रामपुर: शिमला जिले के रामपुर बुशहर में 4 जिलों के लोग पंचकर्म आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का लाभ ले रहे हैं. यहां पर अभी तक हजार के करीब लोग पंचकर्म पद्धति का लाभ ले चुके हैं. रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में यह सुविधा मरीजों को मिल रही है जिससे यहां पर लोग अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. उप मंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्म मौजूद है. यहां पर काफी तादाद में लोग अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. (Panchakarma Ayurveda in Rampur Ayurvedic Hospital) (Rampur Ayurvedic Hospital)
डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि अभी तक यहां पर हजार के करीब लोगों का इलाज किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि उनके पास कई ऐसे मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं जो अन्य बड़े-बड़े अस्पतालों से हार मान कर अपने घर लौट जाते हैं. उन्होंने बताया कि पंचकर्म आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति करवाने के बाद उनका शरीर स्वस्थ हो रहा है. (Panchakarma Therapy in Rampur Ayurvedic Hospital)
आयुर्वेदिक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी रामपुर डॉ. नीटू ने बताया रामपुर में पांच प्रकार के पंचकर्म मौजूद है. उन्होंने बताया कि आजकल हमारे खानपान में काफी बदलाव हो चुका है जो भी हम बाहर से वस्तुएं अपने घरों में लाते हैं उसकी जो शुद्धता है वह अब इतनी बेहतर नहीं रहती है. इसी के साथ-साथ फास्ट फूड का अधिक सेवन करते हैं, जिससे हमारे शरीर में बदलाव होता है और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसी के साथ जोड़ों में दर्द होना सर्दी के मौसम में आम बात रहती है. इसी के साथ-साथ पंचकर्म पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक तौर पर इलाज किया जाता है. वहीं, पेन किलर निशुल्क इलाज मरीजों को दिया जाता है.
डॉ. नीटू ने बताया काढ़ा व भाप के माध्यम से भी मरीजों का बेहतरीन इलाज किया जाता है. डॉ. नीतू ने बताया मार्च के बाद अभी तक लगभग हजार से अधिक मरीज इसका लाभ ले चुके हैं. वहीं, डॉ. नीटू ने लोगों से आग्रह किया है कि वह भी पंचकर्म पद्धति का लाभ उठाएं. अधिक से अधिक लोग यहां पर आएं और निशुल्क में पंचकर्म पद्धति का लाभ उठाएं. बता दें की पंचकर्म पद्धति आयुर्वेदिक चिकित्सा होती है, जिसके माध्यम से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकाला जाता है. पंचकर्म यानी पांच प्रक्रियाएं, जो सेहत को स्वस्थ और संतुलित बनाती हैं.
वहीं, इस दौरान दत्तनगर निवासी महिला ने बताया वह रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना पंचकर्म से इलाज करवा रही है. उन्होंने बताया अभी तक वह शिमला आईजीएमसी, चंडीगढ़ पीजीआई व विभिन्न स्थानों से उनका इलाज सही तरह से नहीं हो पाया. जिसके बाद वे रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना पंचकर्म करवाने के लिए पहुंची. जहां पर उनका इलाज किया गया और आज यहां से अपना इलाज करवाकर स्वस्थ हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जो इलाज उनके द्वारा अन्य अस्पतालों में करवाया गया उससे वह ठीक नहीं हो पाई थीं. जिस कारण उन्हें रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्म करवाने के लिए आना पड़ा और अब वे स्वस्थ हो रही हैं.
क्या है पंचकर्म ?- बता दें कि पंचकर्म का अर्थ पांच विभिन्न चिकित्साओं का समिश्रण है. इस प्रक्रिया का प्रयोग शरीर को बीमारियों एवं कुपोषण द्वारा छोड़े गए विषैले पदार्थों से निर्मल करने के लिये होता है. पंचकर्म एक प्रक्रिया है. यह 'शोदन' नामक शुद्धिकरण प्रक्रियाओं से संबंधित चिकित्साओं के समूह का एक भाग है.
इन रोगों को करता है पंचकर्म दूर- पंचकर्म के पांच चिकित्सा 'वमन' 'विरेचन, 'नास्य', 'बस्ती' एवं 'रक्त मोक्षण हैं. दोषों को संतुलित करने के समय पांच चिकित्साओं की यह शृंखला शरीर के अंदर जीव विष पैदा करने वाले गहरे रूप से आधारित तनाव एवं रोग को दूर करने में मदद करता है.
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