शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्र संगठन एनएसयूआई ने भगवाकरण और कोरोना की आड़ में शिक्षक भर्तियों में धांधली करने के आरोप लगाए हैं. एनएसयूआई की विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास ने शिमला कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय में यूजीसी की गाइडलाइन को दरकिनार करके भर्तियां की जा रही हैं.
प्रवीण मिन्हास ने आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा विचाधारा के लोगों को विश्वविद्यालय में तैनाती दी जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में विश्वविद्यालय शिक्षक भर्तियां बैक डोर से कर रहा है. शिक्षकों के लिफाफे जहां ईसी की बैठक में सबके सामने खुलते हैं. वहीं, विश्वविद्यालय के वीसी खुद ही लिफाफे खोल रहे हैं जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है.
पढ़ाई से रखा जा रहा महरूम
इसके अलावा विश्वविद्यालय में करोना के नाम पर छात्रों को पढ़ाई से महरूम रखा जा रहा है. छात्रों के लिए लाइब्रेरी नहीं खोली जा रही है. जबकि सरकार और बीजेपी हजारों की संख्या में रैलियां कर रही है और छात्रों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी का खोलने नहीं दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों के पदों की भर्ती की परीक्षा विश्वविद्यालय से सरकार करवा रही है. यह सब केवल छात्राओं से फीस वसूलने का प्रदेश सरकार ने तरीका निकाला है. प्रदेश सरकार द्वारा लड़कियों से किसी भी परीक्षा के लिए फीस ना लेने का फैसला लिया गया था, लेकिन यहां पर पंचायत सचिवों के लिए ₹600 फीस लड़कियों से वसूली जा रही है जबकि सरकार के पास चयन आयोग है जहां से परीक्षाएं आयोजित करवाई जा सकती थी, लेकिन विश्वविद्यालय को ही यह काम सौंपा गया है.
वीसी का घेराव करने की चेतावनी
उन्होंने विश्वविद्यालय में हो रही धांधलfयों के खिलाफ परिसर में धरना प्रदर्शन करने के साथ ही वीसी का घेराव करने की चेतावनी भी दी और यदि विश्वविद्यालय में धांधलियों को नहीं रोका जाता है तो एनएसयूआई प्रदेशभर में आंदोलन भी करेगी.
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