शिमला: देश भर में चर्चा में आये एक करोड़ रुपये के स्कूटी के फैंसी नम्बर फ्रॉड के बाद अब हिमाचल सरकार ने नए नियम बनाये हैं. अब फैंसी नम्बर हासिल करने के लिए ऑक्शन में भाग लेने के लिए बोलीदाता को 30 फीसदी रकम एडवांस में जमा करवानी होगी. मंगलवार 16 मई से नए नियम लागू हो गए हैं.
परिवहन विभाग के निदेशक आईएएस अनुपम कश्यप ने बताया कि संशोधित ई-ऑक्शन प्रणाली आज यानी 16 मई से शुरू कर दी गयी है. गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में हिमाचल में कोटखाई सीरीज के फैंसी यानी वीवीआइपी नम्बर HP-99-9999 के लिए एक व्यक्ति ने एक करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगाई थी. खास बात ये है कि एक करोड़ की ये बोली स्कूटी के नंबर के लिए लगाई गई थी. उसके बाद मामला देश भर में चर्चित हो गया. इस प्रक्रिया में लंबे अरसे से धांधली चल रही थी. चूंकि फैंसी नम्बर की बोली के लिए कोई एडवांस शुल्क नहीं था, इसलिए कुछ लोग इस प्रक्रिया का नाजायज लाभ उठा कर नम्बर हासिल कर लेते थे.
अब नए नियम आने के बाद इस धांधली पर रोक लगेगी. परिवहन विभाग के निदेशक ने बताया कि कोटखाई सीरीज विवाद में आने के बाद विभाग के मंत्री और राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने ई-ऑक्शन प्रणाली में संशोधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे, ताकि भविष्य में शरारती तत्व संशोधित प्रणाली के साथ छेड़छाड़ न कर सके. उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में संशोधित प्रणाली को बैजनाथ और शिमला पंजीकरण प्राधिकरण में शुरू किया जाएगा. प्रणाली सफल होने पर इसे शेष रीजन में भी लागू किया जाएगा.
संशोधित ई-ऑक्शन प्रणाली के अनुसार आवेदनकर्ता सोमवार से लेकर शनिवार तक विभागीय पोर्टल पर अपनी पसन्द के फैंसी नम्बर के लिए बोली में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं. इसके लिए दो हजार रुपये का पंजीकरण शुल्क जमा करवाना होगा. रविवार के दिन इन फैंसी नम्बर की बोली का परिणाम पांच बजे के बाद ऑनलाइन स्वतः ही घोषित हो जाएगा.
बोली के लिए पंजीकरण करवाने वाले आवेदनकर्ता को तय बेसिक प्राइस का 30 प्रतिशत अग्रिम रूप में जमा करवाना अनिवार्य होगा. बोली में प्रथम स्थान वाला आवेदनकर्ता यदि किसी कारण फैंसी नम्बर लेने में असमर्थ रहता है तो उसके द्वारा जमा करवाई गई 30 प्रतिशत अग्रिम राशि वापिस नहीं होगी. यह राशि सरकारी कोष में जमा होगी. बोली से हटने पर उस वीवीआइपी नम्बर के लिए नए सिरे से ऑक्शन होगा.
परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि इस से पूर्व परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के फैंसी नम्बर जारी करने के लिए अपनाई गई ई-ऑक्शन प्रणाली में कुछ त्रुटियां सामने आयी थीं. कुछ मामलों में सफल बोलीदाता द्वारा लगाई गई बोली की राशि जमा नहीं करवाई जाती थी और ये वीवीआइपी नम्बर फिर निचले बोलीदाता द्वारा कम राशि में प्राप्त किए जाते थे. ऐसे कारणों से विभाग द्वारा ई-ऑक्शन प्रणाली को निलंबित कर दिया गया था. अब नये सिरे से संशोधित प्रणाली लागू की गयी है.
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