रामपुर: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के लोग हर साल सर्दियों में 'तोशीम' यानी मधुर मिलन जिसे गेट टुगेदर भी कहा जा सकता है का आयोजन करते हैं. किन्नौर के लोग चाहे किसी भी कोने में हों, लेकिन सदियों से चली आ रही इस परंपरा को सर्दियों में जरूर निभाते हैं और मिलकर एक समारोह का आयोजन करते हैं. इस आयोजन का मकसद एक दुसरे का सुख-दुख बांटना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी भाईचारे को बढ़ाना का होता है.
बता दें कि ये आयोजन सिर्फ सर्दियों में किया जाता है. क्योंकि कई सालों पहले जब जनजातीय जिले के दूधराज के क्षेत्रों में बर्फबारी होती थी, तो वह देश-प्रदेश के अन्य हिस्सों से पूरी तरह कट जाता था. उस समय वहां न तो यातायात की कोई खासी व्यवस्था थी और न ही संचार की कोई सुविधा. ऐसे में लोगों के पास मनोरंजन का कोई भी साधन नहीं होता था. इसलिए सर्दियों के मौसम में गांव में लोग एकत्रित होकर इस तरह का आयोजन कर सभी का मनोरंजन करते थे. इस दौरान अच्छे से अच्छे पकवान बनाए जाते हैं और कई वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी जारी है.
किन्नौर के लोगों की यह परंपरा आज भी देश दुनिया में आपसी सहयोग, सद्भावना, मेल मिलाप का अनूठा उदाहरण पेश कर रही है. हिमाचल की राजधानी शिमला से करीब 150 किलोमीटर दूर रामपुर के ज्यूरी में भी किन्नौर कल्याण समिति द्वारा तोशिम समारोह का आयोजन कर किन्नौर के लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया. इस दौरान सभी ने नाच-गाना कर लोगों का खूब मनोरंजन किया.
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