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हिमाचल में स्कूल खोलने के पक्ष में 70 फीसदी अभिभावक, स्कूलों को बनाना होगा माइक्रो प्लान

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Published : Oct 20, 2020, 11:07 AM IST

हिमाचल में करीब 70 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं.अभिभावकों के ये रुझान ईपीटीएम के माध्यम से मिले हैं. अभिभावकों से मिले फीडबैक के तहत ही अब स्कूल खोलने के लिए स्कूल प्रबंधन को माइक्रो प्लान बनाना होगा.

parents in favor of open the  school in Himachal
स्कूलों को बनाना होगा माइक्रो प्लान

शिमला: प्रदेश में अभिभावक अपने बच्चों को नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल भेजना चाहते हैं. 60 से 70 फीसदी के करीब अभिभावक अब चाहतें हैं कि बच्चे स्कूल जाएं जहां उनकी नियमित रूप से कक्षाएं लग सकें. अभिभावकों के ये रुझान ईपीटीएम के माध्यम से आए हैं.

ई-पीटीएम से शिक्षकों ने अभिभावकों के साथ बातचीत की है. सभी जिलों से ई-पीटीएम की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को पहुंचनी शुरू हो गई है. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग को यह बता रहे हैं कि अभिभावकों ने स्कूल खोलने को लेकर किस तरह की राय दी है. कितने अभिभावक नियमित रूप से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं और कितने अभिभावक अभी भी स्कूलों को ना खोलने के पक्ष में नजर आ रहे हैं.

इन जिलों से आई रिपोर्ट
शिक्षा विभाग के पास चंबा,कांगड़ा, कुल्लू, शिमला सहित सोलन ओर सिरमौर कि स्कूलों की ई-पीटीएम की रिपोर्ट आ चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चंबा में 237 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ई-पीटीएम का आयोजन किया गया था, जिसमें 35 फीसदी अभिभावकों ने छात्रों को स्कूल भेजने पर हामी भरी है. इसी तरह से कुल्लू में 152 स्कूलों में ईपीटीएम हुई है जिसमें 50.80 फीसदी और कांगड़ा के 534 स्कूलों में आयोजित हुई ईपीटीएम में 62 प्रतिशत अभिभावकों ने स्कूल खोलने पर सहमति जताई है.

शिमला में 405 स्कूलों में आयोजित हुई ई-पीटीएम में 55 फीसदी अभिभावकों और सोलन में 189 स्कूलों में आयोजित ई-पीटीएम में 55 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल खोलने पर सहमति दी है. सिरमौर के 244 स्कूलों में आयोजित हुई ईपीटीएम में 45 फीसदी अभिभावकों ने स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए हामी भरी है. अभिभावक इस पक्ष में नजर आ रहे हैं कि प्रदेश के स्कूलों में अब बोर्ड के छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरू कर दी जानी चाहिए, जिससे कि छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से जो विषय समझ नहीं आ रहे हैं अब छात्र उन्हें स्कूलों में आकर आसानी से समझ सके.

माइक्रो प्लान होगा तैयार
स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए अभिभावकों की ओर से दिए गए सुधावों के आधार पर स्कूल अपने स्तर पर कक्षाएं लगाने के लिए किस तरह की व्यवस्था करेंगे. इस पर स्कूल अपना माइक्रो प्लान तैयार करेंगे. हर एक स्कूल को अपना माइक्रो प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को सौंपना होगा. सभी स्कूलों से यह माइक्रो प्लान एकत्र कर समग्र शिक्षा की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

2 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्रदेश के स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी. शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को ई-पीटीएम की रिपोर्ट को तैयार कर इसे 2 दिन के अंदर शिक्षा विभाग को सौंपने के निर्देश जारी किए हैं. स्कूलों के हेड मास्टर और प्रिंसिपल को स्कूल खोलने के लिए माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. यह माइक्रो प्लान स्कूल में छात्रों की संख्या,कमरों की संख्या के हिसाब से बनाए जाएंगे. स्कूल खुलने पर किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते कैसे छात्रों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी इसका ब्यौरा माइक्रो प्लान में देना होगा.

इन जिलों से रिपोर्ट आना बाकी

इसके अलावा अभिभावकों ने क्या राय दी है और स्कूल खोलने को लेकर उनका क्या मत है इसके बारे में भी स्कूलों को माइक्रो प्लान में जानकारी देनी होगी. शिक्षा विभाग के पास अभी हमीरपुर, किन्नौर, लाहौल स्पीति, मंडी, ऊना ओर बिलासपुर जिले की ई-पीटीएम की रिपोर्ट आना बाकी है. इन सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद और माइक्रो प्लान विभाग को मिलने के बाद पूरी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी. सरकार इसी रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में प्रदेश के स्कूलों को छात्रों के लिए नियमित रूप से खोलने का फैसला लेगी.

शिमला: प्रदेश में अभिभावक अपने बच्चों को नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल भेजना चाहते हैं. 60 से 70 फीसदी के करीब अभिभावक अब चाहतें हैं कि बच्चे स्कूल जाएं जहां उनकी नियमित रूप से कक्षाएं लग सकें. अभिभावकों के ये रुझान ईपीटीएम के माध्यम से आए हैं.

ई-पीटीएम से शिक्षकों ने अभिभावकों के साथ बातचीत की है. सभी जिलों से ई-पीटीएम की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को पहुंचनी शुरू हो गई है. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग को यह बता रहे हैं कि अभिभावकों ने स्कूल खोलने को लेकर किस तरह की राय दी है. कितने अभिभावक नियमित रूप से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं और कितने अभिभावक अभी भी स्कूलों को ना खोलने के पक्ष में नजर आ रहे हैं.

इन जिलों से आई रिपोर्ट
शिक्षा विभाग के पास चंबा,कांगड़ा, कुल्लू, शिमला सहित सोलन ओर सिरमौर कि स्कूलों की ई-पीटीएम की रिपोर्ट आ चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चंबा में 237 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ई-पीटीएम का आयोजन किया गया था, जिसमें 35 फीसदी अभिभावकों ने छात्रों को स्कूल भेजने पर हामी भरी है. इसी तरह से कुल्लू में 152 स्कूलों में ईपीटीएम हुई है जिसमें 50.80 फीसदी और कांगड़ा के 534 स्कूलों में आयोजित हुई ईपीटीएम में 62 प्रतिशत अभिभावकों ने स्कूल खोलने पर सहमति जताई है.

शिमला में 405 स्कूलों में आयोजित हुई ई-पीटीएम में 55 फीसदी अभिभावकों और सोलन में 189 स्कूलों में आयोजित ई-पीटीएम में 55 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल खोलने पर सहमति दी है. सिरमौर के 244 स्कूलों में आयोजित हुई ईपीटीएम में 45 फीसदी अभिभावकों ने स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए हामी भरी है. अभिभावक इस पक्ष में नजर आ रहे हैं कि प्रदेश के स्कूलों में अब बोर्ड के छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरू कर दी जानी चाहिए, जिससे कि छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से जो विषय समझ नहीं आ रहे हैं अब छात्र उन्हें स्कूलों में आकर आसानी से समझ सके.

माइक्रो प्लान होगा तैयार
स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए अभिभावकों की ओर से दिए गए सुधावों के आधार पर स्कूल अपने स्तर पर कक्षाएं लगाने के लिए किस तरह की व्यवस्था करेंगे. इस पर स्कूल अपना माइक्रो प्लान तैयार करेंगे. हर एक स्कूल को अपना माइक्रो प्लान तैयार कर शिक्षा विभाग को सौंपना होगा. सभी स्कूलों से यह माइक्रो प्लान एकत्र कर समग्र शिक्षा की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

2 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्रदेश के स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी. शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को ई-पीटीएम की रिपोर्ट को तैयार कर इसे 2 दिन के अंदर शिक्षा विभाग को सौंपने के निर्देश जारी किए हैं. स्कूलों के हेड मास्टर और प्रिंसिपल को स्कूल खोलने के लिए माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. यह माइक्रो प्लान स्कूल में छात्रों की संख्या,कमरों की संख्या के हिसाब से बनाए जाएंगे. स्कूल खुलने पर किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते कैसे छात्रों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी इसका ब्यौरा माइक्रो प्लान में देना होगा.

इन जिलों से रिपोर्ट आना बाकी

इसके अलावा अभिभावकों ने क्या राय दी है और स्कूल खोलने को लेकर उनका क्या मत है इसके बारे में भी स्कूलों को माइक्रो प्लान में जानकारी देनी होगी. शिक्षा विभाग के पास अभी हमीरपुर, किन्नौर, लाहौल स्पीति, मंडी, ऊना ओर बिलासपुर जिले की ई-पीटीएम की रिपोर्ट आना बाकी है. इन सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद और माइक्रो प्लान विभाग को मिलने के बाद पूरी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी. सरकार इसी रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में प्रदेश के स्कूलों को छात्रों के लिए नियमित रूप से खोलने का फैसला लेगी.

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