शिमला: आईजीएमसी शिमला में कोविड के गंभीर मरीजों को ही दाखिल किया जा रहा है. इन मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है, जहां शर्तों पर ही तीमारदार को जाने की अनुमति रहती है. ऐसे में अब तीमारदार कोरोना मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड की मांग कर रहे हैं.
तीमारदार कर रहे स्पेशल वार्ड बढ़ाने की मांग
अस्पताल प्रशासन के पास हर रोज तीमारदार आकर अपने कोविड मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड मांग रहे हैं. लोगों का कहना है कि वह स्पेशल वार्ड का पूरा खर्चा देंगे, लेकिन तीमारदारों को प्रशासन से मायूसी ही मिलती है. वहीं, प्रशासन का कहना है कि कोरोना मरीजों को पूरा और गुणात्मक इलाज मिलेगा, लेकिन लग्जरी सुविधा भूल जाएं.
स्पेशल वार्डों को बढ़ाना अभी संभव नहीं
आइजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि तीमारदार अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड मांग रहे हैं, जोकि अभी संभव नहीं है. अगर यहां कोविड मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड बनाया जाए तो उसके लिए 32 स्टाफ और बैकअप के लिए 32 यानी 64 स्टाफ चाहिए.
अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि कमियां रहती हैं, लेकिन कभी किसी मरीज के साथ अनियमितता नहीं बरती गई है. लोग ऑक्सीजन न मिलने की शिकायत करते हैं, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. सभी मरीजों का बेहतर इलाज किया जाता है.
स्टाफ के लिए ही है स्पेशल वार्ड
आईजीएमसी के स्टाफ के कोरोना वार्ड या अन्य वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित पाए जाने पर उसे अस्पताल में बने स्पेशल वार्ड में आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है. अब तक लगभग 400 स्टाफ मेंबर पॉजिटिव आ चुके हैं, जिसमें से पिछले हफ्ते एक स्टाफ नर्स की मौत भी हो गई थी.
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