शिमला: हिमाचल अपनी विविधता और प्राकृतिक सुंदरता के आधार पर एक शानदार टूरिस्ट प्लेस है. चाहे गर्मियों की बात की जाए जमा देने वाली सर्दियों की हिमाचल हर मौसम में पर्यटकों की पहली पसंद रहा है.
कोरोना के दौर में हिमाचल के पर्यटन स्थल सूने पड़े हुए थे, लेकिन अब हिमाचल की सीमाएं खुलते ही सैलानी एक बार फिर पहाड़ों की रानी शिमला का दीदार करने पहुंच रह हैं. शिमला के साथ-साथ देवभूमि के अनेकों पर्यटन स्थल इन दिनों पर्यटकों से गुलजार हैं.
अनलॉक-5 के बाद वीक एंड के अलावा अन्य दिनों में भी शिमला में पर्यटकों की आमद काफी दिख रही है. वीक एंड पर शिमला आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा 60 हजार के करीब जा रहा है. लगातार इस आंकड़े में बढ़ोतरी हो रही है.
हिमाचल में बढ़ोतरी सिर्फ पर्यटकों की संख्या में ही नहीं बल्कि पर्यटन से जुड़े व्यापारियों और कारोबारियों की आय में भी हुई है. लॉकडाउन और कोरोना के समय मुरझाए हुए पर्यटन कारोबारियों के चहरे अब फिर खिल उठे हैं. रे-धीरे हिमाचल के होटलियर्स और पर्यटन से जुड़े अन्य लोगों की जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटने लगी है.
हर हफ्ते अब शिमला सहित कुफरी, नालदेहरा, धर्मशाला, मनाली, कुल्लू, डलहौजी, खजियार सहित अन्य पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. शिमला में ही वीक एंड पर होटलों की ऑक्यूपेंसी 80 से 90 फीसदी है. वहीं, पर्यटकों की माने तो हिमाचल आकर अब वह काफी खुशी महसूस कर रहें हैं. यहां आकर उन्हें अच्छा लग रहा है.
जितनी खुशी पर्यटकों को है उतनी ही प्रसन्नता टूरिजम इंडस्ट्री से जुड़े हजारों लोगों को भी है. शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि सरकार ने हिमाचल की सीमाएं सभी के लिए खोल दी है. ऐसे में अब कोई भी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के प्रदेश में आ रहा है. अधिकतर होटल अब शिमला में खुल चुके हैं और जो नहीं खुले है वह भी नवरात्रों में खुल जाएंगे.
हिमाचल में इस साल पर्यटन कारोबार ठप होने से 55 हजार करोड़ तक का नुकसान हुआ है. वहीं, पयर्टन निगम के कोविड 19 से हुए नुकसान का आंकड़ा 39.97 करोड़ का है. प्रदेश में छह हजार के करीब होटल, होम स्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाईयां पूरी तरह से बंद रही, लेकिन अब जिंदगी एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ रही है.
शिमला का माल रोड एक बार फिर पर्यटकों से खुलजार हो गया है. पर्यटन नगरी मनाली में फिर से पर्यटकों की चहल-पहल देखने को मिल रही है. एक बार फिर हिमाचल के मंदिरों में घंटियों की आवाज सुनाई दे रही है.
बीते वर्षो में प्रदेश में यह रही है पर्यटकों की स्थिति
प्रदेश में हर साल करोड़ों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं. इसमें विदेशी सैलानियों के साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों शामिल रहते हैं. यही वजह भी है कि प्रदेश सरकार की ओर से हर साल प्रदेश में दो करोड़ सैलानियों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन बड़ी बात यह है कि बीते 2 सालों से प्रदेश में पर्यटन कारोबार किसी ना किसी वजह से प्रभावित हुआ है और इस बार कोविड-19 के चलते सबसे बड़ी मार पर्यटन कारोबार पर पड़ी है.
प्रदेश में वर्ष 2018 में प्रदेश में आने वाले कुल सैलानियों का आकंड़ा 1.64 करोड़ पर है. इसमें विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा 3.56 करोड़ और देशी पर्यटकों का आकंड़ा 1.60 करोड़ था. वहीं बीते वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 1.72 करोड़ रहा जिसमें विदेशी सैलानियों की संख्या 3.83 लाख और देशी सैलानियों की संख्या 1.68 करोड़ थी.
इसके साथ ही बस समर सीजन की बात की जाए तो मार्च वहां से लेकर मई माह तक जो भारतीय सैलानी हिमाचल में घूमने आए थे. भारतीय सैलानियों का आंकड़ा 4910672 था और विदेशी पर्यटकों का आकंड़ा 118059 था. जो इस साल शून्य पर सिमट गया हैं. वहीं, इस वर्ष यह आंकड़ा अभी तक शून्य रहा है और अब पर्यटक प्रदेश में आना शुरू हुए है.
यह है पंजीकृत इकाइयों का आंकड़ा
पंजीकृत होटल:3679
पंजीकृत ट्रेवल एजेंसी:2912
पंजीकृत होम स्टे:2189
फोटोग्राफर्स: 899
एडवेंचर कंपनियां: 222