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न्यू स्कूल पदनाम देने के विरोध में उतरा PGT शिक्षक संघ, मांग न मानने पर दी कोर्ट जाने की चेतावनी

पीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने पर प्रदेश स्नातकोत्तर अध्यापक संघ भड़क गया है. पदनाम को लेकर जो अधिसूचना शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है, उसे वापस करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भर से पीजीटी शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे.

न्यू स्कूल पदनाम देने के विरोध में उतरा PGT शिक्षक संघ, मांग न मानने पर दी कोर्ट जाने की चेतावनी
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Published : Aug 30, 2019, 9:06 AM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में नियुक्त किए गए पीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने पर प्रदेश स्नातकोत्तर अध्यापक संघ भड़क गया है. संघ इस बात का विरोध जता रहा है कि प्रवक्ता के साथ 'न्यू' शब्द क्यों जोड़ा जा रहा जा है.

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संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री ने पालमपुर में हुए अधिवेशन में पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता पदनाम देने का ऐलान किया था. इसके बावजूद प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू नहीं जोड़ा गया है. अफसरशाही ने पदनाम को प्रवक्ता स्कूल न्यू किया है, जबकि घोषणा प्रवक्ता पदनाम की गई थी. संघ के अध्यक्ष चितरंजन कालटा का कहना है कि प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू जोड़कर शिक्षा में कोई गुणवत्ता नहीं आएगी और ये किस आधार पर किया जा गया है.

चितरंजन कालटा ने कहा कि एक ओर तो पदनाम देने में जहां धोखा किया गया है. वहीं, पीजीटी के प्रमोशन चैनल को भी बंद कर दिया है. वर्ष 2010 से लेकर नियुक्तियां होती जा रही है, लेकिन तब से लेकर अभी तक एक भी पीजीटी को प्रमोट नहीं किया गया. हालांकि पीजीटी कई प्रमोशन हेडमास्टर और प्रिंसिपल के चैनल पर होती है, लेकिन यह दी नहीं जा रही है और न ही कोई सीनियोरिटी लिस्ट 2010 से अभी तक बन पाई है.

चितरंजन कालटा ने कहा कि पीजीटी एक कैडर है जो सारे इंडिया में है. हिमाचल में हमारी कैडर की स्ट्रेंथ 16 हजार के पार है और प्रवक्ता 2 हजार के करीब है. ऐसे में मात्र 2 हजार लोगों को लाभ देने के लिए सरकार 17 हजार शिक्षकों की अनदेखी कर रही है जिसका विरोध संघ जता रहा है. उन्होंने कहा की पदनाम को लेकर जो अधिसूचना शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है उसे वापिस करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भर से पीजीटी शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में छल व प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर होगी दो से सात साल सजा, सीएम ने सदन में पेश किया विधेयक

चितरंजन कालटा ने कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर इस अधिसूचना को वापिस करने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर भी इसका विरोध काले बिल्ले लगाकर किया जाएगा.

बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने की अधिसूचना जारी की गई है जिसके तहत अब प्रदेश के 17 हजार के करीब पीजीटी इसी नए पदनाम से जाने जाएंगे, जिसका शिक्षक विरोध जता रहे है.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में नियुक्त किए गए पीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने पर प्रदेश स्नातकोत्तर अध्यापक संघ भड़क गया है. संघ इस बात का विरोध जता रहा है कि प्रवक्ता के साथ 'न्यू' शब्द क्यों जोड़ा जा रहा जा है.

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संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री ने पालमपुर में हुए अधिवेशन में पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता पदनाम देने का ऐलान किया था. इसके बावजूद प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू नहीं जोड़ा गया है. अफसरशाही ने पदनाम को प्रवक्ता स्कूल न्यू किया है, जबकि घोषणा प्रवक्ता पदनाम की गई थी. संघ के अध्यक्ष चितरंजन कालटा का कहना है कि प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू जोड़कर शिक्षा में कोई गुणवत्ता नहीं आएगी और ये किस आधार पर किया जा गया है.

चितरंजन कालटा ने कहा कि एक ओर तो पदनाम देने में जहां धोखा किया गया है. वहीं, पीजीटी के प्रमोशन चैनल को भी बंद कर दिया है. वर्ष 2010 से लेकर नियुक्तियां होती जा रही है, लेकिन तब से लेकर अभी तक एक भी पीजीटी को प्रमोट नहीं किया गया. हालांकि पीजीटी कई प्रमोशन हेडमास्टर और प्रिंसिपल के चैनल पर होती है, लेकिन यह दी नहीं जा रही है और न ही कोई सीनियोरिटी लिस्ट 2010 से अभी तक बन पाई है.

चितरंजन कालटा ने कहा कि पीजीटी एक कैडर है जो सारे इंडिया में है. हिमाचल में हमारी कैडर की स्ट्रेंथ 16 हजार के पार है और प्रवक्ता 2 हजार के करीब है. ऐसे में मात्र 2 हजार लोगों को लाभ देने के लिए सरकार 17 हजार शिक्षकों की अनदेखी कर रही है जिसका विरोध संघ जता रहा है. उन्होंने कहा की पदनाम को लेकर जो अधिसूचना शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है उसे वापिस करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भर से पीजीटी शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में छल व प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर होगी दो से सात साल सजा, सीएम ने सदन में पेश किया विधेयक

चितरंजन कालटा ने कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर इस अधिसूचना को वापिस करने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर भी इसका विरोध काले बिल्ले लगाकर किया जाएगा.

बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने की अधिसूचना जारी की गई है जिसके तहत अब प्रदेश के 17 हजार के करीब पीजीटी इसी नए पदनाम से जाने जाएंगे, जिसका शिक्षक विरोध जता रहे है.

Intro:नोट: खबर से संबंधित बाइट व्रैप से भेजी है। पीटीए संघ अध्यक्ष चितरंजन कालटा। बाइट जरूर लगाएं।

प्रदेश के स्कूलों में नियुक्त किए गए पीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने पर प्रदेश स्नातकोत्तर अध्यापक संघ भड़क गया है। संघ इस बात का विरोध जता रहा है कि प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू शब्द को कियूं जोड़ा जा रहा जा है। जब मुख्यमंत्री ने खुद पालमपुर में हुए संघ के अधिवेशन में पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता पदनाम देने का एलान किया था तो अब प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू को साथ में कियूं जोड़ा गया है। संघ का कहना है अफसरशाही ने पदनाम को प्रवक्ता स्कूल न्यू किया है जबकि घोषणा प्रवक्ता पदनाम की गई थी। संघ के अध्यक्ष चितरंजन कालटा का कहना है कि प्रवक्ता के साथ स्कूल न्यू जोड़कर शिक्षा में कोई गुणवत्ता नहीं आएगी तो यह किस आधार पर किया जा गया है।


Body:उन्होंने कहा कि एक ओर तो पदनाम देने में जहां धोखा किया गया है वहीं पीजीटी के प्रमोशन चैनल को भी बंद कर दिया है। वर्ष 2010 से लेकर नियुक्तियां होती जा रही है लेकिन तब से लेकर अभी तक एक भी पीजीटी को प्रमोट नहीं किया गया। हालांकि पीजीटी क़ई प्रमोशन हेडमास्टर ओर प्रिंसिपल के चैनल पर होती है लेकिन यह दी नहीं जा रही है। ना ही कोई सीनियोरिटी लिस्ट 2010 से अभी तक बन पाई है। उन्होंने कहा कि हम पर नए-नए नियम थोपे जाते रहे है जिसके तहत पीजीटी शिक्षकों को अभी भी छठी कक्षा से जमा दो तक के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। छठी से दसवीं तक उन्हें यूजी स्तर पर पढ़े गए विषयों को छात्रों को पढ़ाना होगा जबकि जमा एक और जमा दो में शिक्षक पोस्ट ग्रेजुएशन में पढ़े गए विषयों को पीजीटी शिक्षक छात्रों को पढ़ा रहे है। जबकि उच्च शिक्षा के तहत मात्र नौवीं कक्षा से बाहरवीं कक्षा तक के छात्रों को ही पीटीटी शिक्षक पढ़ाते है। इस सबके बावजूद भी अब शिक्षकों को जिस प्रवक्ता नाम के लिए मुख्यमंत्री ने खुद हामी भरी थी उसमें में फेर बदल कर दिया गया है।


Conclusion:चितरंजन कालटा ने कहा कि पीटीजी एक कैडर है जो सारे इंडिया में है । हिमाचल में हमारी कैडर की स्ट्रेंथ 16 हजार के पार है और प्रवक्ता 2 हजार के करीब है। ऐसे में मात्र 2 हजार लोगों को लाभ देने के लिए सरकार 17 हजार शिक्षकों की अनदेखी कर रही है जिसका विरोध संघ जता रहा है। उन्होंने कहा की पदनाम को लेकर जो अधिसूचना शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई है उसे वापिस करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भर से पीजीटी शिक्षक विधानसभा आ कर करेंगे। मामले में पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाक़ात कर इस अधिसूचना को वापिस करने की मांग की जाएगी। अगर तब भी इसे वापिस नहीं लिया जाता है तो कोर्ट में मामला जाएगा और प्रदेश भर में आंदोलन होंगे। यहां तक कि शिक्षक दिवस पर भी इसका विरोध काले बिल्ले लगाकर इस अधिसूचना का विरोध किया जाएगा। बता दे की शिक्षा विभाग की ओर से पीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने की अधिसूचना जारी की गई है जिसके तहत अब प्रदेश के 17 हजार के करीब पीजीटी इसी नए पदनाम से जाने जाएंगे। जिसका शिक्षक विरोध जता रहे है।
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