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Chopal Assembly Seat: क्या बलबीर वर्मा को हैट्रिक लगाने से रोक पाएंगे रजनीश किमटा और सुभाष मंगलेट?

हिमाचल प्रदेश में 8 दिसंबर को 14वीं विधानसभा के नतीजे आने हैं, जिसकी तैयारियां निर्वाचन आयोग की ओर से पूरी कर ली गई हैं. चौपाल विधानसभा की बात करें तो यहां अबकी बार त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां पर एक ओर भाजपा के विधायक बलवीर वर्मा चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस ने रजनीश किमटा को टिकट थमाया है. आजाद प्रत्याशी सुभाष मंगलेट भी चुनावी मैदान में हैं. (political equation of chopal assembly seat)

Chopal assembly seat
चौपाल विधानसभा सीट
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Published : Nov 23, 2022, 9:53 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 10:01 PM IST

शिमला: चौपाल में अबकी बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां पर एक ओर भाजपा के विधायक बलवीर वर्मा चुनावी मैदान में है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने रजनीश किमटा को टिकट थमाया है. यही नहीं, अबकी बार कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट भी चुनावी मैदान में कूदे हैं. सुभाष मंगलेट और रजनीश किमटा के एक ही पार्टी से होने के कारण कांग्रेस के वोटों का बंटवारा हो सकता है. मगर आजाद प्रत्याशी के तौर सुभाष मंगलेट के लड़ने पर वह अन्य तटस्थ वोट भी ले सकते हैं. यही वजह है कि अबकी बार चौपाल में मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.

चौपाल का चुनावी इतिहास: चौपाल का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां अधिकतर कांग्रेस ही जीती है. यही नहीं, यहां से अच्छी संख्या में निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं. साल 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद हुए अब तक 11 चुनावों में से सर्वाधिक 5 चुनाव कांग्रेस ने जीते हैं. मगर तीन बार निर्दलीयों को भी चौपाल की जनता ने विधानसभा में चुनकर भेजा है. चौपाल में कांग्रेस से 1971 केवल राम चौहान, 1982 में भी केवलराम चौहान , 1985 योगेंद्र चंद्र, 1998 में भी योगेंद्र चंद्र और 2007 सुभाष मंगलेट में जीते हैं. भाजपा केवल दो बार जीती है. भाजपा के टिकट पर 1990 में राधारमण शास्त्री और 2017 में बलवीर वर्मा जीते. राधारमण शात्री एक बार जेएनपी के टिकट पर 1977 में जीते. निर्दलीय के तौर पर यहां से 1995 में योगेंद्र चंद्र, 2003 में सुभाष चंद और 2012 में बलवीर वर्मा चुने गए हैं. हालांकि, 2017 में बलवीर वर्मा भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े और जीत भी गए. (political equation of chopal assembly seat)

चौपाल में 75.21 फीसदी लोगों ने किया मतदान: चौपाल विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार मतदान की प्रतिशतता 75.21 रही. क्षेत्र के कुल 81,222 मतदाताओं में से 61,091 मतदाताओं ने मतदान किया, जिनमें 32478 पुरुष और 28 613 महिला मतदाता शामिल है. हालांकि, यह पिछली बार को पड़े मतों के मुकाबले थोड़ा कम है. चौपाल 2017 में कुल 73147 मतदाताओं में से 55,777 ने मतदान किया. इनमें से बलवीर वर्मा को 52.96 फीसदी मत पड़े, जबकि उनके प्रतिद्वंदी सुभाष मंगलेट को 44.73 फीसदी मत हासिल हुए.

पढ़ें- काउंटिंग एजेंट को 4 दिसंबर शाम 5 बजे तक जमा करवाना होगा फॉर्म-18

इसके अलावा यहां पर बीएसपी और एक निर्दलीयों में से प्रत्येक को एक फीसदी से भी कम वमत मिले. नोटा को भी 0.81 फासदी लोगों ने इस्तेमाल किया. इस तरह पिछले चुनाव में यहां पर 76.25 फीसदी मतदान रहा है. 2012 के चुनाव में बलवीर वर्मा यहां से मात्र 647 मतों के मार्जिन से जीते. तब बलवीर वर्मा ने बतौर निर्दलीय 44.36 फीसदी मत हासिल किए जबकि उनके प्रतिद्वंदी सुभाष मंगलेट को 43.06 फीसदी मत पड़े. (Chopal Assembly Seat)

क्या चौपाल से हैट्रिक लगा पाएंगे बलवीर वर्मा: चौपाल विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार भी भाजपा ने मौजूदा विधायक पर ही दांव खेला है. विधायक बलबीर वर्मा को पार्टी ने टिकट दिया है. पहली बार 2012 में वह यहां से निर्दलीय चुने गए, हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली. 2017 में वह यहां से भाजपा की टिकट पर जीते. इस तरह वह तीसरी बार अब फिर चुनावी मैदान में है. बलवीर वर्मा देहा-बलसन इलाके हैं जो कि पहले ठियोग विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थीं, मगर 2007 के बाद हुए डिलिमिटेशन के बाद बसलन की करीब एक दर्जन पंचायतें चौपाल में चलीं गईं. इस तरह बलवीर वर्मा को इन पंचायतों से सीधा फायदा मिलता रहा है. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि क्या यहां से बलवीर वर्मा हैट्रिक लगा पाते हैं कि नहीं. (himachal assembly elections 2022 )

बलबीर सिंह वर्मा हैं अरबों के मालिक: चौपाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक व बीजेपी प्रत्याशी बलवीर वर्मा सबसे ज्यादा अमीर विधायक. उनके पास कुल 125 करोड़ रुपए की संपत्ति है. चुनाव आयोग को नामांकन के समय दिए हलफनामें में दी जानकारी के अनुसार बलवीर वर्मा के पास कुल 1 अरब 25 करोड़ 70 लाख 20 हजार 083 रुपए की संपत्ति है, जिसमें से 4 करोड़ 30 लाख 20 हजार 083 करोड़ की चल संपत्ति है, जबकि 1 अरब 21 करोड़ 40 लाख रुपए की अचल संपत्ति है.

पढे़ं- Nurpur Assembly Seat: नूरपुर में खिलेगा कमल या कांग्रेस की होगी जीत, क्या बीजेपी की साख बचा पाएंगे रणवीर

कांग्रेस ने अबकी बार रजनीश किमटा के तौर पर दिया नया चेहरा: चौपाल विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार कांग्रेस ने नया चेहरा दिया है. कांग्रेस ने पार्टी के संगठन महासचिव रजनीश को दो बार के विधायक बलवीर वर्मा के खिलाफ चुनावी दंगल में उतारा है. इस तरह यहां से कांग्रेस नए चेहरे के भरोसे चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के अंदर बगावत से रजनीश किमटा के वोट बैंक में सेंध लग रही है.

कांग्रेस के बागी सुभाष मंगलेट ने बिगाड़ा चुनावी समीकरण: इस बार टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट ने आजाद ही ताल ठोंकी है. इससे यहां विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश किमटा को सीधी टक्कर मिल रही है. इसके अलावा चौपाल सीट से बसपा के भगत लाल, आजाद प्रत्याशी अशोक वर्मा, आम आदमी पार्टी के उदय सिंगटा भी चुनावी मैदान में हैं.

विकासात्मक कार्यों पर ही लड़े गए चुनाव: चौपाल विधानसभा चुनाव मुख्यतः विकासात्मक मुद्दों पर ही लड़े गए हैं. क्षेत्र में सड़कों, पानी, स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों की स्थिति चुनावी मुद्दे रहे हैं. वहीं, मौजूदा विधायक बलवीर वर्मा के खिलाफ दो बार के विधायक होने की एंटीइनकंबैंसी भुनाने की भी कोशिश की गई है.

पुष्कर धामी, जयराम, प्रतिभा ने किया प्रचार: चौपाल में विधानसभा चुनाव के लिए अबकी बार उतराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्टार प्रचारक रहे. उन्होंने नेरवा में भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा के पक्ष में चुनावी जनसभा की. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी नेरवा में जनसभा कर बलवीर वर्मा के लिए वोट मांगे. कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अबकी बार नेरवा के थरोच में एक चुनावी जनसभा कर रजनीश किमटा के लिए वोट मांगे. कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने चौपाल के कुपवी में चुनावी प्रचार किया.

शिमला: चौपाल में अबकी बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां पर एक ओर भाजपा के विधायक बलवीर वर्मा चुनावी मैदान में है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने रजनीश किमटा को टिकट थमाया है. यही नहीं, अबकी बार कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट भी चुनावी मैदान में कूदे हैं. सुभाष मंगलेट और रजनीश किमटा के एक ही पार्टी से होने के कारण कांग्रेस के वोटों का बंटवारा हो सकता है. मगर आजाद प्रत्याशी के तौर सुभाष मंगलेट के लड़ने पर वह अन्य तटस्थ वोट भी ले सकते हैं. यही वजह है कि अबकी बार चौपाल में मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.

चौपाल का चुनावी इतिहास: चौपाल का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां अधिकतर कांग्रेस ही जीती है. यही नहीं, यहां से अच्छी संख्या में निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं. साल 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद हुए अब तक 11 चुनावों में से सर्वाधिक 5 चुनाव कांग्रेस ने जीते हैं. मगर तीन बार निर्दलीयों को भी चौपाल की जनता ने विधानसभा में चुनकर भेजा है. चौपाल में कांग्रेस से 1971 केवल राम चौहान, 1982 में भी केवलराम चौहान , 1985 योगेंद्र चंद्र, 1998 में भी योगेंद्र चंद्र और 2007 सुभाष मंगलेट में जीते हैं. भाजपा केवल दो बार जीती है. भाजपा के टिकट पर 1990 में राधारमण शास्त्री और 2017 में बलवीर वर्मा जीते. राधारमण शात्री एक बार जेएनपी के टिकट पर 1977 में जीते. निर्दलीय के तौर पर यहां से 1995 में योगेंद्र चंद्र, 2003 में सुभाष चंद और 2012 में बलवीर वर्मा चुने गए हैं. हालांकि, 2017 में बलवीर वर्मा भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े और जीत भी गए. (political equation of chopal assembly seat)

चौपाल में 75.21 फीसदी लोगों ने किया मतदान: चौपाल विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार मतदान की प्रतिशतता 75.21 रही. क्षेत्र के कुल 81,222 मतदाताओं में से 61,091 मतदाताओं ने मतदान किया, जिनमें 32478 पुरुष और 28 613 महिला मतदाता शामिल है. हालांकि, यह पिछली बार को पड़े मतों के मुकाबले थोड़ा कम है. चौपाल 2017 में कुल 73147 मतदाताओं में से 55,777 ने मतदान किया. इनमें से बलवीर वर्मा को 52.96 फीसदी मत पड़े, जबकि उनके प्रतिद्वंदी सुभाष मंगलेट को 44.73 फीसदी मत हासिल हुए.

पढ़ें- काउंटिंग एजेंट को 4 दिसंबर शाम 5 बजे तक जमा करवाना होगा फॉर्म-18

इसके अलावा यहां पर बीएसपी और एक निर्दलीयों में से प्रत्येक को एक फीसदी से भी कम वमत मिले. नोटा को भी 0.81 फासदी लोगों ने इस्तेमाल किया. इस तरह पिछले चुनाव में यहां पर 76.25 फीसदी मतदान रहा है. 2012 के चुनाव में बलवीर वर्मा यहां से मात्र 647 मतों के मार्जिन से जीते. तब बलवीर वर्मा ने बतौर निर्दलीय 44.36 फीसदी मत हासिल किए जबकि उनके प्रतिद्वंदी सुभाष मंगलेट को 43.06 फीसदी मत पड़े. (Chopal Assembly Seat)

क्या चौपाल से हैट्रिक लगा पाएंगे बलवीर वर्मा: चौपाल विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार भी भाजपा ने मौजूदा विधायक पर ही दांव खेला है. विधायक बलबीर वर्मा को पार्टी ने टिकट दिया है. पहली बार 2012 में वह यहां से निर्दलीय चुने गए, हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली. 2017 में वह यहां से भाजपा की टिकट पर जीते. इस तरह वह तीसरी बार अब फिर चुनावी मैदान में है. बलवीर वर्मा देहा-बलसन इलाके हैं जो कि पहले ठियोग विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थीं, मगर 2007 के बाद हुए डिलिमिटेशन के बाद बसलन की करीब एक दर्जन पंचायतें चौपाल में चलीं गईं. इस तरह बलवीर वर्मा को इन पंचायतों से सीधा फायदा मिलता रहा है. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि क्या यहां से बलवीर वर्मा हैट्रिक लगा पाते हैं कि नहीं. (himachal assembly elections 2022 )

बलबीर सिंह वर्मा हैं अरबों के मालिक: चौपाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक व बीजेपी प्रत्याशी बलवीर वर्मा सबसे ज्यादा अमीर विधायक. उनके पास कुल 125 करोड़ रुपए की संपत्ति है. चुनाव आयोग को नामांकन के समय दिए हलफनामें में दी जानकारी के अनुसार बलवीर वर्मा के पास कुल 1 अरब 25 करोड़ 70 लाख 20 हजार 083 रुपए की संपत्ति है, जिसमें से 4 करोड़ 30 लाख 20 हजार 083 करोड़ की चल संपत्ति है, जबकि 1 अरब 21 करोड़ 40 लाख रुपए की अचल संपत्ति है.

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कांग्रेस ने अबकी बार रजनीश किमटा के तौर पर दिया नया चेहरा: चौपाल विधानसभा क्षेत्र से अबकी बार कांग्रेस ने नया चेहरा दिया है. कांग्रेस ने पार्टी के संगठन महासचिव रजनीश को दो बार के विधायक बलवीर वर्मा के खिलाफ चुनावी दंगल में उतारा है. इस तरह यहां से कांग्रेस नए चेहरे के भरोसे चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस के अंदर बगावत से रजनीश किमटा के वोट बैंक में सेंध लग रही है.

कांग्रेस के बागी सुभाष मंगलेट ने बिगाड़ा चुनावी समीकरण: इस बार टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट ने आजाद ही ताल ठोंकी है. इससे यहां विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश किमटा को सीधी टक्कर मिल रही है. इसके अलावा चौपाल सीट से बसपा के भगत लाल, आजाद प्रत्याशी अशोक वर्मा, आम आदमी पार्टी के उदय सिंगटा भी चुनावी मैदान में हैं.

विकासात्मक कार्यों पर ही लड़े गए चुनाव: चौपाल विधानसभा चुनाव मुख्यतः विकासात्मक मुद्दों पर ही लड़े गए हैं. क्षेत्र में सड़कों, पानी, स्वास्थ्य संस्थानों और शिक्षण संस्थानों की स्थिति चुनावी मुद्दे रहे हैं. वहीं, मौजूदा विधायक बलवीर वर्मा के खिलाफ दो बार के विधायक होने की एंटीइनकंबैंसी भुनाने की भी कोशिश की गई है.

पुष्कर धामी, जयराम, प्रतिभा ने किया प्रचार: चौपाल में विधानसभा चुनाव के लिए अबकी बार उतराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्टार प्रचारक रहे. उन्होंने नेरवा में भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा के पक्ष में चुनावी जनसभा की. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी नेरवा में जनसभा कर बलवीर वर्मा के लिए वोट मांगे. कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अबकी बार नेरवा के थरोच में एक चुनावी जनसभा कर रजनीश किमटा के लिए वोट मांगे. कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने चौपाल के कुपवी में चुनावी प्रचार किया.

Last Updated : Nov 23, 2022, 10:01 PM IST
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