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कोरोना: इस साल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी पैब की बैठक, 1100 करोड़ का प्रस्ताव तैयार - PAB meeting meeting

इस बार समग्र शिक्षा की ओर से प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक के लिए 11 सौ करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा गया है. बैठक में तय होगा कि कितना बजट केंद्र सरकार की ओर से इस बार प्रदेश के लिए मंजूर किया जाएगा. इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को कई योजनाओं पर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र पर काम करने के बारे में अवगत करवाएंगे.

PAB meeting through vedio confrencing
वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से पैब की बैठक
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Published : Apr 30, 2020, 12:15 AM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए और अधिक से अधिक स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले बजट को लेकर बैठक 5 मई को होगी. कोरोना के कारण से इस साल में बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही एमएचआरडी मिनिस्टर के साथ होगी.

इस बार समग्र शिक्षा की ओर से प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक के लिए 11 सौ करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा गया है. बैठक में तय होगा कि कितना बजट केंद्र सरकार की ओर से इस बार प्रदेश के लिए मंजूर किया जाएगा. इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को कई योजनाओं पर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र पर काम करने के बारे में अवगत करवाएंगे.

पहले यह बैठक 24 मार्च को दिल्ली में आयोजित होनी थी. इसके लिए प्रस्ताव भी समग्र शिक्षा की ओर से पहले ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बैठक मार्च महीने में नहीं हो पाई. अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक का होना तय किया गया है.

बता दें कि जो 11 सौ करोड़ का बजट प्रस्ताव समग्र शिक्षा की ओर से तैयार किया गया है. उसके आधार पर प्रदेश के 80 सरकारी स्कूलों में नए वोकेशनल कोर्स शुरू करने के साथ ही 300 स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी. इन सभी आगामी योजनाओं को देखते हुए ही यह प्लान समग्र शिक्षा की ओर से तैयार किया गया है.

इस बजट प्लान में क्वालिटी एजुकेशन, टीचिंग, लर्निंग में सुधार के साथ ही स्कूलों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं देने के लिए आईसीटी लैब बनाने के साथ ही स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए भी बजट की मांग केंद्र सरकार से सामने शिक्षा की ओर से की गई है.

बता दें कि बीते वर्ष भी समग्र शिक्षा की ओर से 11 सौ करोड़ से अधिक का प्लान प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में मंजूरी के लिए रखा गया था, लेकिन केंद्र की ओर से 443.18 करोड़ का बजट एसएसए को जारी किया गया है. इस बार बजट में कुछ नए प्लान बजट में रखें है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार बजट में बढ़ोतरी केंद्र की ओर से की जा सकती है.

केंद्र की ओर से समग्र शिक्षा को मिलने वाले बजट से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नए प्रयासों के साथ ही, कर्मचारियों की सैलरी, छात्रों की वर्दी, किताबों पर खर्च किया जाता है.

ये भी पढ़ें: स्पेशल: नशा करने वालों के लिए अधिक खतरनाक है कोरोना वायरस

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए और अधिक से अधिक स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले बजट को लेकर बैठक 5 मई को होगी. कोरोना के कारण से इस साल में बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही एमएचआरडी मिनिस्टर के साथ होगी.

इस बार समग्र शिक्षा की ओर से प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक के लिए 11 सौ करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा गया है. बैठक में तय होगा कि कितना बजट केंद्र सरकार की ओर से इस बार प्रदेश के लिए मंजूर किया जाएगा. इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को कई योजनाओं पर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र पर काम करने के बारे में अवगत करवाएंगे.

पहले यह बैठक 24 मार्च को दिल्ली में आयोजित होनी थी. इसके लिए प्रस्ताव भी समग्र शिक्षा की ओर से पहले ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बैठक मार्च महीने में नहीं हो पाई. अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक का होना तय किया गया है.

बता दें कि जो 11 सौ करोड़ का बजट प्रस्ताव समग्र शिक्षा की ओर से तैयार किया गया है. उसके आधार पर प्रदेश के 80 सरकारी स्कूलों में नए वोकेशनल कोर्स शुरू करने के साथ ही 300 स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी. इन सभी आगामी योजनाओं को देखते हुए ही यह प्लान समग्र शिक्षा की ओर से तैयार किया गया है.

इस बजट प्लान में क्वालिटी एजुकेशन, टीचिंग, लर्निंग में सुधार के साथ ही स्कूलों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं देने के लिए आईसीटी लैब बनाने के साथ ही स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए भी बजट की मांग केंद्र सरकार से सामने शिक्षा की ओर से की गई है.

बता दें कि बीते वर्ष भी समग्र शिक्षा की ओर से 11 सौ करोड़ से अधिक का प्लान प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में मंजूरी के लिए रखा गया था, लेकिन केंद्र की ओर से 443.18 करोड़ का बजट एसएसए को जारी किया गया है. इस बार बजट में कुछ नए प्लान बजट में रखें है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार बजट में बढ़ोतरी केंद्र की ओर से की जा सकती है.

केंद्र की ओर से समग्र शिक्षा को मिलने वाले बजट से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नए प्रयासों के साथ ही, कर्मचारियों की सैलरी, छात्रों की वर्दी, किताबों पर खर्च किया जाता है.

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