शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला के आपातकालीन वार्ड में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक महिला मरीज की डॉक्टरों ने पर्ची से बनी फाइल ही गायब कर दी. इससे पहले भी यहां पर ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन बार-बार हो रही घटनाओं से प्रशासन व विभाग जागता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बता दें कि सिरमौर जिले की रहने वाली 73 वर्षीय महिला दिपो देवी को नाहन मैडिकल कॉलेज से आईजीएमसी शिमला के लिए उपचार को भेजा था.
IGMC में लापरवाही का मामला: सोमवार शाम 8 बजे के करीब वह आईजीएमसी शिमला के आपातकालीन वार्ड में पहुंचे. इस दौरान नर्स ने अपने रजिस्टर में उनका नाम दर्ज किया और केस डॉक्टर के पास गया. डॉक्टरों ने पर्ची पर उनकी सारी हिस्ट्री लिखी और टैस्ट करवाने के लिए कहा. तीमारदार ने रात को मरीज के सारे टैस्ट करवाए, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे डॉक्टर तीमारदार से कहने लगे की मरीज की फाइल गायब हो गई है. इसलिए दोबारा से अब टैस्ट करवाओ, लेकिन तीमारदार ने इसका विरोध किया.
IGMC में डॉक्टरों की लापरवाही: मरीज के साथ आए तीमारदार का आरोप है कि जब रात को मरीज के सारे टैस्ट करवाए गए हैं और मरीज को बैड पर भर्ती भी कर लिया गया तो अब दोबारा से टैस्ट क्यों करवाएं. उन्होंने कहा कि क्या डॉक्टरों की यह जिम्मेदारी नहीं है कि जब तक उनके पास मरीज की फाइल है तो उसे संभाल कर रखें. तमीरदार ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से जब ये सवाल किया गया तो उन्होंने उसे सीएमओ के पास जाकर बात करने को कहा और फिर तीमारदार सीएमओ के पास गए और उनसे मामले को लेकर जांच की मांग की. इसके बाद वह डिप्टी एमएस के पास गए और उनके पास लिखित में शिकायत दी.
डिप्टी MS ने दिया जांच का भरोसा: जब तीमारदार ने डिप्टी एमएस प्रवीण एस भाटिया को लिखित में शिकायत दी तो उन्होंने मामले को लेकर गंभीरता दिखाते हुए तुरंत संबंधित एचओडी को एक पत्र लिखकर जांच करने के निर्देश दिए और उनसे जबाव मांगा है. डिप्टी एमएस ने कहा कि मरीजों के साथ इस तरह की लापरवाही बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने तीमारदारों को भरोसा दिलाया कि इस मामले को लेकर जांच की जाएगी.
IGMC में मरीजों की नहीं कोई सुनवाई: हालांकि इस दौरान पूरे दिन मरीज को उपचार नहीं मिला. बाद में तीमारदार ने अल्ट्रासाउंड व कुछ अन्य टैस्ट करवाए गए. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आपातकालीन वार्ड में बार-बार ऐसी बहुत सी लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन बाबजूद इसके प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही है. इस मामले को लेकर तीमारदार ने मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री से भी जांच करने की मांग की है.
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