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स्कूलों को खोलने के पक्ष ने नजर आ रहे अभिभावक, बोले: छात्रों की पढ़ाई का हो रहा नुकसान

हिमाचल प्रदेश में अभिभावक भी अब बच्चों के स्कूल खोलने को लेकर सहमति जता रहे हैं. शुक्रवार को हुई ई-पीटीएम में अधिकतर अभिभावकों ने छात्रों के लिए अब स्कूलों को खोलने को लेकर सहमति जताई है.

Education department himachal pradesh
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश.
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Published : Oct 16, 2020, 9:01 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब जल्द ही छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने को लेकर फैसला सरकार ले सकती है. प्रदेश में अभिभावक भी अब बच्चों के स्कूल खोलने को लेकर सहमति जता रहे हैं. शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में आयोजित हुई ई-पीटीएम में अधिकतर अभिभावकों ने छात्रों के लिए अब स्कूलों को खोलने को लेकर सहमति जताई है.

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल नहीं खुलने की वजह से छात्रों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है और हो भी रहा है. ऐसे में अब स्कूलों को खोल कर छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जानी चाहिए. अभिभावकों ने यह भी माना कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है तो ऐसे में कक्षाओं को दो सत्रों में आयोजित किया जाना चाहिए, जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों को स्कूलों में पढ़ाया जा सके.

अभिभावकों ने कहा कि भले ही छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्रों को गणित भौतिक, विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों को समझने में काफी परेशानी आ रही है. छात्र ऑनलाइन माध्यम से कठिन विषयों को नहीं समझ पा रहे हैं जिसके चलते उनके पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. ऐसे में इन विषयों को पढ़ाने के लिए छात्रों को स्कूल में बुलाया जाना चाहिए.

कुछ अभिभावक ऐसे भी थे जिन्होंने बोर्ड की कक्षाओं को नियमित रूप से स्कूलों में लगाने के लिए सहमति भरी. उन्होंने कहा कि 20-20 बच्चों के सेक्शन बनाकर बोर्ड की कक्षाओं के बच्चों को स्कूलों में बुलाकर उनकी नियमित रूप से कक्षाएं लगाई जानी चाहिए, जिससे कि छात्रों को अपने सभी विषय समझ आ सके और छात्र बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

वहीं स्कूलों ने अभिभावकों को अपने माइक्रो प्लान के बारे में बताया कि अगर स्कूल खुलते हैं तो किस तरह से पूरी व्यवस्था को स्कूल में रखा जाएगा जिससे कि छात्रों को कोरोना वायरस से बचाया जा सके. इसके साथ ही नवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों की जो फर्स्ट टर्म की परीक्षाएं करवाई गई थी उसकी परफॉर्मेंस के बारे में भी अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई.

वहीं, हर घर पाठशाला माध्यम से छात्रों को के लिए आयोजित करवाए जा रहे क्विज के बारे में भी अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन की ओर से अवगत करवाया गया. शिक्षकों ने अभिभावकों को यह भी बताया कि छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से कुछ समझ नहीं आ रहा है तो उसके लिए अभिभावकों की शिक्षकों की राय ले सकते हैं. प्रदेश के स्कूलों में 16 से 19 तक ईपीटीएम की जानी है जिसके बाद अभिभावकों की राय जानने के बाद ओर रिपोर्ट लेने के बाद सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला ले लेंगे.

ये भी पढ़ें: निजी स्कूलों की फीस जल्द आ सकता है नया फैसला, अभिभावकों को देनी पड़ सकती है पूरी फीस

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब जल्द ही छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाने को लेकर फैसला सरकार ले सकती है. प्रदेश में अभिभावक भी अब बच्चों के स्कूल खोलने को लेकर सहमति जता रहे हैं. शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में आयोजित हुई ई-पीटीएम में अधिकतर अभिभावकों ने छात्रों के लिए अब स्कूलों को खोलने को लेकर सहमति जताई है.

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल नहीं खुलने की वजह से छात्रों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है और हो भी रहा है. ऐसे में अब स्कूलों को खोल कर छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जानी चाहिए. अभिभावकों ने यह भी माना कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है तो ऐसे में कक्षाओं को दो सत्रों में आयोजित किया जाना चाहिए, जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों को स्कूलों में पढ़ाया जा सके.

अभिभावकों ने कहा कि भले ही छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्रों को गणित भौतिक, विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों को समझने में काफी परेशानी आ रही है. छात्र ऑनलाइन माध्यम से कठिन विषयों को नहीं समझ पा रहे हैं जिसके चलते उनके पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. ऐसे में इन विषयों को पढ़ाने के लिए छात्रों को स्कूल में बुलाया जाना चाहिए.

कुछ अभिभावक ऐसे भी थे जिन्होंने बोर्ड की कक्षाओं को नियमित रूप से स्कूलों में लगाने के लिए सहमति भरी. उन्होंने कहा कि 20-20 बच्चों के सेक्शन बनाकर बोर्ड की कक्षाओं के बच्चों को स्कूलों में बुलाकर उनकी नियमित रूप से कक्षाएं लगाई जानी चाहिए, जिससे कि छात्रों को अपने सभी विषय समझ आ सके और छात्र बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

वहीं स्कूलों ने अभिभावकों को अपने माइक्रो प्लान के बारे में बताया कि अगर स्कूल खुलते हैं तो किस तरह से पूरी व्यवस्था को स्कूल में रखा जाएगा जिससे कि छात्रों को कोरोना वायरस से बचाया जा सके. इसके साथ ही नवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों की जो फर्स्ट टर्म की परीक्षाएं करवाई गई थी उसकी परफॉर्मेंस के बारे में भी अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई.

वहीं, हर घर पाठशाला माध्यम से छात्रों को के लिए आयोजित करवाए जा रहे क्विज के बारे में भी अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन की ओर से अवगत करवाया गया. शिक्षकों ने अभिभावकों को यह भी बताया कि छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से कुछ समझ नहीं आ रहा है तो उसके लिए अभिभावकों की शिक्षकों की राय ले सकते हैं. प्रदेश के स्कूलों में 16 से 19 तक ईपीटीएम की जानी है जिसके बाद अभिभावकों की राय जानने के बाद ओर रिपोर्ट लेने के बाद सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला ले लेंगे.

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