शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी मेडिसन विभाग को कार्यशील करने और रोगियों की सुविधा के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के अतिरिक्त 136 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया. आईजीएमसी के न्यू ओपीडी भवन में नया ट्रामा सेंटर बनाने के लिए सरकार ने 136 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है. इन पदों के भरने के बाद अस्पताल में ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा. इससे दुर्घटना में घायलों को बेहतर इलाज से सर्जरी की सुविधा होगी. इससे लंबे समय से हिमाचल में ट्रामा सेंटर का इंतजार कर रही जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी.
इससे संबंधित सभी छह विभागों न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, अनेस्थिसिया, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी में तीन चरणों में चौबीसों घंटे सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी. वही, सोमवार को सीएम के आदेशों के बाद पहले ही आइजीएमसी प्रशासन ने ट्रामा सेंटर शुरू करने की तैयारी की शुरू कर दी थी. इसके लिए मशीनें स्थापित करने से लेकर अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही है. सोमवार को इसको लेकर अस्पताल में एमएस डॉ. राहुल राव की अध्यक्षता में बैठक की गई थी.
बैठक में एमएस ने अधिकारियों को जल्दी ही औपचारिकता पूरी करने के निदेश दिए थे. इसमें अधिकारियों से डिटेल ली थी कि ट्रामा सेंटर में कितना काम किया है और कितना काम अभी बाकी है. ट्रामा सेंटर बनने से आपात स्थिति में आने वाले मरीजों को सुविधा मिलेगी. सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यह 24 घंटे खुला रहेगा और यहां पर पर्याप्त स्टाफ मौजूद रहेगा. ट्रामा सेंटर में बेड कम होने की भी दिक्कत नहीं होगी. यहां पर पर्याप्त बेड उपलब्ध होंगे. इसके अलावा आपात स्थिति में हर तरह के टेस्ट भी यहीं पर हो सकेंगे. वहीं, मरीजों को वाहन पार्क करने की भी सुविधा मिलेगी.
दस सालों से लटका था मामला: शिमला में ट्रामा सेंटर बनाने का मामला पिछले करीब दस सालों से लटका हुआ था. नेशनल हेल्थ मिशन ने इसके लिए बजट मंजूर किया था, लेकिन इसके लिए शिमला में जगह ही चयनित नहीं हो पाई थी. पहले रिपन अस्पताल, इंडस अस्पताल सहित शहर के कुछ अन्य स्थानों पर ट्रामा सेंटर बनाने के लिए जगह चिन्हित की गई थी, लेकिन इसे अप्रूवल नहीं मिली. इसके बाद आईजीएमसी के न्यू ओपीडी में इसे बनाने की मंजूरी मिली.
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