शिमला: देवभूमि में अबकी बार हुए चुनाव में महज एक फीसदी से भी कम वोटों से सत्ता बदल गई. भाजपा को कांग्रेस से महज 0.9 फीसदी वोट कम मिले और इतने से ही अंतर में कांग्रेस को 15 सीटें अधिक मिल गईं, जो हिमाचल जैसे 68 सदस्यों वाले विधानसभा के लिए काफी मायने रखता है. बीजेपी को 43% और कांग्रेस को 43.9% वोट मिले हैं. प्रदेश में 15 सीटों पर फैसला 2000 से कम वोट से हो गया. लेकिन तीन सीटें ऐसी भी हैं जहां जीत का मार्जिन नोटा को मिले वोटों से भी कम रहा. हमीरपुर जिले की भोरंज(SC), बिलासपुर जिले की श्री नैना देवी जी और सिरमौर जिले की शिलाई सीट, जहां जहां जीत बहुत कम था. (Himachal election result 2022) (NOTA got more votes than margin of victory) (Nota in Himachal Election)
भोरंज में जीत-हार का सबसे कम अंतर: भोरंज विधानसभा क्षेत्र (SC) से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश कुमार ने जीत दर्ज की है. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी डॉ. अनिल धीमान को 60 मतों के मामूली अंतर से हराया. कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार को 24,779 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार अनिल धीमान को 24,719 वोट पड़े. अनिल धीमान को 43.05 प्रतिशत वोट मिले जबकि सुरेश कुमार को 43.16 प्रतिशत वोट मिले. वहीं नोटा में 293 वोट पड़े जो हार जीत के अंतर से ज्यादा है. (Bhoranj Assembly seat result)
BJP ने मौजूदा विधायक का काटा था टिकट: भोरंज विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में भाजपा की कमलेश कुमारी ने जीत हासिल की थी. साल 2017 के चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भोरंज सीट पर भाजपा की कमलेश कुमारी को 27,961 वोट यानी 55.43 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. जबकि कांग्रेस के सुरेश कुमार को दूसरे स्थान पर रहते हुए मात्र 21,069 वोट ही हासिल ही हुए थे.
श्री नैना देवी जी में 171 वोटों से बीजेपी की जीत: बिलासपुर जिले की श्री नैना देवी जी सीट पर हार और जीत का वोट मार्जिन 171 रहा. बीजेपी प्रत्याशी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी राम लाल ठाकुर को हराया. रणधीर शर्मा को कुल 29403 वोट मिले जबकि राम लाल ठाकुर को 29232 वोट मिले. वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी प्रत्याशी को 47.23 प्रतिशत और कांग्रेस प्रत्याशी को 46.96 फीसदी वोट मिले. वहीं नोटा में कुल 225 वोट पड़े जो कुल वोट प्रतिशत का 0.36 है. (Sri Naina Deviji seat result)
शिलाई में हर्षवर्धन की 382 वोट से जीत: शिलाई विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने जीत का सिक्सर लगाया है. उन्हें कुल 32093 वोट मिले जबकि बीजेपी प्रत्याशी बलदेव सिंह को 31711 वोट पड़े. दोनों के बीच के हार और जीत का मार्जिन 382 वोट का रहा. वहीं नोटा में कुल 525 वोट पड़े.वोट प्रतिशत की बात करें तो बलदेव सिंह को 48.58 फीसदी वोट पड़े जबकि हर्षवर्धन चौहान 49.17 प्रतिशत वोट पड़े. वहीं नोटा में कुल वोटों का मत प्रतिशत 0.8 रहा. (Shillai vidhansabha seat result )
शिलाई पर पिता-पुत्र का रहा है दबदबा: इस सीट पर 12 बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से केवल पिता व पुत्र ही विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे हैं. एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर ठाकुर हर्षवर्धन चौहान ने बाजी मारी है. अब तक इस सीट पर भाजपा केवल एक ही बार कमल खिलाने में कामयाब रही है. यहां की राजनीति में ठाकुर परिवार के तौर पर एक ही परिवार का वर्चस्व रहा है. एक बार जनता दल के टिकट पर यहां से जगत सिंह नेगी विधायक जरूर बने. केवल दो बार के चुनाव को छोड़ कर अन्य सभी चुनावों में यहां कांग्रेस का ही कब्जा रहा है.
जीत का अंतर कम होने की बड़ी वजह: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनसंख्या के लिहाज से छोटे राज्यों और उन प्रदेशों में जीत के मामूली अंतर से बड़े फेरबदल होते रहे हैं. खासकर जहां मुख्य मुकाबल अगर दो पार्टियों के बीच हो. हिमाचल में दो मुख्य पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही लड़ाई देखने को मिलती है. यही वजह है कि जीत-हार का अंतर बहुत ही कम होता है.