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पटवारी व कानूनगो को गृह क्षेत्र से हटाने के फैसले का विरोध शुरू

संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ जिला शिमला की बैठक शनिवार को शिमला के बचत भवन में हुई. बैठक में प्रधान सचिव की ओर से जारी किए आदेश को विरोध किया गया.

Patwari and Kanungo meeting
पटवार कानूनगो महासंघ
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Published : Aug 30, 2020, 9:30 AM IST

शिमला: प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी और कानूनगो को गृह क्षेत्र से हटाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ जिला शिमला की बैठक शनिवार को शिमला के बचत भवन में हुई.

बैठक में प्रधान सचिव की ओर से जारी किए आदेश को विरोध किया गया. संघ ने सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए. महासंघ ने पटवारी व कानूनगो के लिए शहरी और औद्योगिक क्षेत्र की सीमा आठ किलोमीटर बाहर की शर्त पर फिर से विचार कर इसमें क्षेत्र के बजाय पटवार/कानूनगो क्षेत्र शब्द जोड़ने की मांग उठाई.

वीडियो रिपोर्ट.

महासंघ का तर्क है कि नगर निगम, नगर परिषद, औद्योगिक क्षेत्रों की सीमा तो दूसरी तहसीलों व उपमंडलों तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह शर्त लगाना गलत है. पटवार कानूनगो महासंघ जिला शिमला के अध्यक्ष केडी मेहता ने कहा कि कोरोना संकट में पटवारी और कानूनगो फ्रंटलाइन वॉरियर के तौर पर कार्यरत थे. बिना छुट्टी किए सरकार के आदेश का पालन किया गया.

पटवार कानूनगो महासंघ ने कहा कि इनाम देने के बजाय सरकार अब उन्हें बदल रही है। महासंघ ने सवाल उठाया कि जो लोग छह सात महीनों से मुफ्त में वेतन ले रहे हैं उनके लिए ऐसी नीतियां क्यों नहीं बनती. उन्होंने सरकार से इस फैसले को जल्द वापिस लेने की मांग की.

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शिमला: प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी और कानूनगो को गृह क्षेत्र से हटाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ जिला शिमला की बैठक शनिवार को शिमला के बचत भवन में हुई.

बैठक में प्रधान सचिव की ओर से जारी किए आदेश को विरोध किया गया. संघ ने सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए. महासंघ ने पटवारी व कानूनगो के लिए शहरी और औद्योगिक क्षेत्र की सीमा आठ किलोमीटर बाहर की शर्त पर फिर से विचार कर इसमें क्षेत्र के बजाय पटवार/कानूनगो क्षेत्र शब्द जोड़ने की मांग उठाई.

वीडियो रिपोर्ट.

महासंघ का तर्क है कि नगर निगम, नगर परिषद, औद्योगिक क्षेत्रों की सीमा तो दूसरी तहसीलों व उपमंडलों तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह शर्त लगाना गलत है. पटवार कानूनगो महासंघ जिला शिमला के अध्यक्ष केडी मेहता ने कहा कि कोरोना संकट में पटवारी और कानूनगो फ्रंटलाइन वॉरियर के तौर पर कार्यरत थे. बिना छुट्टी किए सरकार के आदेश का पालन किया गया.

पटवार कानूनगो महासंघ ने कहा कि इनाम देने के बजाय सरकार अब उन्हें बदल रही है। महासंघ ने सवाल उठाया कि जो लोग छह सात महीनों से मुफ्त में वेतन ले रहे हैं उनके लिए ऐसी नीतियां क्यों नहीं बनती. उन्होंने सरकार से इस फैसले को जल्द वापिस लेने की मांग की.

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