पर पुलों एवं सड़कों के टूटने, पेयजल योजनाओं क्षतिग्रस्त होने, बिजली की तारों व खंभों के टूटने पर समय रहते कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. संबंधित विभागों को इस तरह के संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए समय पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके. उन्होंने संबंधित विभागों को खतरे की संभावने वाले क्षेत्रों में मशीनों, आधुनिक उपकरणों की समुचित तैनाती के भी निर्देश दिए गए.

ओंकार शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक 'सचेत’' ऐप विकसित किया है. इसको मौसम विभाग के साथ जोड़ा गया है. इस ऐप के माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी एवं वार्निंग समय पर उपलब्ध होती हैं. यह भारी बारिश के बारे में किसी भी किसी स्थान विशेष में आपदा आने से पहले संबंधित व्यक्ति को अलर्ट कर देता है. इसको सभी को डाउनलोड करना चाहिए.

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