नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने घग्गर नदी (Ghaggar river) को प्रदूषित करने के लिए पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल (Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि यदि राज्य सरकारें स्वयं कानून को लागू करने में विफल रहती हैं, तो यह सिस्टम के खत्म होने के अलावा कुछ नहीं है.
जनता के साथ विश्वासघात
एनजीटी (NGT) ने कहा कि तीन राज्य और चंडीगढ़ प्रशासन जल प्रदूषण कर रहे हैं, जो एक अपराध है. एनजीटी ने कहा कि ऐसा लगता है कि हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन को न तो कानून की परवाह है और न ही पर्यावरण और नागरिकों के सेहत की चिंता. यह जनता के साथ विश्वासघात है.
स्टेटस रिपोर्ट तलब
एनजीटी ने (NGT) पंजाब के मुख्य सचिव, और चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार को निर्देश दिया कि वे संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करके सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया. एनजीटी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चंडीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण समिति की एक संयुक्त समिति को नाले का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
मानवाधिकार आयोग ने मामला एनजीटी को सौंपा था
घग्गर नदी (Ghaggar river) हिमाचल प्रदेश से निकलती है और राजस्थान तक जाती है. दरअसल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को 17 मार्च 2016 को एनजीटी (NGT) को सौंपा था.
मानवाधिकार आयोग ने पाया था कि घग्गर नदी (Ghaggar river) पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में काफी प्रदूषित हैं. 9 दिसंबर 2016 को एनजीटी (NGT) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम गठित किया था.
टीम ने निरीक्षण कर पाया कि घग्गर नदी (Ghaggar river) में स्वीकृत मात्रा से काफी ज्यादा प्रदूषण था. उसके बाद एनजीटी (NGT) ने 7 अगस्त 2018 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रीतम पाल के नेतृत्व में घग्गर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे उपायों की देखरेख करने के लिए टीम का गठन किया.
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