शिमला: ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल को इशारों ही इशारों में आर्थिक पैकेज की उम्मीद ना रखने की नसीहत भी दे दी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई बार कहा कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं. अब नई प्रतिस्पर्धा का जमाना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट कोई कल्पना नहीं सच्चाई है. इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले इस प्रकार के इन्वेस्टर्स मीट देश के कुछ ही राज्यों में हुआ करते थे लेकिन अब स्थितियां बदल रहीं है अब राज्यों में निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नई होड़ लगी है.
कुछ दशक पहले स्पर्धा चलती थी कि कौन टैक्स माफ करेगा, कौन बिजली सस्ती देगा, कौन जमीन सस्ती देगा यही स्पर्धा चलती रहती थी लेकिन अनुभव यही कहता है इस तरह की स्पर्धा ने परिणाम नहीं दिए जो अपेक्षित थे. अब राज्य सरकारें समझलने लगी हैं कि रियायतों की स्पर्धा ना राज्य सरकारों का भला कर सकती है ना ही उद्योगों का.
प्रधानमंत्री ने भाषण में स्पष्ट कर दिया कि पहले निवेशकों को प्रदेशों में बुलाने के लिए होड़ लगती थी. निवेशक चुपचाप बैठ कर इस बात का इंतजार करते थे कि कौन सी स्टेट सबसे ज्यादा लाभ देगी. बाद में नतीजा यह होता था कि न तो फायदा राज्य सरकारों को होता था,न ही निवेशकों को.
निवेशक के लिए जरूरी है, उपयुक्त माहौल और परमिट सिस्टम के साथ इंस्पेक्टरी राज के साथ गैर जरूरी नियम न हों. अब सरकारें यह सहूलियतें दे रहीं हैं, गैर जरूरी नियम खत्म हो रहे हैं तो सबको अपने हक मिलने शुरू हो गए हैं.
प्रधानमंत्री ने उदघाटन सत्र के दौरान अपने संबोधन में इस भव्य आयोजन को आयोजित करने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कॉफी टेबल बुक 'इन्वेस्टर्स हेवन राइजिंग हिमाचल' का भी विमोचन किया.