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घरों को तोड़ने पहुंची MC टीम का लोगों ने किया विरोध, निगम ने 7 दिन का दिया समय - शिमला में अवाध मकान

शिमला शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई कार्य चल रहे हैं. इसी के तहत निगम की एक टीम बालूगंज स्थित छह घर लाइन इलाके में पहुंचे और अवैध ढारों को तोड़ने का काम शुरू किया. जिसके बाद वहां रह रहे लोगों ने निगम का विरोध किया.

शिमला MC टीम
शिमला MC टीम
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Published : Jun 17, 2021, 10:25 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के बालूगंज स्थित छह घर लाइन इलाके में गुरुवार हंगामा मच गया. दरअसल नगर निगम शिमला की एक टीम यहां अवैध ढारों को तोड़ने पहुंची थी. जैसे ही टीम वहां पहुंची तो लोग इकट्ठा हो गए और ढारों को तोड़ने का विरोध करने लगे.

'बिना नोटिस निगम प्रशासन तोड़ रहा घर'

लोगों ने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना किसी सूचना और बिना किसी नोटिस के ही उनके घर तोड़े जा रहे हैं. लोगों ने मांग उठाई कि नगर निगम इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्हें बताएं कि वह कहां जाएं और अगर इस जगह को खाली करना है तो उन्हें कोई अन्य स्थान रहने के लिए भी दिया जाए.

जमीन पर स्मार्ट सिटी के तहत बनेगा प्रोजेक्ट

वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह जमीन निगम की है और इस जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है. स्मार्ट सिटी के तहत यहां पर एक प्रोजेक्ट बनना है, जिसके लिए यह जमीन खाली करवाई जा रही है. इसी को देखते हुए निगम की एक टीम यहां बने मकानों को तोड़ने पहुंची. जिसके बाद लोगों ने इसका विरोध किया और टीम को वापस लौटना पड़ा. वहीं, निगम ने अब यहां रह रहे लोगों को सात दिन का समय दिया है.

वीडियो.

कार्य के चलते तोड़ा जाएगा स्कूल

बता दें कि शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई कार्य चल रहे हैं. इसमे बालूगंज जंक्शन को चौड़ा करने का कार्य भी चल रहा है. इस कार्य के लिए बालूगंज में स्थित स्कूल को भी तोड़ा जाना है. इस स्कूल को बालूगंज में स्थित पड़ाव में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए निगम पड़ाव को भी खाली करवाना चाह रहा है. इसी को देखते हुए निगम की एक टीम मौके पर पहुंच थी और पड़ाव में छह घर लाइन के साथ में जो अवैध निर्माण किया गया है, उसको तोड़ा जा रहा है.

लोगों ने निगम का किया विरोध

इस दौरान नगर निगम के कर्मचारी सहित पुलिस भी मौके पर मौजूद रही. लेकिन लोगों के विरोध के बाद टीम को वहां से वापस लौटना पड़ा. वहां रह रहे लोगों ने बताया कि नगर निगम की टीम बिना नोटिस और बिना जानकारी दिए यहां पहुंच गई और उनके घरों को तोड़ने लगी. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो टीम ने लोगों के साथ बदसलूकी भी की. लोगों ने कहा कि वह पिछले 60 सालों से यहां रह रहे हैx, लेकिन निगम की टीम कभी यहां नहीं आई, न ही उन्हें कभी कोई नोटिस दिया गया. इतने समय बाद निगम की टीम आई और बिना बताए उनके घर तोड़े जा रहे हैं.

मौके पर पहुंचीx पार्षद

वहीं, इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद किरण बावा भी मौके पर पहुंचीx. माहौल को देखते हुए उन्होंने इस कार्य को तुरंत रुकवाया. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य के तहत पड़ाव में स्कूल शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. यहां पर निगम की जमीन आती है और इसी वजह से निगम यहां पर किए गए अवैध निर्माण को भी हटा रहा है.

पार्षद की सरकार से मांग

पार्षद ने मांग उठाई कि इस समय प्रशासन और सरकार इन लोगों को रहने के लिए स्थान दें, ताकि इन्हें किसी तरह की दिक्कत न पेश आए. पार्षद ने बताया कि वह इस मामले को पहले भी निगम प्रशासन के सामने रख चुके हैं और अब एक बार फिर वह इस मामले को सरकार और प्रशसान के सामने रखेगी और वहां रह रहे लोगों के लिए मदद मांगेंगीं. वहीं, मामले को लेकर स्थानीय लोग शुक्रवार को निगम आयुक्त से मुलाकात करेंगे.

ये भी पढ़ें- सिरमौर DC ने बनाई रैपिड रिस्पॉन्स टीमें, बरसात से हुए नुकसान का आंकलन कर बनाएंगी रिपोर्ट

शिमला: राजधानी शिमला के बालूगंज स्थित छह घर लाइन इलाके में गुरुवार हंगामा मच गया. दरअसल नगर निगम शिमला की एक टीम यहां अवैध ढारों को तोड़ने पहुंची थी. जैसे ही टीम वहां पहुंची तो लोग इकट्ठा हो गए और ढारों को तोड़ने का विरोध करने लगे.

'बिना नोटिस निगम प्रशासन तोड़ रहा घर'

लोगों ने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना किसी सूचना और बिना किसी नोटिस के ही उनके घर तोड़े जा रहे हैं. लोगों ने मांग उठाई कि नगर निगम इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्हें बताएं कि वह कहां जाएं और अगर इस जगह को खाली करना है तो उन्हें कोई अन्य स्थान रहने के लिए भी दिया जाए.

जमीन पर स्मार्ट सिटी के तहत बनेगा प्रोजेक्ट

वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह जमीन निगम की है और इस जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है. स्मार्ट सिटी के तहत यहां पर एक प्रोजेक्ट बनना है, जिसके लिए यह जमीन खाली करवाई जा रही है. इसी को देखते हुए निगम की एक टीम यहां बने मकानों को तोड़ने पहुंची. जिसके बाद लोगों ने इसका विरोध किया और टीम को वापस लौटना पड़ा. वहीं, निगम ने अब यहां रह रहे लोगों को सात दिन का समय दिया है.

वीडियो.

कार्य के चलते तोड़ा जाएगा स्कूल

बता दें कि शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई कार्य चल रहे हैं. इसमे बालूगंज जंक्शन को चौड़ा करने का कार्य भी चल रहा है. इस कार्य के लिए बालूगंज में स्थित स्कूल को भी तोड़ा जाना है. इस स्कूल को बालूगंज में स्थित पड़ाव में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए निगम पड़ाव को भी खाली करवाना चाह रहा है. इसी को देखते हुए निगम की एक टीम मौके पर पहुंच थी और पड़ाव में छह घर लाइन के साथ में जो अवैध निर्माण किया गया है, उसको तोड़ा जा रहा है.

लोगों ने निगम का किया विरोध

इस दौरान नगर निगम के कर्मचारी सहित पुलिस भी मौके पर मौजूद रही. लेकिन लोगों के विरोध के बाद टीम को वहां से वापस लौटना पड़ा. वहां रह रहे लोगों ने बताया कि नगर निगम की टीम बिना नोटिस और बिना जानकारी दिए यहां पहुंच गई और उनके घरों को तोड़ने लगी. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो टीम ने लोगों के साथ बदसलूकी भी की. लोगों ने कहा कि वह पिछले 60 सालों से यहां रह रहे हैx, लेकिन निगम की टीम कभी यहां नहीं आई, न ही उन्हें कभी कोई नोटिस दिया गया. इतने समय बाद निगम की टीम आई और बिना बताए उनके घर तोड़े जा रहे हैं.

मौके पर पहुंचीx पार्षद

वहीं, इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद किरण बावा भी मौके पर पहुंचीx. माहौल को देखते हुए उन्होंने इस कार्य को तुरंत रुकवाया. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य के तहत पड़ाव में स्कूल शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. यहां पर निगम की जमीन आती है और इसी वजह से निगम यहां पर किए गए अवैध निर्माण को भी हटा रहा है.

पार्षद की सरकार से मांग

पार्षद ने मांग उठाई कि इस समय प्रशासन और सरकार इन लोगों को रहने के लिए स्थान दें, ताकि इन्हें किसी तरह की दिक्कत न पेश आए. पार्षद ने बताया कि वह इस मामले को पहले भी निगम प्रशासन के सामने रख चुके हैं और अब एक बार फिर वह इस मामले को सरकार और प्रशसान के सामने रखेगी और वहां रह रहे लोगों के लिए मदद मांगेंगीं. वहीं, मामले को लेकर स्थानीय लोग शुक्रवार को निगम आयुक्त से मुलाकात करेंगे.

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