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आईजीएमसी शिमला में OTA की कमी, ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की बढ़ी मुश्किलें!

इन दिनों हिमाचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसी शिमला में ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट की कमी चल रही है. जिसकी वजह से ऑपरेशन कराने आने वाले रोगियों को लंबी डेट दी जा रही है. पढ़िए पूरी खबर...

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आईजीएमसी शिमला में OTA की कमी
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Published : Jun 24, 2023, 8:10 AM IST

शिमला: आईजीएमसी शिमला इन दिनों ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते यहां ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों के केस लटक रहे हैं. वर्तमान में आईजीएमसी शिमला में 32 ओटीए स्टाफ की है. जिससे कैंसर सहित अन्य मरीजों के ऑपरेशन में चिकित्सकों को परेशानी हो रही है. इन दिनों ओटीए न होने के चलते मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबी डेट दी जा रही है,

पहले आईजीएमसी शिमला में ओटीए स्टाफ तैनात थे, लेकिन वह नौकरी छोड़कर चले गए हैं. ओटीए के नौकरी छोड़ने का मुखय कारण उन्हें कम वेतन मिलना बताया जा रहा है. ओटीए को सिर्फ 10 हजार रूपए वेतन दिया जाता है, उसमें से 1500 रूपए पीएफ का कट जाता है और 8500 रूपए उन्हें रेगुलर पे मिलता है. जिससे ओटीए स्टाफों को घर चलाने में काफी दिक्कत होती है.

आईजीएमसी शिमला में अब स्थिति ऐसी बन चुकी है कि दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन ओटीए कम होते जा रहे हैं. ओटीए कम होने का मामला सरकार तक भी पहुंच चुका है, लेकिन सरकार भी आश्वासन देने तक ही सीमित है. वहीं, आईजीएमसी प्रशासन मामले में अपने हाथ खड़े कर रहा है. प्रशासन अपने स्तर पर कुछ भी नहीं कर सकता है. प्रशासन उन्हीं ओटीए से ज्यादा काम करवा रहा है, जो वर्तमान में काम कर रहे हैं.

ऐसे में यह भी सवाल है कि प्रशासन मौजूदा ओटीए से रोजाना कैसे ज्यादा काम चलाएगा. सरकार को आईजीएमसी अस्पताल में जल्द से जल्द ओटीए की नियुक्ति करनी चाहिए. वहीं, ओटीए की मांग है कि उन्हें एक माह में कम से कम 25000 रूपए का वेतन दिया जाना चाहिए. मौजूदा वेतन से ओटीए अपने घर का गुजारा भी नहीं कर पा रहे हैं.

ओटीए की सरकार से मांग है कि जब भी उनकी भर्ती की जाए तो, उन्हें वेतन में बढ़ौतरी के साथ ही भर्ती किया जाए. इसके अलावा जो पहले के ओटी भर्ती है, उनका वेतन बढ़ाया जाए. पीजीआई में 25,000 रुपये से अधिक वेतन दिया जाता है, लेकिन हिमाचल में इनका वेतन बहुत कम है.

एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आईजीएमसी में ओटीए की कमी जरूर चल रही है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी मरीजों का ऑपरेशन न रूके. अभी तक कोई भी ऑपरेशन नहीं रूकने दिया गया है. ओटीए ने सरकार से वेतन बढ़ाने की मांग की है. वहीं, सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि वेतन बढ़ाया जाएगा. हमारे तरफ से ऑपरेशन थियेटर में कोई कमी नहीं आने दी जा रही है.

ओटीए की भूमिका और जिम्मेदारियां: ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (टेक्नोलॉजिस्ट या तकनीशियन) कर्मचारी न केवल ऑपरेशन थियेटर में उपयोग किए जाने वाले उन्नत उपकरणों और उपकरणों के बारे में जानते हैं, बल्कि सर्जिकल रोगी पर उनके उपयोग के बारे में भी जानते हैं. इनकी जिम्मेदारियां ओटी उपकरण जैसे एनेस्थीसिया मशीन, हार्ट-लंग मशीन और वेंटिलेटर उपकरण का काम करना, ऑपरेशन थियेटर रिकॉर्ड का रखरखाव, सभी ओटी उपकरणों का नियमित भौतिक सत्यापन करना, ऑक्सीजन और चूषण की उचित और नियमित आपूर्ति हर समय बनी रहे, ओटी के धूमन और उनके प्रलेखन के लिए जिम्मेदार, केंद्रीकृत ऑक्सीजन पाइपिंग का कार्य सुनिश्चित करना है.

इसके अलावा प्रोटोकॉल के अनुसार ओटी तापमान और आर्द्रता का रखरखाव, संवेदनहारी गैसों को हटाने के लिए सफाई प्रणाली, एनेस्थीसिया मशीन और श्वास प्रणाली के कामकाज को सत्यापित करने के लिए सभी उपकरणों और दवाओं की जांच करना है. इसके अलावा रोगी को स्ट्रेचर से टेबल पर स्थानांतरित करने या स्थानांतरित करने में सहायता करता है. सर्जरी के दौरान मशीनों को संभालना, शल्य प्रक्रिया के दौरान सर्जन की सहायता करना, प्री ऑपरेटिव और पोस्ट ऑपरेटिव चरण के दौरान रोगी की निगरानी, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को दवाएं, रक्त आधान और दवाएं तैयार करने में सहायता करना है.
ये भी पढ़ें: IGMC Shimla में जल्द आएगी MRI की नई मशीन, मरीजों को मिलेगी राहत

शिमला: आईजीएमसी शिमला इन दिनों ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते यहां ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों के केस लटक रहे हैं. वर्तमान में आईजीएमसी शिमला में 32 ओटीए स्टाफ की है. जिससे कैंसर सहित अन्य मरीजों के ऑपरेशन में चिकित्सकों को परेशानी हो रही है. इन दिनों ओटीए न होने के चलते मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबी डेट दी जा रही है,

पहले आईजीएमसी शिमला में ओटीए स्टाफ तैनात थे, लेकिन वह नौकरी छोड़कर चले गए हैं. ओटीए के नौकरी छोड़ने का मुखय कारण उन्हें कम वेतन मिलना बताया जा रहा है. ओटीए को सिर्फ 10 हजार रूपए वेतन दिया जाता है, उसमें से 1500 रूपए पीएफ का कट जाता है और 8500 रूपए उन्हें रेगुलर पे मिलता है. जिससे ओटीए स्टाफों को घर चलाने में काफी दिक्कत होती है.

आईजीएमसी शिमला में अब स्थिति ऐसी बन चुकी है कि दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन ओटीए कम होते जा रहे हैं. ओटीए कम होने का मामला सरकार तक भी पहुंच चुका है, लेकिन सरकार भी आश्वासन देने तक ही सीमित है. वहीं, आईजीएमसी प्रशासन मामले में अपने हाथ खड़े कर रहा है. प्रशासन अपने स्तर पर कुछ भी नहीं कर सकता है. प्रशासन उन्हीं ओटीए से ज्यादा काम करवा रहा है, जो वर्तमान में काम कर रहे हैं.

ऐसे में यह भी सवाल है कि प्रशासन मौजूदा ओटीए से रोजाना कैसे ज्यादा काम चलाएगा. सरकार को आईजीएमसी अस्पताल में जल्द से जल्द ओटीए की नियुक्ति करनी चाहिए. वहीं, ओटीए की मांग है कि उन्हें एक माह में कम से कम 25000 रूपए का वेतन दिया जाना चाहिए. मौजूदा वेतन से ओटीए अपने घर का गुजारा भी नहीं कर पा रहे हैं.

ओटीए की सरकार से मांग है कि जब भी उनकी भर्ती की जाए तो, उन्हें वेतन में बढ़ौतरी के साथ ही भर्ती किया जाए. इसके अलावा जो पहले के ओटी भर्ती है, उनका वेतन बढ़ाया जाए. पीजीआई में 25,000 रुपये से अधिक वेतन दिया जाता है, लेकिन हिमाचल में इनका वेतन बहुत कम है.

एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आईजीएमसी में ओटीए की कमी जरूर चल रही है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी मरीजों का ऑपरेशन न रूके. अभी तक कोई भी ऑपरेशन नहीं रूकने दिया गया है. ओटीए ने सरकार से वेतन बढ़ाने की मांग की है. वहीं, सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि वेतन बढ़ाया जाएगा. हमारे तरफ से ऑपरेशन थियेटर में कोई कमी नहीं आने दी जा रही है.

ओटीए की भूमिका और जिम्मेदारियां: ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (टेक्नोलॉजिस्ट या तकनीशियन) कर्मचारी न केवल ऑपरेशन थियेटर में उपयोग किए जाने वाले उन्नत उपकरणों और उपकरणों के बारे में जानते हैं, बल्कि सर्जिकल रोगी पर उनके उपयोग के बारे में भी जानते हैं. इनकी जिम्मेदारियां ओटी उपकरण जैसे एनेस्थीसिया मशीन, हार्ट-लंग मशीन और वेंटिलेटर उपकरण का काम करना, ऑपरेशन थियेटर रिकॉर्ड का रखरखाव, सभी ओटी उपकरणों का नियमित भौतिक सत्यापन करना, ऑक्सीजन और चूषण की उचित और नियमित आपूर्ति हर समय बनी रहे, ओटी के धूमन और उनके प्रलेखन के लिए जिम्मेदार, केंद्रीकृत ऑक्सीजन पाइपिंग का कार्य सुनिश्चित करना है.

इसके अलावा प्रोटोकॉल के अनुसार ओटी तापमान और आर्द्रता का रखरखाव, संवेदनहारी गैसों को हटाने के लिए सफाई प्रणाली, एनेस्थीसिया मशीन और श्वास प्रणाली के कामकाज को सत्यापित करने के लिए सभी उपकरणों और दवाओं की जांच करना है. इसके अलावा रोगी को स्ट्रेचर से टेबल पर स्थानांतरित करने या स्थानांतरित करने में सहायता करता है. सर्जरी के दौरान मशीनों को संभालना, शल्य प्रक्रिया के दौरान सर्जन की सहायता करना, प्री ऑपरेटिव और पोस्ट ऑपरेटिव चरण के दौरान रोगी की निगरानी, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को दवाएं, रक्त आधान और दवाएं तैयार करने में सहायता करना है.
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