शिमला: केंद्र सरकार की तरफ से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की गई है. 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है. सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं. 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं. केंद्र सरकार की तरफ से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया है. चिकित्सा (बाल रोग) के क्षेत्र में दिलीप महलानाबीस को पद्म विभूषण (मरणोपरांत) दिया गया. कृषि क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नेकराम शर्मा को भी पद्मश्री से नवाजा जाएगा. नेकराम शर्मा जैविक खेती से जुड़े हैं. 'नौ-अनाज' की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित कर रहे हैं.
नौ अनाज एक प्राकृतिक अंतरफसल विधि है. जिसमें नौ खाद्यान्न बिना किसी रासायनिक उपयोग के जमीन के एक ही टुकड़े पर उगाए जाते हैं. इससे पानी के उपयोग में 50 फीसदी की कटौती और भूमि की उर्वरता बढ़ती है. उन्होंने अन्य किसानों को भी इस प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया. साथ ही स्थानीय स्वदेशी बीजों का उत्पादन कर छह राज्यों में 10,000 से अधिक किसानों को बिना किसी शुल्क के वितरित कर रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने बताया की नेकराम शर्मा पिछले करीब 12 वर्षों से कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के साथ जुड़े हैं और उन्होंने कृषि के क्षेत्र में अब तक बेहतर कार्य किया है. डॉ. पंकज सूद ने बताया कि नेकराम शर्मा का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक, ऑर्गेनिक और पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देना रहा है. डॉ. पंकज सूद ने बताया कि पूरा विश्व वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप मना रहा है परंतु नेकराम शर्मा की दूरगामी सोच इस कार्य को बढ़ाबा देने के लिए पिछले 10 वर्षो से प्रयासरत हैं. हमारे देश व प्रदेश के लुफ्त होते मोटे अनाज जैसे कागणी, कोदरा, सोक इतिआदि के संरक्षण के लिए जो योगदान नेकराम शर्मा ने दिया है. आज उसी का ही परिणाम है कि इन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है.
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