शिमला: हिमाचल प्रदेश के पंचायत चौकीदारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार को शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर पंचायत चौकीदारों ने स्थाई पॉलिसी और वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. चौकीदार संघ ने मांगे पूरी न होने पर सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी. चौकीदारों का आरोप है कि पिछले 40 सालों से वह नौकरी कर रहे हैं लेकिन उनके लिए कोई स्थाई नीति अभी तक नहीं बनाई गई.
पंचायत चौकीदारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही सरकार
हिमाचल प्रदेश चौकीदार पंचायत संघ के अध्यक्ष जगदीप सिंह ने कहा कि सरकार पंचायत चौकीदारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. अन्य विभागों में तैनात चौकीदारों के लिए सरकार ने पॉलिसी बनाई है लेकिन पंचायतों में पिछले 40 वर्षों से काम कर रहे चौकीदारों की सरकार अनदेखी ही करती आई है. कई बार सरकार को चौकीदारों के लिए पॉलिसी बनाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया लेकिन सरकार इस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है.
स्थाई पॉलिसी न बनने पर चौकीदार संघ करेगा उग्र आंदोलन
जगदीप सिंह ने बताया कि 1958 में समन देने का रेट दस रुपए था और खाने के लिए 25 रुपए मिलते थे. आज मंहगाई आसमान छू रही है लेकिन खाने के लिए अभी भी 25 रुपए ही मिलते है. पंचायत चौकीदार संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी पॉलिसी बनाने का फैसला कैबिनेट की बैठक में नही लिया जाता है तो प्रदेश भर में पंचायत चौकीदार संघ काम ठप कर सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन शुरू करेगा.
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