ठियोग: सरकारी कामों का पुलंदा और सरकार के कामों पर उंगली क्यों उठती है, इसकी एक बानगी ठियोग में देखने को मिली है. जंहा ठियोग राजकीय महाविद्यालय के नवनिर्मित छात्रावास भवन का डंगा गिर गया है. इस वजह से पांच मंजिला भवन के ढहने का खतरा उत्पन्न हो गया है. पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने दावों की पोल खोल के रख दी है. लापरवाही सबके सामने आ गई है.
3 करोड़ की लागत से बना भवन
दरअसल ये भवन 2017 में साढ़े 3 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो गया और इसका लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था. उस समय ठियोग से विधायक विद्या स्टोक्स थीं. भवन के बनने के कुछ महीनों बाद ही इसमें दरारें आना शुरू हो गई. जिस पर कॉलेज के सभी छात्र संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई. इसके साथ ही ठियोग की सामाजिक संस्थाओं ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया, जिसके बाद इस पर विवाद गहराता गया.
सही तरीके से नहीं हुआ काम
इस भवन को बनाने ले लिए हिमुडा को जिम्मा सौंपा गया, लेकिन सही तरीके से काम न होने के कारण या भूमि की सही तरीके से जांच न होने के चलते अब ये गिरने के कगार पर आ गई है. ये कभी भी गिर सकती है. इसकी जद में साथ लगते रिहायशी मकान भी आ रहे हैं, जो अपने घर से बाहर अब डर के साये में रहने को मजबूर हैं.
विधायक राकेश सिंघा ने सरकार को घेरा
स्थानीय विधायक राकेश सिंघ ने अब इसपर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा की सरकार ने बिना देख रेख के इस बिल्डिंग को महाविद्यालय के हवाले कर दिया. कुछ ही दिनों में इसमें दरारें पड़ गई, जिसे लीपापोती कर छिपाने का काम किया गया. हालांकि छात्रों ने इस पर सवाल भी किए. इस बारे में उन्होंने 2018 में ही सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब ये गिरने की कगार पर है.
क्या बोले SDM ठियोग सौरभ जस्सल
मौके पर पहुंचे SDM ठियोग सौरभ जस्सल ने कहा कि भवन को खाली कराने का काम जारी है. स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है. इस बिल्डिंग को जल्द ही डिस्मेंटल किया जाएगा, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो.
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