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रिज मैदान पर निगम के कर्मचारी ही उठाएंगे घोड़ों की लीद, कोरोना काल में दी गई घोड़ा संचालकों को राहत

कोरोना संकट को देखते हुए नगर निगम घोड़ो की लीद उठाने के लिए अपने ही कर्मियों की सेवाएं जारी रखेगा. रिज मैदान पर घोड़ा संचालकों से फिलहाल नगर निगम पैसे नहीं वसूलेगा. आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के चार कर्मी इसी काम में लगे होते हैं और उनका वेतन एक लाख से ज्यादा है. घोड़ा संचालक नाम मात्र का हर माह शुल्क दे रहा है जिससे निगम को घाटा हो रहा है.

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Published : May 5, 2021, 5:44 PM IST

शिमला: रिज मैदान पर घोड़ा संचालकों से फिलहाल नगर निगम पैसे नहीं वसूलेगा. कोरोना संकट को देखते हुए नगर निगम घोड़ो की लीद उठाने के लिए अपने ही कर्मियों की सेवाएं जारी रखेगा. निगम की ओर से घोड़ा संचालकों को रिज पर घोड़ों की लीद उठाने के लिए या कर्मियों की व्यवस्था करने या फिर एक लाख 25 हजार निगम को देने के निर्देश दिए गए थे. नगर निगम के इस फैसले से घोड़ा संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई थी और पैसे देने में असमर्थता जताई थी.

कोरोना काल में घोड़ा संचालकों को राहत

नगर निगम का कहना है कि घोड़ा संचालक कोई भी पैसा नहीं दे रहा है जबकि लीद उठाने के लिए चार कर्मी लग रहे हैं. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि घोड़ा संचालक लीद उठाने की खुद व्यवस्था करें, यह फैसला मासिक बैठक में लिया गया था. निगम की ओर से घोड़ा संचालकों को इसके लिए कहा गया है लेकिन आजकल कोविड संकट का दौर चला है तो फिलहाल निगम के ही कर्मी काम करेंगे लेकिन उसके बाद घोड़ा संचालको को ही व्यवस्था करनी पड़ेगी.

वीडियो.

कोरोना काल के बाद खुद करनी होगी व्यवस्था

आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के चार कर्मी इसी काम में लगे होते हैं और उनका वेतन एक लाख से ज्यादा है. घोड़ा संचालक नाम मात्र का हर माह शुल्क दे रहा है जिससे निगम को घाटा हो रहा है. बता दें कि रिज मैदान पर 12 के करीब घोड़े हैं जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को घुड़सवारी करवा रहे हैं. वह एक व्यक्ति से 80 रुपए लेते हैं. इन घोड़ों की लीद उठाने का कार्य कई वर्षों से निगम के कर्मी दिन भर करते रहते हैं ताकि रिज पर गदगी न फैले. वहीं, अब निगम ने घोड़ा संचालकों को खुद इसकी व्यवस्था करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू बीजेपी ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

शिमला: रिज मैदान पर घोड़ा संचालकों से फिलहाल नगर निगम पैसे नहीं वसूलेगा. कोरोना संकट को देखते हुए नगर निगम घोड़ो की लीद उठाने के लिए अपने ही कर्मियों की सेवाएं जारी रखेगा. निगम की ओर से घोड़ा संचालकों को रिज पर घोड़ों की लीद उठाने के लिए या कर्मियों की व्यवस्था करने या फिर एक लाख 25 हजार निगम को देने के निर्देश दिए गए थे. नगर निगम के इस फैसले से घोड़ा संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई थी और पैसे देने में असमर्थता जताई थी.

कोरोना काल में घोड़ा संचालकों को राहत

नगर निगम का कहना है कि घोड़ा संचालक कोई भी पैसा नहीं दे रहा है जबकि लीद उठाने के लिए चार कर्मी लग रहे हैं. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि घोड़ा संचालक लीद उठाने की खुद व्यवस्था करें, यह फैसला मासिक बैठक में लिया गया था. निगम की ओर से घोड़ा संचालकों को इसके लिए कहा गया है लेकिन आजकल कोविड संकट का दौर चला है तो फिलहाल निगम के ही कर्मी काम करेंगे लेकिन उसके बाद घोड़ा संचालको को ही व्यवस्था करनी पड़ेगी.

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कोरोना काल के बाद खुद करनी होगी व्यवस्था

आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के चार कर्मी इसी काम में लगे होते हैं और उनका वेतन एक लाख से ज्यादा है. घोड़ा संचालक नाम मात्र का हर माह शुल्क दे रहा है जिससे निगम को घाटा हो रहा है. बता दें कि रिज मैदान पर 12 के करीब घोड़े हैं जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को घुड़सवारी करवा रहे हैं. वह एक व्यक्ति से 80 रुपए लेते हैं. इन घोड़ों की लीद उठाने का कार्य कई वर्षों से निगम के कर्मी दिन भर करते रहते हैं ताकि रिज पर गदगी न फैले. वहीं, अब निगम ने घोड़ा संचालकों को खुद इसकी व्यवस्था करने को कहा है.

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