शिमला: कोविड-19 की वजह से शिमला में बंद हुए सिनेमाहॉल अभी तक नहीं खुल पाए हैं. राजधानी में 3 सिनेमाहॉल हैं. इसके साथ ही ऐतिहासिक गेयटी थियेटर जो राजधानी में प्रमुख आकर्षण का केंद्र, वो भी अब तक नहीं खुल पाया है. थियेटर बंद होने से लोगों को मनोरंजन का साधन नहीं मिल पा रहा है.
शिमला में रहने वाले स्थानीय लोगों के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कोई व्यवस्था नहीं रही है. पहले जहां किसी भी बेहतर फिल्म के रिलीज होने पर शिमला में रहने वाले युवा अपने दोस्तों के साथ या परिवार के लोग भी एक साथ थियेटर में फिल्में देखने के लिए चले जाते थे, लेकिन अब थियेटर बंद होने के बाद यह संभव ही नहीं है. ऐसे में अब स्थानीय लोग भी चाह रहे हैं कि शिमला में कुछ अलग तरह की गतिविधियां मनोरंजन के लिए सरकार करवाए.
रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों को शुरू करवाने की मांग
थियेटर बंद होने के बाद अब शिमला में कला और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों को करवाने की मांग बढ़ रही है. युवा वर्ग के साथ ही अन्य लोग भी यही चाह रहे हैं कि शिमला में जो स्थानीय युवा कलाकार हैं, उन्हें एक मंच प्रदान किया जाए जिससे ये युवा हिमाचल के लोकनृत्य और लोकगीतों की प्रस्तुतियां देकर लोगों का मनोरंजन कर सकें. इसके साथ ही नाटक या कुछ अन्य तरह की प्रस्तुतियां करने के लिए भी मंच कलाकारों को मुहैया करवाने की बात अब युवा वर्ग कर रहा है.
भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग से इस तरह की पहल की उम्मीद स्थानीय लोग लगाए हुए हैं. युवाओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस तरह की पहल शिमला में की जाती है तो उससे शिमला आने वाले पर्यटकों का भी मनोरंजन होगा और उन्हें भी कुछ नया यहां देखने को मिलेगा.
ऐतिहासिक गेयटी थियेटर पर कोरोना की मार
कोविड की मार शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर पर भी पड़ी है. सन 1887 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने गेयटी को विक्टोरियन गोथिक शैली में बनाया था. जो देश और प्रदेश के तमाम तरह का इतिहास संजोए हुए हैं. 12वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक इस तरह के ही थियेटर बनाए जाते थे. ब्रिटिश काल में जब शिमला समर कैपिटल थी, उस समय अंग्रेज शिमला को कल्चरल सेंटर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने गेयटी थियेटर को निर्माण करवाया. ऐसे थियेटर पूरे विश्व में अब केवल 6 बच गए हैं. गेयटी थियेटर में भी कला, साहित्य और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियां नहीं हो पा रही है. ऐसे में जो पर्यटक यहां घूमने के लिए आ रहे हैं, वह भी मॉल रोड और रिज मैदान तक घूमने की तक ही सीमित रह गए हैं.
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