शिमला: गुड फ्राइडे के बाद राजधानी शिमला में ईसाई समुदाय ने ईस्टर संडे बड़ी धूमधाम से मनाया. आज के ही दिन प्रभु यीशु मसीह दोबारा जीवंत हुए थे. शिमला में रिज पर स्थित क्राइस्ट चर्च में सुबह से ही प्राथना सभाओं का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों के साथ-साथ पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर चर्च को सजाया गया था.
दोबारा जीवित हो गए थे ईसा मसीह
ईसाई समुदाए के लोगों की मान्यता है कि गुड फ्राइडे के तीन बाद यानी संडे को ईसा मसीह सूली पर चढ़ने के बाद दोबारा जीवित हो गए थे. दोबारा जीवित होने के बाद 40 दिन तक अपने शिष्यों के बीच रहे थे और अंत में स्वर्ग चले गए. ईस्टर संडे का पर्व क्षमा और दया को समर्पित है. चूंकि इस दिन दोबारा जीवित होने के बाद प्रभु ईसा मसीह ने उन लोगों को माफ कर दिया था, जिन्होंने उन्हें कष्ट दिया था. इसलिए इस दिन आपसी बैर भुलाकर विश्व के कल्याण की कामना करते हैं.
पादरी सोहन लाल ने बताई कहानी
क्राइस्ट चर्च के पादरी सोहन लाल ने बताया कि आज के ही दिन प्रभु ईसा मसीह का पुनः जीवित हुए थे और अपने शियो को दर्शन दिए थे और इस दिन को खुशी के साथ मनाया जाता है. चर्च दो विशेष पूजा अर्चना की गई. इसके बाद ईसाई समाज के लोग अपने घरों में ईस्टर को मनाया गया.
बता दे यीशु मसीह को शुक्रवार के दिन क्रॉस पर लटकाए जाने के तीसरे ही दिन रविवार को यीशु मसीह फिर से जीवित हो उठे थे. इस वजह से इसे ईस्टर संडे कहा जाता है. ईसाई समुदाय में ईस्टर संडे का विशेष महत्व है.