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दुख में डूबा पीएम नरेंद्र मोदी का दूसरा घर, नहीं आया पीड़ा की घड़ी में सांत्वना का ट्वीट, 2000 करोड़ के आपदा पैकेज का इंतजार कर रहा हिमाचल

हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है और लगातार नुकसान हो रहा है. वहीं, हिमाचल को अपना दूसरा घर मानने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कोई तक भी ट्वीट नहीं किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी हिमाचल में हुई 54 मौतों पर दुख जताया है, लेकिन पीएम मोदी की तरफ से कोई सांत्वना ट्वीट नहीं किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
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Published : Aug 15, 2023, 4:39 PM IST

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं. पीएम मोदी का यही दूसरा घर इस समय भयावह आपदा से जूझ रहा है. दुख और पीड़ा में डूबे मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को मिले जख्मों पर मरहम लगाने के लिए राज्य सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी से आपदा राहत पैकेज के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि का इंतजार है. पीड़ा की इस घड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सांत्वना का ट्वीट न आने से भी प्रदेश को हताशा हुई है. एक ही दिन में 54 मौतों ने हिमाचल को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में हिमाचल पीएम मोदी से उनके दूसरे घर की सुध लेने और मदद राशि जारी करने की आशा में है.

प्रदेश में जुलाई माह में तीन दिन तक बारिश ने प्रलय मचा दिया. सैंकड़ों करोड़ की सरकारी संपत्ति तबाह हुई. अब तक हादसे में तीन सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. आपदा का जायजा लेने के लिए आई केंद्रीय टीम ने भी स्वीकार किया कि हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र से तुरंत सहायता के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की थी. हिमाचल को अभी ये राशि केंद्र से नहीं मिली है.

इसी बीच, स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हिमाचल को एक बार फिर प्रकृति के तांडव को झेलना पड़ा है. सोमवार के दिन विभिन्न हादसों में 54 लोगों की मौत हो गई. एक ही दिन में जगह-जगह से लोगों के काल कवलित होने के समाचार मिल रहे थे कि हिमाचल में पूरा दिन बदहवासी में गुजरा. पहले शिमला के समरहिल में, फिर सोलन के ममलीग में, मंडी जिला के द्रंग में, शिमला के फागली में और प्रदेश के अन्य हिस्सों से दुर्घटनाओं की खबरों ने प्रदेश को तोड़ कर रख दिया है. राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए. राजभवन ने एट होम कार्यक्रम रद्द किया. अब हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से मदद का इंतजार है.

हिमाचल भाजपा दावा कर रही है कि केंद्र सरकार ने अब तक 550 करोड़ रुपए की मदद की है. कांग्रेस सरकार कह रही है कि आपदा के समय ये मदद राज्य सरकार का हक है. इसमें से 360 करोड़ रुपए की राशि तो डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत राज्य सरकार के हिस्से की ही है. आपदा का जायजा लेने आई केंद्रीय टीम ने नुकसान का आकलन किया है. केंद्रीय टीम ने माना है कि हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है. सड़कों, पुलों सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो चुका है. जान-और माल की भारी क्षति हुई है.

इस आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार को खुद आगे बढ़कर विशेष पैकेज देना चाहिए. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी तुरंत सहायता के तौर पर पैकेज की मांग की है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी नवनीत शर्मा का कहना है कि आपदा से पहाड़ निढाल हो चुका है. भारी नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार को मदद के आगे आना चाहिए. इन विकट परिस्थितियों में अब देखना ये है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अपने दूसरे घर हिमाचल की याद कितनी जल्दी आती है.

ये भी पढ़ें- आपदा प्रभावित इलाकों के लिए सेना को चिनूक हेलीकॉप्टर तैयार रखने के लिए कहा गया है: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं. पीएम मोदी का यही दूसरा घर इस समय भयावह आपदा से जूझ रहा है. दुख और पीड़ा में डूबे मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को मिले जख्मों पर मरहम लगाने के लिए राज्य सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी से आपदा राहत पैकेज के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि का इंतजार है. पीड़ा की इस घड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सांत्वना का ट्वीट न आने से भी प्रदेश को हताशा हुई है. एक ही दिन में 54 मौतों ने हिमाचल को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में हिमाचल पीएम मोदी से उनके दूसरे घर की सुध लेने और मदद राशि जारी करने की आशा में है.

प्रदेश में जुलाई माह में तीन दिन तक बारिश ने प्रलय मचा दिया. सैंकड़ों करोड़ की सरकारी संपत्ति तबाह हुई. अब तक हादसे में तीन सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. आपदा का जायजा लेने के लिए आई केंद्रीय टीम ने भी स्वीकार किया कि हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र से तुरंत सहायता के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की थी. हिमाचल को अभी ये राशि केंद्र से नहीं मिली है.

इसी बीच, स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हिमाचल को एक बार फिर प्रकृति के तांडव को झेलना पड़ा है. सोमवार के दिन विभिन्न हादसों में 54 लोगों की मौत हो गई. एक ही दिन में जगह-जगह से लोगों के काल कवलित होने के समाचार मिल रहे थे कि हिमाचल में पूरा दिन बदहवासी में गुजरा. पहले शिमला के समरहिल में, फिर सोलन के ममलीग में, मंडी जिला के द्रंग में, शिमला के फागली में और प्रदेश के अन्य हिस्सों से दुर्घटनाओं की खबरों ने प्रदेश को तोड़ कर रख दिया है. राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए. राजभवन ने एट होम कार्यक्रम रद्द किया. अब हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से मदद का इंतजार है.

हिमाचल भाजपा दावा कर रही है कि केंद्र सरकार ने अब तक 550 करोड़ रुपए की मदद की है. कांग्रेस सरकार कह रही है कि आपदा के समय ये मदद राज्य सरकार का हक है. इसमें से 360 करोड़ रुपए की राशि तो डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत राज्य सरकार के हिस्से की ही है. आपदा का जायजा लेने आई केंद्रीय टीम ने नुकसान का आकलन किया है. केंद्रीय टीम ने माना है कि हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है. सड़कों, पुलों सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो चुका है. जान-और माल की भारी क्षति हुई है.

इस आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार को खुद आगे बढ़कर विशेष पैकेज देना चाहिए. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी तुरंत सहायता के तौर पर पैकेज की मांग की है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी नवनीत शर्मा का कहना है कि आपदा से पहाड़ निढाल हो चुका है. भारी नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार को मदद के आगे आना चाहिए. इन विकट परिस्थितियों में अब देखना ये है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अपने दूसरे घर हिमाचल की याद कितनी जल्दी आती है.

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