शिमला: समाज सेवा करने की कोई बंदिशें नहीं होती यदि कोई जरूरत मंद लोगों के लिए कुछ करना चाहता है तो रास्ते कई निकल आते हैं. ऐसे ही एक समाज सेवक हैं जो आईजीएमसी और शिमला के रिपन अस्पताल में निशुल्क लंगर चला रहे हैं.
पिछले 5 महीनों से आईजीएमसी में कर रहे समाज सेवा
हम बात कर रहे हैं नोफल संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह की जिन्होंने करीब 5 महीने पहले ही आईजीएमसी में लंगर की शुरूआत की है. कोरोना संकट की इस घड़ी में जहां अपने पराए हो रहे हैं, वहीं गुरमीत अस्पताल में आने वाले मरीजों, तीमारदारों को हर सम्भव संभव सहायता प्रदान करते हैं.
अस्पतालों में दिया जा रह निशुल्क लंगर
गुरमीत सिंह ने बताया कि वह रिपन में पिछले 2 सालों और आइजीएमसी में 5 महीने से निशुल्क लंगर लगाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा की जरूरतमंदों की सहायता के लिए उनकी संस्था हमेशा तैयार रहती है. उनके द्वारा न केवल फ्री लंगर सेवाएं दी जा रही है, बल्कि कई अन्य राहत कार्य भी किए जा रहें.
पिछले साल लॉकडाउन में उन्होंने से राजधानी शिमला से 17 घोड़ों को अडॉप्ट किया था. इस दौरान घोड़ों के खाने पीने का सारा खर्च उनकी संस्था ने उठाया और आने वाले समय में भी उनके द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.
'गुरु नानक का घर' ने दूर की तीमारदारों की चिंता
जिला अस्पताल और कोविड सेंटर डीडीयू में जब तीमारदारों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'गुरु नानक का घर' होने के कारण उनकी खाने की चिंता अब खत्म हो गई है. यहां निशुल्क खाना मिलता है और रोज अलग अलग पकवान दिए जाते है. आईजीएमसी हो या डीडीयू जब मरीजों और उनके तीमारदारों के समस्या आती है तो उनकी मदद के लिए हर समय नोफल संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह खड़े रहते है.
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