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कोविड-19 रिलीफ फंड के नाम पर ऑनलाइन ठगी, सायबर विभाग ने लोगों को किया अलर्ट

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Published : Apr 10, 2020, 9:17 AM IST

ठगी का मामला शिमला में सरकारी कर्मचारी के साथ हुआ है. बाला राम नाम के व्यक्ति को कोरोना पीड़ितों के सहायता के लिए 100 रुपये दान करने को लेकर फोन आया. बाला राम पैसे देने के लिए हामि भरी तो शातिर ने उसे एक क्यू-आर कोड भेजा. बाला राम ने उसे जैसे ही क्लिक किया उसके खाते से 20,000 रुपये कट गए.

एएसपी नरवीर राठौर
एएसपी नरवीर राठौर

शिमला: देश मे कोरोना वायरस जैसे संकट की घड़ी में भी सायबर ठग सक्रिय हैं. लोगों को कोरोना के नाम पर रिलीफ फंड इकट्ठा करने का झांसा देकर ठगी कर रहे है. सायबर विभाग एएसपी नरवीर राठौर में लोगो को आगाह किया है कि वह बिना जांचे ऑनलाइन रिलीफ फंड जमा ना करें, वरना ठगी के शिकार हो सकते है.

एएसपी ने बताया कि ऐसा ही मामला शिमला में सरकारी कर्मचारी के साथ हुआ है. उन्होंने बताया कि एक बाला राम नाम के व्यक्ति को कोरोना पीड़ितों के सहायता के लिए 100 रुपये दान करने को लेकर फोन आया. बाला राम पैसे देने के लिए हामि भरी तो शातिर ने उसे एक क्यू-आर कोड भेजा.

बाला राम ने उसे जैसे ही क्लिक किया उसके खाते से 20,000 रुपये कट गए. पीड़ित बाला राम ने अपनी शिकायत सायबर थाना शिमला में की. सायबर अपराध शाखा के एएसपी नरवीर राठौर ने मामले में तुरंत कार्रवाई की और राज्यस्थान के शातिर का पता लगाया जिसने यह ठगी की थी.

बैंक को भी शातिर के खाते को फ्रीज करने को कहा गया ताकि बाला राम के पैसे वापिस मिल जाए. एएसपी नरवीर राठौर ने लोगों से अपील की है कि वह कोरोना के नाम पर रिलीफ फंड जमा करवाने के झांसे में न आयें, नहीं तो ठगी का शिकार हो सकते हैं.

शिमला: देश मे कोरोना वायरस जैसे संकट की घड़ी में भी सायबर ठग सक्रिय हैं. लोगों को कोरोना के नाम पर रिलीफ फंड इकट्ठा करने का झांसा देकर ठगी कर रहे है. सायबर विभाग एएसपी नरवीर राठौर में लोगो को आगाह किया है कि वह बिना जांचे ऑनलाइन रिलीफ फंड जमा ना करें, वरना ठगी के शिकार हो सकते है.

एएसपी ने बताया कि ऐसा ही मामला शिमला में सरकारी कर्मचारी के साथ हुआ है. उन्होंने बताया कि एक बाला राम नाम के व्यक्ति को कोरोना पीड़ितों के सहायता के लिए 100 रुपये दान करने को लेकर फोन आया. बाला राम पैसे देने के लिए हामि भरी तो शातिर ने उसे एक क्यू-आर कोड भेजा.

बाला राम ने उसे जैसे ही क्लिक किया उसके खाते से 20,000 रुपये कट गए. पीड़ित बाला राम ने अपनी शिकायत सायबर थाना शिमला में की. सायबर अपराध शाखा के एएसपी नरवीर राठौर ने मामले में तुरंत कार्रवाई की और राज्यस्थान के शातिर का पता लगाया जिसने यह ठगी की थी.

बैंक को भी शातिर के खाते को फ्रीज करने को कहा गया ताकि बाला राम के पैसे वापिस मिल जाए. एएसपी नरवीर राठौर ने लोगों से अपील की है कि वह कोरोना के नाम पर रिलीफ फंड जमा करवाने के झांसे में न आयें, नहीं तो ठगी का शिकार हो सकते हैं.

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